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रूस-यूक्रेन युद्ध का रिम्स पर असर, ऑक्सिजनेटर की सप्लाई ठप होने से रिम्स में ऑपरेशन और जांच बंद - Ranchi news

रिम्स में ऑक्सिजनेटर की सप्लाई ठप हो गई है, जिससे कई तरह के ऑपरेशन और जांच नहीं हो पा रही हैं. रिम्स अधीक्षक ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को वास्तविकता से अवगत करा दिया है. शीघ्र ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.

oxygenator supply in RIMS
ऑक्सिजनेटर की सप्लाई ठप होने से ऑपरेशन और जांच हुए बंद
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Published : Sep 6, 2022, 4:42 PM IST

रांची: रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब धीरे-धीरे भारत में दिखने लगा है. यही वजह है कि झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में ऑक्सिजनेटर की कमी हो गई है. ऑक्सिजनेटर और रिएजेंट की कमी के कारण कई तरह के ऑपरेशन और जांच प्रभावित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः रिम्स में इंटरनेट सेवा का रोग हुआ लाइलाज, फिर ठप होने से मरीजों को हुई परेशानी

सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत महाजन कहते हैं कि हार्ट के ऑपरेशन में ऑक्सिजनेटर की आवश्यकता होती है. इसके बिना यह ऑपरेशन करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हार्ट के ऑपरेशन में सबसे महत्वपूर्ण मशीन ऑक्सिजनेटर होता है. इस मशीन का उपयोग कर हम कुछ देर के लिए मरीज को बाहर से ऑक्सीजन प्रदान कराते हैं और उनका ऑपरेशन आसानी से कर पाते हैं. लेकिन वर्तमान में इस मशीन की कमी सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो गई है. उन्होंने कहा कि रिम्स में ऑक्सीजनेटर मशीन खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि इस मशीन को यूक्रेन और रूस से मंगवाते थे. लेकिन युद्ध की वजह से आयात नहीं हो रहा है.

जानकारी देते डॉक्टर

ऑक्सिजनेटर के साथ साथ रिम्स में कई रिएजेंट और केमिकल भी खत्म हो गया है. इससे रिम्स में ऑपरेशन और जांच प्रभावित हो रहे हैं. रिएजेंट के समाप्त होने से मरीजों को निजी लैब में जाकर अपनी जांच करानी पड़ रही है. इससे गरीब मरीजों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. स्थिति यह कि रिम्स में जो जांच मुफ्त में होती है, उसके लिए मरीजों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

शुगर, ट्रोपोनिन जांच, डीडाईमर जांच, पीसीटी जांच, सीकेएमबी टेस्ट आदि जांच रिम्स में मुफ्त होती हैं. लेकिन केमिकल और उपकरण नहीं होने के कारण मरीजों को निजी जांच घरों में 300 से 1500 रुपये तक देने पर रहे हैं. रिम्स अधीक्षक हिरेन बिरूवा कहते हैं कि जांच प्रभावित हुई है. इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन गंभीर है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है और संभावना है कि शीघ्र ही ऑक्सिजनेटर और रिएजेंट उपलब्ध हो जाएं.

रांची: रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब धीरे-धीरे भारत में दिखने लगा है. यही वजह है कि झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में ऑक्सिजनेटर की कमी हो गई है. ऑक्सिजनेटर और रिएजेंट की कमी के कारण कई तरह के ऑपरेशन और जांच प्रभावित हो रहे हैं.

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सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत महाजन कहते हैं कि हार्ट के ऑपरेशन में ऑक्सिजनेटर की आवश्यकता होती है. इसके बिना यह ऑपरेशन करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हार्ट के ऑपरेशन में सबसे महत्वपूर्ण मशीन ऑक्सिजनेटर होता है. इस मशीन का उपयोग कर हम कुछ देर के लिए मरीज को बाहर से ऑक्सीजन प्रदान कराते हैं और उनका ऑपरेशन आसानी से कर पाते हैं. लेकिन वर्तमान में इस मशीन की कमी सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो गई है. उन्होंने कहा कि रिम्स में ऑक्सीजनेटर मशीन खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि इस मशीन को यूक्रेन और रूस से मंगवाते थे. लेकिन युद्ध की वजह से आयात नहीं हो रहा है.

जानकारी देते डॉक्टर

ऑक्सिजनेटर के साथ साथ रिम्स में कई रिएजेंट और केमिकल भी खत्म हो गया है. इससे रिम्स में ऑपरेशन और जांच प्रभावित हो रहे हैं. रिएजेंट के समाप्त होने से मरीजों को निजी लैब में जाकर अपनी जांच करानी पड़ रही है. इससे गरीब मरीजों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. स्थिति यह कि रिम्स में जो जांच मुफ्त में होती है, उसके लिए मरीजों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

शुगर, ट्रोपोनिन जांच, डीडाईमर जांच, पीसीटी जांच, सीकेएमबी टेस्ट आदि जांच रिम्स में मुफ्त होती हैं. लेकिन केमिकल और उपकरण नहीं होने के कारण मरीजों को निजी जांच घरों में 300 से 1500 रुपये तक देने पर रहे हैं. रिम्स अधीक्षक हिरेन बिरूवा कहते हैं कि जांच प्रभावित हुई है. इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन गंभीर है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है और संभावना है कि शीघ्र ही ऑक्सिजनेटर और रिएजेंट उपलब्ध हो जाएं.

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