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आखिर कब खुलेगा मंदिर और बच्चों का स्कूल! विपक्ष का सरकार पर हमला, जल्द हो सकता है फैसला - Jharkhand Politics News

झारखंड में बंद स्कूलों और मंदिरों को खोलने की मांग तेज हो गई है. विपक्ष इसे लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है. बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर बहुसंख्यक लोगों के भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है. वहीं सरकार भी स्कूलों और मंदिरों को जल्द खोलने का मन बना रही है.

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स्कूल खोलने पर राजनीति
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Published : Sep 14, 2021, 4:57 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 7:35 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना के कारण बंद स्कूलों और मंदिरों को खोलने की मांग तेज हो गई है. पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामा मचाए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक में निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आपदा प्रबंधन की बैठक में कोई फलाफल नहीं निकलने पर विपक्ष एक बार सत्तापक्ष पर सवाल खड़ा करने लगा है.

इसे भी पढे़ं: कक्षा 1 से 8 तक स्कूल खोले जाने के प्रस्ताव पर अभिभावक संघ ने उठाए सवाल, कहा- ऑनलाइन क्लास पर जोर देने की जरूरत


विपक्ष के साथ-साथ अभिभावक संघ हुआ हमलावर

मंदिर और स्कूलों के खोले जाने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर एक बार हमला तेज कर दिया है. बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर बहुसंख्यक लोगों के भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अमित सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मंदिरों को खोलने के बजाय राज्य सरकार विधानसभा में नमाज कक्ष खोल रही है. सरकार को मंदिरों को खोलने पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए. इसके अलावा क्लास एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने के लिए सरकार को अभिभावक और स्कूल प्रबंधन से विचार विमर्श कर रोस्टर के जरिए स्कूलों में क्लास शुरू करना चाहिए. कोरोना के कारण घर में रह रहे बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं.

स्कूल और मंदिर खोलने पर राजनीति

स्कूलों और मंदिरों को खोलने पर जल्द होगा फैसला

वहीं झारखंड अभिभावक संघ ने सरकार को बिना अभिभावकों की राय लिए स्कूलों को नहीं खोलने की सलाह दी है. अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इससे पहले कक्षा 09 से 12 तक का जो क्लास चल रहा है. उसमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम है. कोरोना के डर और व्यवस्था की कमी के कारण बच्चों ने स्कूल से मुंह मोड़ लिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की बैठक कर उनसे राय लिए बिना कोई फैसला नहीं लेना चाहिए. इधर कांग्रेस ने उम्मीद जताया है कि जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक में मंदिर और स्कूलों के खोलने पर सरकार निर्णय लेगी. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस सप्ताह बैठक कर मंदिर और स्कूलों के खोलने पर निर्णय लिया जाएगा.

इसे भी पढे़ं: ठंडे बस्ते में कॉलेजों से प्लस-2 स्कूलों को अलग करने की योजना, उलझन में विभाग



आपदा प्रबंधन की जल्द बैठक होने की है संभावना

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक होगी. संभावना यह जताई जा रही है कि बैठक वुधवार या गुरुवार को बुलाई जाएगी. बैठक में स्वास्थ्य सह आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल सहित कई पदाधिकारी शामिल होंगे. पिछले सप्ताह हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में मंदिर खोलने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आए फैसले की कॉपी को अगली बैठक में रखने की बात कही गई थी.

रांची: झारखंड में कोरोना के कारण बंद स्कूलों और मंदिरों को खोलने की मांग तेज हो गई है. पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामा मचाए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक में निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आपदा प्रबंधन की बैठक में कोई फलाफल नहीं निकलने पर विपक्ष एक बार सत्तापक्ष पर सवाल खड़ा करने लगा है.

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विपक्ष के साथ-साथ अभिभावक संघ हुआ हमलावर

मंदिर और स्कूलों के खोले जाने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर एक बार हमला तेज कर दिया है. बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर बहुसंख्यक लोगों के भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अमित सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मंदिरों को खोलने के बजाय राज्य सरकार विधानसभा में नमाज कक्ष खोल रही है. सरकार को मंदिरों को खोलने पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए. इसके अलावा क्लास एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने के लिए सरकार को अभिभावक और स्कूल प्रबंधन से विचार विमर्श कर रोस्टर के जरिए स्कूलों में क्लास शुरू करना चाहिए. कोरोना के कारण घर में रह रहे बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं.

स्कूल और मंदिर खोलने पर राजनीति

स्कूलों और मंदिरों को खोलने पर जल्द होगा फैसला

वहीं झारखंड अभिभावक संघ ने सरकार को बिना अभिभावकों की राय लिए स्कूलों को नहीं खोलने की सलाह दी है. अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इससे पहले कक्षा 09 से 12 तक का जो क्लास चल रहा है. उसमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम है. कोरोना के डर और व्यवस्था की कमी के कारण बच्चों ने स्कूल से मुंह मोड़ लिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की बैठक कर उनसे राय लिए बिना कोई फैसला नहीं लेना चाहिए. इधर कांग्रेस ने उम्मीद जताया है कि जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक में मंदिर और स्कूलों के खोलने पर सरकार निर्णय लेगी. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस सप्ताह बैठक कर मंदिर और स्कूलों के खोलने पर निर्णय लिया जाएगा.

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आपदा प्रबंधन की जल्द बैठक होने की है संभावना

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में जल्द ही आपदा प्रबंधन की बैठक होगी. संभावना यह जताई जा रही है कि बैठक वुधवार या गुरुवार को बुलाई जाएगी. बैठक में स्वास्थ्य सह आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल सहित कई पदाधिकारी शामिल होंगे. पिछले सप्ताह हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में मंदिर खोलने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आए फैसले की कॉपी को अगली बैठक में रखने की बात कही गई थी.

Last Updated : Sep 14, 2021, 7:35 PM IST
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