रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister Banna Gupta) द्वारा मेडिकल प्रोटेक्शन बिल (Medical Protection Bill) को मंजूरी दिए जाने की घोषणा होते ही सरकार में शामिल वामदल इस बिल का विरोध कर रहे हैं. वामदलों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों वामदलों ने मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के विरोध में राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया था.
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स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को लागू करने के अनुशंसा कर दी गई है. विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है. आने वाले मॉनसून सत्र में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए इस कानून को लागू किया जा रहा है, क्योंकि कई बार देखने को मिलता है कि इलाज के दौरान डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बावजूद भी मरीज की जान नहीं बच पाती है. ऐसे में कई लोग डॉक्टरों पर हमला करते हैं और अस्पताल को नुकसान भी पहुंचाते हैं. डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए यह बिल बहुत जरूरी है.
निजी अस्पतालों में होगा मरीजों का आर्थिक शोषण
बिल का विरोध होने के सवालों का जवाब देते स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड में इस बिल को लागू करने से पहले 4 राज्यों में लागू हुए मेडिकल प्रोटेक्शन बिल की संचिका का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि यदि संशोधन करने की आवश्यकता पड़े तो उसमें संशोधन किया जा सके. वहीं वामदलों के नेताओं का कहना है कि इस बिल के पास होने से एक निजी अस्पतालों के संचालकों को लाभ मिलेगा. निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मी भी इस बिल का दुरुपयोग कर लाचार मरीजों का आर्थिक शोषण करेंगे.
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मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा बिल
राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को लागू करने के लिए वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बिल को लागू नहीं किया जा सका है. अब वर्तमान की हेमंत सरकार भी इस बिल को पास करा पाएगी या विरोध की वजह से बिल ठंडे बस्ते में चला जाएगा. यह मॉनसून सत्र के दौरान ही पता चल पाएगा.