रांचीः देश के कई राज्यों में नोवेल कोरोना वायरस के नए Omicron Variant की पुष्टि हुई है. इसके बाद झारखंड सरकार और Health Department ने राज्य को इस वैरिएंट के संभावित खतरे से लोगों को बचाने की तैयारियां तेज कर दी गयी है. इसके लिए राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS के न्यू ट्रॉमा सेंटर (जिसे सरकार ने हाल ही में कोविड अस्पताल से मुक्त किया था) को फिर से कोविड सेंटर बना दिया है.
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रिम्स में ओमीक्रोन के संभावित खतरे से निपटने की तैयारियां पूरी
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रिम्स का न्यू ट्रॉमा सेंटर को फिर से Covid Centre बना दिया गया है. वहां कोरोना के संभावित और कंफर्म मरीज के इलाज की सभी तैयारियां दुरुस्त रखने को कहा गया है. वहीं रिम्स कोविड टास्क फोर्स को फिर एक बार एक्टिव कर दिया गया है. जिससे हर दिन राज्य और देश में कोरोना और खास कर नए वैरिएंट ओमीक्रोन की स्थिति और उसके अनुसार निर्णय तत्काल लिया जा सके.
अस्थायी कोविड सेंटर को भी तैयार रखने के निर्देश
रिम्स में कोरोना के दूसरे लहर के दौरान बहुमंजिला पार्किग बिल्डिंग को अस्थायी कोविड सेंटर में तब्दील किया गया था. जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा के अनुसार एक बार फिर अस्थायी 1000 बेडेड कोविड सेंटर को चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है.
जरूरत पड़ी तो रिम्स के डॉक्टरों-नर्सों की छुट्टियां होगी रद्द- रिम्स प्रबंधन
साल के अंत में बड़ी संख्या में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ छुट्टियां मनाने चले जाते हैं ऐसे में क्या कोरोना के नए वैरियंट के संभावित खतरे के मद्देनजर डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द करने पर रिम्स प्रबंधन विचार कर रहा है. इस सवाल के जवाब में डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि अभी ऐसी स्थिति नहीं है पर अगर आपात स्थिति आयी तो इसके लिए सभी डाक्टरों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए कि उनकी छुट्टियां रद्द हो सकती हैं.
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सदर अस्पताल में 20 बेड का कोविड सेंटर
पिछले कई महीने से कोरोना संक्रमितों की बेहद कम चुकी संख्या के बाद Ranchi Sadar Hospital के कोविड सेंटर को भी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन ओमीक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए सदर अस्पताल के नए भवन के तीसरे तल्ले पर 20 बेड का कोविड वार्ड को रिजर्व कर दिया गया है. किसी भी संदिग्ध को वहां भर्ती कर उसका इलाज किया जा सके.
सभी जिला के डीसी-सिविल सर्जन को निर्देश
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरूण कुमार सिंह और NHM निदेशक रमेश घोलप की ओर से सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जन को कोरोना और खास कर तेजी से फैलने वाला वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर अलर्ट रहने, अस्पतालों में तैयारियां, ऑक्सीजन की उपलब्धता, जहां जहां PSA प्लांट लग गए हैं उन्हें एक बार ट्रायल करने, दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने को कहा है.