रांची: भारतीय खेल के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि पदक से चूकने के बाद भी महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों के स्वागत के लिए कार्यक्रम पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इसकी वजह भी है.
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ओलंपिक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची. इस टीम में झारखंड की दो बेटियां निक्की प्रधान और सलीमा टेटे भी शामिल थी. टोक्यो ओलंपिक दौरे से 11 अगस्त को रांची लौटने के बाद से दोनों बेटियों के सम्मान में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. 11 अगस्त को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री ने दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया था. फिर 13 अगस्त को विधानसभा परिसर में स्पीकर डॉक्टर रबींद्रनाथ महतो ने सम्मानित किया.
खिलाड़ियों के सम्मान के तरीके में अंतर की चर्चा
निक्की प्रधान और सलीम टेटे जब लौटीं तो प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की दोनों बेटियों को अपने साथ मंच पर जगह दी. उन्होंने अपने हाथों से 50-50 लाख का चेक दिया. मुख्यमंत्री ने राज्य में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने का भरोसा दिलाया. झारखंड की दोनों बेटियों को आशीर्वाद दिया.
मंच पर नहीं मिली जगह
दूसरी तरफ विधानसभा परिसर में सलीमा और निक्की के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान दोनों खिलाड़ियों को मंच पर जगह नहीं मिली. मंच के पीछे दोनों खिलाड़ियों की तस्वीर जरूर लगी थी लेकिन बैठने के लिए मंच के नीचे जगह दी गई. मंच पर विराजमान अतिथियों ने खेल और खिलाड़ियों के सम्मान में खूब कसीदे गढ़े. एक बार मोमेंटो देने के लिए दोनों खिलाड़ियों को मंच पर बुलाया गया. फिर दोनों खिलाड़ी नीचे आकर बैठ गई. थोड़ी देर बाद फिर दोनों को मंच पर बुलाकर ग्रुप फोटो लिया गया.
सबसे आश्चर्य की बात है कि झारखंड हॉकी के अध्यक्ष भोला सिंह भी मंच पर विराजमान थे लेकिन उन्होंने भी खिलाड़ियों के सम्मान में हुई इस कमी को नजरअंदाज कर दिया. एक और अहम बात यह है कि कार्यक्रम के समापन के बाद झारखंड हॉकी के अध्यक्ष भोला सिंह दोनों खिलाड़ियों के साथ विधानसभा परिसर में घूम-घूमकर तस्वीरें निकलवाते रहे.
कोविड प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
कार्यक्रम संपन्न होने पर स्पीकर अपने कक्ष के लिए रवाना हो गये. उनके साथ अतिथिगण भी चले गए. इसके बाद विधानसभा के कर्मियों में सलीमा और निक्की के साथ तस्वीरें लेने की होड़ मच गई. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती रही. सबसे अच्छी बात यह लगी कि झारखंड की दोनों बेटियों ने किसी को मायूस नहीं किया. संघर्ष के साथ मेकअप कर निखरी दोनों खिलाड़ियों ने सबके साथ तस्वीरें खिंचवाई. दोनों खिलाड़ियों के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक थी. दोनों ने कहा कि अब नजर पेरिस ओलंपिक पर है.