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सदन के बाहर विपक्षी दलों ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किया प्रदर्शन, सरकार पर लगाया संवेदनहीनता का आरोप

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Published : Mar 10, 2021, 12:51 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 2:14 PM IST

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन के बाहर विपक्षी दलों ने डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है.

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झारखंड विधानसभा

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 9वां दिन है. विपक्षी दल ने सदन के बाहर डॉक्टरों के हड़ताल को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि 72 घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर संवेदनशील नहीं है. जिसके कारण स्पष्ट होता है कि सरकार किस तरीके से डॉक्टरों की मांग पर उदासीन है. डॉक्टरों की मांग को लेकर हड़ताल से 72 घंटे बीत जाने के बाद सरकार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जिसके कारण रिम्स की ओपीडी सेवा प्रभावित है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल के छत से गिरा लिफ्टमैन, मौके पर मौत, परिजनों ने बताया साजिश


हड़ताल पर हैं डॉक्टर
बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि आज झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था का सबसे बुरा हाल है. डॉक्टर हड़ताल पर है और उसका वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. जिला के स्वास्थ्य व्यवस्था का तो हाल बुरा है ही लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि रांची के हृदय स्थल रिम्स की भी यही हाल है. न्यूरोलॉजी विभाग का हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों का क्या हाल है. ऐसे में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को इस पर चर्चा करने के बजाय सरकार चयन से सोई है. सरकार को ना तो मरीजों की चिंता है और ना ही डॉक्टरों की. यही कारण है कि डॉक्टरों की हड़ताल को तोड़वाने को लेकर सरकार अब तक कोई कदम नहीं उठा रही है.


झारखंड में स्वास्थ्य की स्थिति बद से बदतर
बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य की स्थिति बद से बदतर हो गई है. डॉक्टर अपने विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार मौन साधे हुई है. उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है. सरकार उनकी मांगों पर विचार करें क्योंकि उनके हड़ताल में जाने के कारण राज्य के मरीजों का बुरा हाल है. हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है और सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की वजह इस पर कोई पहल तक नहीं कर रही है. डॉक्टर अपने वेतन भुगतान मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 9वां दिन है. विपक्षी दल ने सदन के बाहर डॉक्टरों के हड़ताल को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि 72 घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर संवेदनशील नहीं है. जिसके कारण स्पष्ट होता है कि सरकार किस तरीके से डॉक्टरों की मांग पर उदासीन है. डॉक्टरों की मांग को लेकर हड़ताल से 72 घंटे बीत जाने के बाद सरकार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जिसके कारण रिम्स की ओपीडी सेवा प्रभावित है.

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हड़ताल पर हैं डॉक्टर
बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि आज झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था का सबसे बुरा हाल है. डॉक्टर हड़ताल पर है और उसका वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. जिला के स्वास्थ्य व्यवस्था का तो हाल बुरा है ही लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि रांची के हृदय स्थल रिम्स की भी यही हाल है. न्यूरोलॉजी विभाग का हाल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों का क्या हाल है. ऐसे में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को इस पर चर्चा करने के बजाय सरकार चयन से सोई है. सरकार को ना तो मरीजों की चिंता है और ना ही डॉक्टरों की. यही कारण है कि डॉक्टरों की हड़ताल को तोड़वाने को लेकर सरकार अब तक कोई कदम नहीं उठा रही है.


झारखंड में स्वास्थ्य की स्थिति बद से बदतर
बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य की स्थिति बद से बदतर हो गई है. डॉक्टर अपने विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार मौन साधे हुई है. उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है. सरकार उनकी मांगों पर विचार करें क्योंकि उनके हड़ताल में जाने के कारण राज्य के मरीजों का बुरा हाल है. हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है और सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की वजह इस पर कोई पहल तक नहीं कर रही है. डॉक्टर अपने वेतन भुगतान मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं.

Last Updated : Mar 10, 2021, 2:14 PM IST
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