रांची: झारखंड के कई जिले हाथियों के आतंक से प्रभावित हैं. राजधानी रांची भी इससे अछूता नहीं है. इसके आस पास के कई इलाकों में जंगली हाथियों का उत्पात बढ़ा है. कई घरों और फसलों को हाथियों के झुंड ने नुकसान पहुंचाया है. रांची के आसपास के अनगड़ा, बुंडू, तमाड़, बुढ़मू, सोनाहातू, सिल्ली समेत कई ऐसे गांव हैं जहां हाथियों ने तांडव मचाया है.
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हाथी के हमले में एक की मौत
ताजा मामला बुढ़मू प्रखंड़ के बाड़ेगांव का है, जहां जंगली हाथियों के एक झुंड के हमले में एक व्यक्ति मौत हो गई है. मृतक की पहचान 24 साल के संतोष सिंह के रूप में हुई है. घटना के बाद पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है. इससे पहले भी इस इलाके में हाथियों ने 2 लोगों की जान ले ली थी. हाथियों के लगातार हमले से इस क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत है.
जितिया टोकरी गांव पहुंचा हाथियों का झुंड
बूढ़मू के बाड़ेगांव में आतंक मचाने से पहले 14 हाथियों का झुंड ठाकुर गांव के जितिया टोकरी में डेरा जमाए हुए है. सूचना मिलने पर वन विभाग, बुढ़मू और ठाकुर गांव की पुलिस मौके पर पहुंच कर स्थानीय लोगों को हाथियों के झुंड से दूर रखने की कोशिश कर रही है. ताकि कोई और बड़ी घटना न हो.
वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल
राजधानी से सटे इलाकों में हाथी जिस तरह से उत्पात मचा रहे हैं और उनके हमले से जिस तरह लोगों की मौत हो रही है और आर्थिक नुकसान हो रहा है उससे वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. क्यों विभाग इस तरह की घटना को रोकने और हाथी पर लगाम लगाने में असमर्थ है. क्यों हाथी को पकड़ने और उसे खदेड़ने के लिए सटीक उपाय नहीं किए जा रहे हैं. ये सारे ऐसे प्रश्न हैं जिसका विभाग के पास शायद ही कोई जवाब है. हरेक मौत के बाद मुआवजे की रकम को देकर विभाग अपनी गलतियों को छिपाने में लगा है. जाहिर है जब तक हाथियों के उत्पात पर लगाम नहीं लगाया जाता तब तक इस क्षेत्र के लोग दहशत में रहने को विवश ही रहेंगे.