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रांची से कुख्यात नक्सली गिरफ्तार, 2008 से आश्रम में अनाथ बताकर रह रहा था

रांची के तुपुदाना में आश्रम में छिपकर रह रहे कुख्यात नक्सली को हजारीबाग के केरेडारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार नक्सली लालजीत गंझू खुद को अनाथ बताकर रह रहा था.

तुपुदाना ओपी रांची
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Published : Oct 22, 2019, 7:36 AM IST

रांची: तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम में हजारीबाग का कुख्यात नक्सली पहचान छिपाकर रह रहा था. जिसे हजारीबाग के केरेडारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार नक्सली माओवादी संगठन से जुड़ा लालजीत गंझू उर्फ सूरज गंझू उर्फ लाल है. उसे गिरफ्तार कर केरेडारी पुलिस हजारीबाग ले गई.

अनाथ बता रह रहा था
लालजीत गंझू खुद को अनाथ बताकर आश्रम में पिछले जुलाई महीने से रह रहा था. वह भारत सेवा आश्रम का वाहन चलाता था. उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे शहर में भारत सेवा आश्रम के चालक के अपहरण की बात फैल गई. हालांकि आश्रम में जिम्मेवारों ने जब तुपुदाना पुलिस से इसकी जानकारी ली, तो पता चला कि उसे हजारीबाग पुलिस ले गई, वह कोई चालक नहीं, बल्कि कुख्यात नक्सली है.

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कई थानों में दर्ज हैं मामले
पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ हजारीबाग के केरेडेरी सहित जिले के कई थानों में मामले दर्ज हैं. पुलिस काफी दिनों से उसकी तलाश कर रही थी. तकनीकी शाखा के इनपुट पर केरेडारी थानेदार बमबम यादव और तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने लालजीत को गिरफ्तार कर लिया.

बरियातू आश्रम में 2008 से रह रहा था
वर्ष 2008 में लालजीत बरियातू स्थित भारत सेवा आश्रम में रहने पहुंचा था. उस समय लालजीत ने बताया था कि वह रातू के कांठीटांड़ में रहता था, लेकिन वह अनाथ है. खुद को अनाथ बताकर रहने लगा. इसबीच वहां से काम के सिलसिले में बाहर जाने की बात कह निकल गया था. इसके बाद वह हजारीबाग इलाके में चला गया. वहां माओवादियों से जुड़कर उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दे रहा था. तीन मामलों में वह वारंटी भी है. बाद में फिर वह तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम पहुंचा और खुद को वर्ष 2008 में बरियातू आश्रम का सदस्य बताकर रहने लगा. आश्रम में उसे चालक के तौर पर काम दिया गया था.

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सादे लिबास में पकड़ने पहुंची थी पुलिस
पुलिस सादे लिबास में लालजीत को पकड़ने के लिए भारत आश्रम पहुंची थी. पहले पुलिस की टीम वहां सत्यापन के लिए पहुंची थी. बाद में उसे चारों ओर से घेरकर पकड़ा और गाड़ी में बैठाकर ले गई. इससे आश्रम के लोगों को लगा कि उसका अपहरण हो गया है. हालांकि लालजीत की गिरफ्तारी के बाद उसे तुपुदाना थाना लाया गया. वहां से औपचारिकता पूरी करने के बाद उसे केरेडारी थाना ले जाया गया.

रांची: तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम में हजारीबाग का कुख्यात नक्सली पहचान छिपाकर रह रहा था. जिसे हजारीबाग के केरेडारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार नक्सली माओवादी संगठन से जुड़ा लालजीत गंझू उर्फ सूरज गंझू उर्फ लाल है. उसे गिरफ्तार कर केरेडारी पुलिस हजारीबाग ले गई.

अनाथ बता रह रहा था
लालजीत गंझू खुद को अनाथ बताकर आश्रम में पिछले जुलाई महीने से रह रहा था. वह भारत सेवा आश्रम का वाहन चलाता था. उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे शहर में भारत सेवा आश्रम के चालक के अपहरण की बात फैल गई. हालांकि आश्रम में जिम्मेवारों ने जब तुपुदाना पुलिस से इसकी जानकारी ली, तो पता चला कि उसे हजारीबाग पुलिस ले गई, वह कोई चालक नहीं, बल्कि कुख्यात नक्सली है.

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कई थानों में दर्ज हैं मामले
पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ हजारीबाग के केरेडेरी सहित जिले के कई थानों में मामले दर्ज हैं. पुलिस काफी दिनों से उसकी तलाश कर रही थी. तकनीकी शाखा के इनपुट पर केरेडारी थानेदार बमबम यादव और तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने लालजीत को गिरफ्तार कर लिया.

बरियातू आश्रम में 2008 से रह रहा था
वर्ष 2008 में लालजीत बरियातू स्थित भारत सेवा आश्रम में रहने पहुंचा था. उस समय लालजीत ने बताया था कि वह रातू के कांठीटांड़ में रहता था, लेकिन वह अनाथ है. खुद को अनाथ बताकर रहने लगा. इसबीच वहां से काम के सिलसिले में बाहर जाने की बात कह निकल गया था. इसके बाद वह हजारीबाग इलाके में चला गया. वहां माओवादियों से जुड़कर उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दे रहा था. तीन मामलों में वह वारंटी भी है. बाद में फिर वह तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम पहुंचा और खुद को वर्ष 2008 में बरियातू आश्रम का सदस्य बताकर रहने लगा. आश्रम में उसे चालक के तौर पर काम दिया गया था.

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सादे लिबास में पकड़ने पहुंची थी पुलिस
पुलिस सादे लिबास में लालजीत को पकड़ने के लिए भारत आश्रम पहुंची थी. पहले पुलिस की टीम वहां सत्यापन के लिए पहुंची थी. बाद में उसे चारों ओर से घेरकर पकड़ा और गाड़ी में बैठाकर ले गई. इससे आश्रम के लोगों को लगा कि उसका अपहरण हो गया है. हालांकि लालजीत की गिरफ्तारी के बाद उसे तुपुदाना थाना लाया गया. वहां से औपचारिकता पूरी करने के बाद उसे केरेडारी थाना ले जाया गया.

Intro:रांची के तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम में हजारीबाग का कुख्यात नक्सली पहचान छुपाकर रह रहा था। जिसे हजारीबाग के केरेडारी पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी नक्सली माओवादी संगठन से जुड़ा लालजीत गंझू उर्फ सूरज गंझू उर्फ लाल है। उसे गिरफ्तार कर केरेडारी पुलिस हजारीबाग ले गई।

अनाथ बता राह रहा था
लालजीत गंझू खुद को अनाथ बताकर भारत सेवा आश्रम में पिछले जुलाई महीने से रह रहा था। वह भारत सेवा आश्रम के वाहन चलाता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे शहर में भारत सेवा आश्रम के चालक के अपहरण की बात फैल गई। हालांकि आश्रम में जिम्मेवारों ने जब तुपुदाना पुलिस से इसकी जानकारी ली, तो पता चला कि उसे हजारीबाग पुलिस ले गई। वह कोई चालक नहीं, बल्कि कुख्यात नक्सली है। उसके खिलाफ हजारीबाग के केरेडेरी सहित जिले के कई थानों में मामले दर्ज हैं। पुलिस काफी दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। तकनीकी शाखा के इनपुट पर केरेडारी थानेदार बमबम यादव और तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने लालजीत को गिरफ्तार कर लिया। 

2008 में था बरियातू आश्रम में

वर्ष 2008 में लालजीत बरियातू स्थित भारत सेवा आश्रम में रहने पहुंचा था। उस समय लालजीत ने बताया था कि वह रातू के कांठीटांड़ में रहता था। लेकिन वह अनाथ है। खुद को अनाथ बताकर रहने लगा। इसबीच वहां से काम के सिलसिले में बाहर जाने की बात कह निकल गया था। इसके बाद वह हजारीबाग इलाके में चला गया। वहां माओवादियों से जुड़कर उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दे रहा था। उसके खिलाफ केरेडारी सहित कई थानों में मामले दर्ज हैं। तीन मामलों में वह वारंटी भी है। बाद में फिर वह तुपुदाना स्थित भारत सेवा आश्रम पहुंचा और खुद को वर्ष 2008 में बरियातू आश्रम का सदस्य बताकर रहने लगा। आश्रम में उसे चालक के तौर पर काम दिया गया था। 


सादे लिबास में पकडऩे पहुंची थी पुलिस  

पुलिस सादे लिबास में लालजीत को पकडऩे के लिए भारत आश्रम पहुंची थी। पहले पुलिस की टीम वहां सत्यापन के लिए पहुंची थी। बाद में उसे चोरों ओर से घेरकर पकड़ा और बोलेरो में बैठाकर ले गई। इससे आश्रम के लोगों को लगा कि उसका अपहरण हो गया है। हालांकि लालजीत की गिरफ्तारी के बाद उसे तुपुदाना थाना लाया गया। वहां से औपचारिकता पूरी करने के बाद उसे केरेडारी थाना ले गई।Body:1Conclusion:2
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