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रांची: बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन, शिशु विशेषज्ञों ने दी जानकारी - Rims of Ranchi

रिम्स में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पूरे देश के शिशु विशेषज्ञों को बुलाकर बच्चों से जुड़ी बीमारियों को लेकर चर्चा की गई और कुपोषण को बड़ी समस्या बताया गया है.

दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Nov 11, 2019, 11:09 AM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ऑडिटोरियम में बच्चों में बढ़ रही बीमारियों को लेकर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के शिशु विशेषज्ञों को बुलाकर एक सम्मेलन किया गया. जिसमें बच्चों से जुड़ी बीमारियों को लेकर चर्चा की गई.

देखें पूरी खबर

रिम्म में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉक्टरों ने बच्चों से जुड़ी विभिन्न बीमारी और उचित पोषण को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया. इस सम्मेलन के मुख्य आयोजक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को जागरूक कैसे किया जाए, क्योंकि अगर बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी राष्ट्र का भविष्य बेहतर होगा और राष्ट्र भी स्वस्थ रहेगा.


डॉ. राजीव मिश्रा ने कहा कि झारखंड के लोगों को पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रहने के कारण झारखंड के बच्चों में कुपोषण की समस्या देखी जाती है. इसलिए पोषक तत्वों की जानकारी के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है.

ये भी देखें- रांची में जारी है पुलिस की निगरानी, सोशल मीडिया पर विशेष नजर

मां के दूध से ही बच्चे के स्वास्थ्य का होता है संपूर्ण विकास
दो दिवसीय कार्यक्रम में बताया गया कि जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां के दूध का सेवन करना चाहिए. उसके बाद दो सालों तक कंप्लीमेंट्री भोजन के साथ मां का दूध सेवन कराने से कुपोषण जैसी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में दिल्ली, लखनऊ, मुंबई से आए डॉक्टरों ने विचारों का आदान प्रदान किया ताकि झारखंड में भी बच्चों के इलाज में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ बेहतर इलाज हो सके.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ऑडिटोरियम में बच्चों में बढ़ रही बीमारियों को लेकर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के शिशु विशेषज्ञों को बुलाकर एक सम्मेलन किया गया. जिसमें बच्चों से जुड़ी बीमारियों को लेकर चर्चा की गई.

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रिम्म में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉक्टरों ने बच्चों से जुड़ी विभिन्न बीमारी और उचित पोषण को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया. इस सम्मेलन के मुख्य आयोजक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को जागरूक कैसे किया जाए, क्योंकि अगर बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी राष्ट्र का भविष्य बेहतर होगा और राष्ट्र भी स्वस्थ रहेगा.


डॉ. राजीव मिश्रा ने कहा कि झारखंड के लोगों को पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रहने के कारण झारखंड के बच्चों में कुपोषण की समस्या देखी जाती है. इसलिए पोषक तत्वों की जानकारी के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है.

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मां के दूध से ही बच्चे के स्वास्थ्य का होता है संपूर्ण विकास
दो दिवसीय कार्यक्रम में बताया गया कि जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां के दूध का सेवन करना चाहिए. उसके बाद दो सालों तक कंप्लीमेंट्री भोजन के साथ मां का दूध सेवन कराने से कुपोषण जैसी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में दिल्ली, लखनऊ, मुंबई से आए डॉक्टरों ने विचारों का आदान प्रदान किया ताकि झारखंड में भी बच्चों के इलाज में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ बेहतर इलाज हो सके.

Intro:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ऑडिटोरियम में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पूरे देश के शिशु विशेषज्ञों को बुलाकर एक सम्मेलन किया गया।

जिसमें बच्चों से जुड़ी बीमारियों को लेकर चर्चा की गई जहां डॉक्टरों ने बच्चों से जुड़ी विभिन्न बीमारी एवं उचित पोषण को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया ।





Body:सम्मेलन के मुख्य आयोजक एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि 2 दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को जागरूक कैसे किया जाये।

क्योंकि अगर बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी राष्ट्र का भविष्य बेहतर होगा और राष्ट्र भी स्वस्थ रहेगा।

डॉ राजीव मिश्रा बताते हैं कि झारखंड के लोगों को पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रहने की वजह से झारखंड के बच्चों में कुपोषण की समस्या देखी जाती है, इसीलिए पोषक तत्वों की जानकारी के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।


Conclusion:मां के दूध से ही बच्चे के स्वास्थ्य का होता है संपूर्ण विकास।

दो दिवसीय कार्यक्रम में बताया गया कि जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां के दूध का सेवन करना चाहिए उसके बाद 2 वर्षों तक कंप्लीमेंट्री भोजन के साथ मां का दूध सेवन कराने से कुपोषण जैसी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।

वहीं उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में दिल्ली लखनऊ मुंबई से आए डॉक्टरों द्वारा विचारों का आदान प्रदान किया गया ताकि झारखंड में भी बच्चों के इलाज में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ बेहतर इलाज हो सके।

ताकि झारखंड के नौनिहाल भी कुपोषण मुक्त होकर देश एवं राज्य के विकास में सहयोग दें।

बाइट-राजीव मिश्रा,शिशु विशेषज्ञ, रिम्स।
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