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नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में बड़ा फेरबदल, रंजीत बोस बना बॉस, गुरिल्ला वार में तेजी की तैयारी - नक्सली

माओवादियों में सांगठनिक फेरबदल किए गए हैं. बता दें कि बैठक में आईआरबी के सचिव के तौर पर रंजीत बोस की ताजपोशी की गई है. रंजीत बोस उर्फ कंचन दा को संगठन का बॉस बनाया गया है.

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Published : Feb 5, 2020, 5:56 AM IST

Updated : Feb 5, 2020, 6:11 AM IST

रांची: देश के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में बड़ा फेरबदल हुआ है. झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल को मिलाकर बनाई गई ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव रंजीत बोस उर्फ कंचन दा को बनाया गया है.

देखें पूरी खबर

एक करोड़ का इनामी है प्रशांत बोस
झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, प्रशांत बोस की उम्र काफी अधिक हो चुकी है. बीते दो-तीन सालों से बीमारी के कारण प्रशांत बोस की गतिविधियां न के बराबर थी. ऐसे में संगठन के काम में तेजी लाने के लिए माओवादी सुप्रीमो नंबला केशव राव के आदेश पर सारंडा में बैठक हुई थी. बैठक में आईआरबी के सचिव के तौर पर रंजीत बोस की ताजपोशी की गई है. प्रशांत बोस संगठन का शीर्ष पोलित ब्यूरो सदस्य रहा है. प्रशांत बोस पर झारखंड पुलिस ने एक करोड़ का इनाम भी रखा है.

ये भी पढ़ें- पैसे डबल करने का सपना दिखा एक करोड़ की ठगी, एक साल बाद दबोचा गया आरोपी

गुरिल्ला वार में आएगी तेजी
नंबला केशव राव के माओवादी संगठन में प्रमुख के तौर पर जुड़ने के बाद संगठन कोल्हान के इलाके में मजबूत हुआ है. बीते साल फरवरी में बैठक के बाद पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी में शामिल कर कोल्हान का दायित्व दिया गया था. इस साल हुई बैठक के बाद माओवादियों के बड़े थिंक टैक के तौर पर जाने जाने वाले रंजीत बोस को आईआरबी का प्रमुख बनाया गया. संगठन की रणनीतियों के बारे में जो सूचनाएं मिली हैं, उसमें यह बताया गया है कि भाकपा माओवादी संगठन गुरिल्ला टीम को मजबूत करेगी. साथ ही गुरिल्ला हमले बढ़ेंगे.

कौन है रंजीत बोस
आईआरबी के नए प्रमुख रंजीत बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है. माओवादी संगठन में केंद्रीय कमेटी मेंबर रहा रंजीत बोस बीते दो तीन सालों से सारंडा में रह रहा था. संगठन में रंजीत बोस को कंचन दा, प्रसाद, कंचना, सुमन के नाम से जाना जाता है. रंजीत की संगठन पर अच्छी पकड़ मानी जाती है और वर्तमान में संगठन का हिसाब किताब रखता है.

ये भी पढ़ें- स्कूल में मारपीट, एक बच्चे की फोड़ी आंख

संगठन से खुद किनारा कर रहे बुजुर्ग
भाकपा माओवादी संगठन से बुजुर्ग खुद किनारा कर रहे हैं. बीते साल गणपति ने भाकपा माओवादियों के प्रमुख का पद छोड़ दिया था. गणपति की जगह मिलिट्री कमीशन के हेड नंबला केशव राव को माओवादी प्रमुख बनाया गया था. गणपति के बाद माओवादियों के पोलित ब्यूरो के मेंबर प्रशांत बोस ने भी बढ़ी उम्र के कारण संगठन से किनारा कर लिया है.

रांची: देश के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में बड़ा फेरबदल हुआ है. झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल को मिलाकर बनाई गई ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव रंजीत बोस उर्फ कंचन दा को बनाया गया है.

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एक करोड़ का इनामी है प्रशांत बोस
झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, प्रशांत बोस की उम्र काफी अधिक हो चुकी है. बीते दो-तीन सालों से बीमारी के कारण प्रशांत बोस की गतिविधियां न के बराबर थी. ऐसे में संगठन के काम में तेजी लाने के लिए माओवादी सुप्रीमो नंबला केशव राव के आदेश पर सारंडा में बैठक हुई थी. बैठक में आईआरबी के सचिव के तौर पर रंजीत बोस की ताजपोशी की गई है. प्रशांत बोस संगठन का शीर्ष पोलित ब्यूरो सदस्य रहा है. प्रशांत बोस पर झारखंड पुलिस ने एक करोड़ का इनाम भी रखा है.

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गुरिल्ला वार में आएगी तेजी
नंबला केशव राव के माओवादी संगठन में प्रमुख के तौर पर जुड़ने के बाद संगठन कोल्हान के इलाके में मजबूत हुआ है. बीते साल फरवरी में बैठक के बाद पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी में शामिल कर कोल्हान का दायित्व दिया गया था. इस साल हुई बैठक के बाद माओवादियों के बड़े थिंक टैक के तौर पर जाने जाने वाले रंजीत बोस को आईआरबी का प्रमुख बनाया गया. संगठन की रणनीतियों के बारे में जो सूचनाएं मिली हैं, उसमें यह बताया गया है कि भाकपा माओवादी संगठन गुरिल्ला टीम को मजबूत करेगी. साथ ही गुरिल्ला हमले बढ़ेंगे.

कौन है रंजीत बोस
आईआरबी के नए प्रमुख रंजीत बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है. माओवादी संगठन में केंद्रीय कमेटी मेंबर रहा रंजीत बोस बीते दो तीन सालों से सारंडा में रह रहा था. संगठन में रंजीत बोस को कंचन दा, प्रसाद, कंचना, सुमन के नाम से जाना जाता है. रंजीत की संगठन पर अच्छी पकड़ मानी जाती है और वर्तमान में संगठन का हिसाब किताब रखता है.

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संगठन से खुद किनारा कर रहे बुजुर्ग
भाकपा माओवादी संगठन से बुजुर्ग खुद किनारा कर रहे हैं. बीते साल गणपति ने भाकपा माओवादियों के प्रमुख का पद छोड़ दिया था. गणपति की जगह मिलिट्री कमीशन के हेड नंबला केशव राव को माओवादी प्रमुख बनाया गया था. गणपति के बाद माओवादियों के पोलित ब्यूरो के मेंबर प्रशांत बोस ने भी बढ़ी उम्र के कारण संगठन से किनारा कर लिया है.

Intro:माओवादियों में सांगठनिक फेरबदल, रंजीत बोस उर्फ कंचन दा बना बॉस ,गुरिल्ला वार में आएगी तेजी,

रांची

रांची। देश के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी  में बड़ा फेरबदल हुआ है। झारखंड, बिहार, उड़िसा, पश्चिम बंगाल को मिलाकर बनायी गई ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव रंजीत बोस उर्फ कंचन दा को बनाया गया है।

झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, प्रशांत बोस की उम्र काफी अधिक हो चुकी है। बीते दो- तीन सालों से बीमारी के कारण प्रशांत बोस की गतिविधियां नगण्य थीं। ऐसे में संगठन के काम में तेजी लाने के लिए माओवादी सुप्रीमो नंबला केशव राव के आदेश पर सारंडा में बैठक हुई थी। बैठक में आईआरबी के सचिव के तौर पर रंजीत बोस की ताजपोशी की गई है। प्रशांत बोस संगठन के शीर्ष पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे हैं। प्रशांत बोस पर झारखंड पुलिस ने एक करोड़ का ईनाम भी रखा है।

गुरिल्ला वार में आएगी तेजी
नंबला केशव राव के माओवादी संगठन में प्रमुख के तौर पर जुड़ने के बाद संगठन कोल्हान के इलाके में मजबूत हुआ है। बीते साल फरवरी में बैठक के बाद पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी में शामिल कर कोल्हान का दायित्व दिया गया था। इस साल हुई बैठक के बाद माओवादियों के बड़े थिंक टैक के तौर पर जाने जाने वाले रंजीत बोस को आईआरबी का प्रमुख बनाया गया। संगठन की रणनीतियों के बारे में जो सूचनाएं मिली हैं, उसमें यह बताया गया है कि भाकपा माओवादी संगठन गुरिल्ला टीम को मजबूत करेगी। साथ ही गुरिल्ला हमले बढ़ेंगे।

कौन है रंजीत बोस
आईआरबी के नए प्रमुख रंजीत बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है। माओवादी संगठन में केंद्रीय कमेटी मेंबर रहा रंजीत बोस बीते दो तीन सालों से सारंडा में रह रहा था। संगठन में रंजीत बोस को कंचन दा , प्रसाद , कंचना , सुमन के नाम से जाना जाता है। रंजीत की संगठन  पर अच्छी पकड़ मानी जाती है और वर्तमान में संगठन का हिसाब किताब रखता है।

संगठन से खुद किनारा कर रहे बुजुर्ग

भाकपा माओवादी संगठन से बुजुर्ग खुद किनारा कर रहे हैं। बीते साल गणपति ने भाकपा माओवादियों के प्रमुख का पद त्याग दिया था। गणपति की जगह मिलिट्री कमीशन के हेड नंबला केशव राव को माओवादी प्रमुख बनाया गया था। गणपति के बाद माओवादियों के पोलित ब्यूरो के मेंबर प्रशांत बोस ने भी बढ़ी उम्र के कारण संगठन से किनारा कर लिया है।Body:1Conclusion:2
Last Updated : Feb 5, 2020, 6:11 AM IST
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