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झारखंड के सभी प्रखंडों में खुलेगा पलाश मार्ट, प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए बैंक से मिलेगा ऋण

झारखंड के सभी प्रखंडों में पलाश मार्ट (Palash Mart) खोला जाएगा. इसे लेकर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन (Dr. Manish Ranjan) ने राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र भेजा है. डॉ मनीष रंजन ने उपायुक्तों को झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (Jharkhand State Livelihood Promotion Society) अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन और अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है.

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पलाश मार्ट
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Published : Aug 13, 2021, 11:23 AM IST

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन (Dr. Manish Ranjan) ने राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र भेजा है. उन्होंने उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (Jharkhand State Livelihood Promotion Society) अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन और अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए आवश्यक कदम उठाएं. डॉ मनीष ने उपायुक्त को राज्य के सभी प्रखंडों में पलाश मार्ट (Palash Mart) खोलने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में पलाश मार्ट की स्थापना, 32 लाख ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को मिलेगा बाजार

डॉ मनीष रंजन ने उपायुक्तों को नए समूहों को बैंक ऋण से जोड़ने, पुराने समूहों को ऋण निकासी कराने और सखी मंडल की उद्यमी सदस्यों को मुद्रा ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष बल देने का निर्देश दिया है. सचिव ने बताया कि आरसेटी अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को स्व-रोजगार के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराने का भी निर्देश सभी उपायुक्तों को दिया गया है, इससे लोग आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे.

इन बिंदुओं पर सचिव ने उपायुक्तों को दिया ध्यान देने का निर्देश


1. पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, पीएमजेएवाई तथा अटल पेंशन जैसी बीमा योजनाओं के अंतर्गत समूहों के सदस्यों को नामांकित कराना.

2. सखी मंडल के सदस्यों में से बीसी सखी का चयन कर सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित कराना.


3. जिला में बीसी चैनल के माध्यम से समुदाय आधारित संगठनों जैसे समूह, ग्राम संगठन आदि में लेन-देन को बढ़ावा देना.

4. जिला अंतर्गत तीन आजीविका संसाधन केंद्र तथा सभी प्रखंडों में एक-एक चूजा हार्डनिंग केंद्र स्थापित करने में मदद करना.

5. वन- धन केन्द्रों द्वारा खरीदे जाने वाले लघु वनोपज को झामकोफेड संस्था के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में क्रय कराना.

6. वन धन केन्द्रों, उत्पादक समूहों तथा ग्रामीण सेवा केन्द्रों के लिए प्रखंड स्तर पर कार्यालय-सह-भंडारण कक्ष हेतु उपयुक्त भवन उपलब्ध कराना.

7. एनआरईटीपी के संकुल संगठनों को झारखंड सेल्फ सपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 1996 के अंतर्गत पंजीकृत कराना.

8. टीएचआर के अंतर्गत सामग्रियों का उचित दर में क्रय, पैकेजिंग को सुचारू रूप से वितरण के लिए उपलब्ध कराना.

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन (Dr. Manish Ranjan) ने राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र भेजा है. उन्होंने उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (Jharkhand State Livelihood Promotion Society) अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन और अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए आवश्यक कदम उठाएं. डॉ मनीष ने उपायुक्त को राज्य के सभी प्रखंडों में पलाश मार्ट (Palash Mart) खोलने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में पलाश मार्ट की स्थापना, 32 लाख ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को मिलेगा बाजार

डॉ मनीष रंजन ने उपायुक्तों को नए समूहों को बैंक ऋण से जोड़ने, पुराने समूहों को ऋण निकासी कराने और सखी मंडल की उद्यमी सदस्यों को मुद्रा ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष बल देने का निर्देश दिया है. सचिव ने बताया कि आरसेटी अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को स्व-रोजगार के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराने का भी निर्देश सभी उपायुक्तों को दिया गया है, इससे लोग आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे.

इन बिंदुओं पर सचिव ने उपायुक्तों को दिया ध्यान देने का निर्देश


1. पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, पीएमजेएवाई तथा अटल पेंशन जैसी बीमा योजनाओं के अंतर्गत समूहों के सदस्यों को नामांकित कराना.

2. सखी मंडल के सदस्यों में से बीसी सखी का चयन कर सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित कराना.


3. जिला में बीसी चैनल के माध्यम से समुदाय आधारित संगठनों जैसे समूह, ग्राम संगठन आदि में लेन-देन को बढ़ावा देना.

4. जिला अंतर्गत तीन आजीविका संसाधन केंद्र तथा सभी प्रखंडों में एक-एक चूजा हार्डनिंग केंद्र स्थापित करने में मदद करना.

5. वन- धन केन्द्रों द्वारा खरीदे जाने वाले लघु वनोपज को झामकोफेड संस्था के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में क्रय कराना.

6. वन धन केन्द्रों, उत्पादक समूहों तथा ग्रामीण सेवा केन्द्रों के लिए प्रखंड स्तर पर कार्यालय-सह-भंडारण कक्ष हेतु उपयुक्त भवन उपलब्ध कराना.

7. एनआरईटीपी के संकुल संगठनों को झारखंड सेल्फ सपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 1996 के अंतर्गत पंजीकृत कराना.

8. टीएचआर के अंतर्गत सामग्रियों का उचित दर में क्रय, पैकेजिंग को सुचारू रूप से वितरण के लिए उपलब्ध कराना.

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