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रांचीः नामकुम ब्लॉक में लोगों से नहीं मिलते हैं अधिकारी, मायूस होकर लौट जाते हैं ग्रामीण - रांची समाचार

रांची के नामकुम ब्लॉक में लोग अपने छोटे-मोटे काम के लिए भी घंटों चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन सीओ और बीडीओ कोई भी उनकी ओर ध्यान नहीं देते. दफ्तर में अधिकारी मिलते तक नहीं और अगर मिलते भी हैं तो मुलाकात नहीं होती.

Officers of Namkum block do not meet people
नामकुम ब्लॉक
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Published : Dec 17, 2020, 12:28 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 12:44 PM IST

रांची: जमीन संबंधित काम को लेकर नामकुम ब्लॉक में 50 लोग नामकुम सीओ और बीडीओ से मिलने के लिए दफ्तर के इर्द-गिर्द घूमते नजर आए लेकिन इन लोगों की सुनने वाला इस दफ्तर में कोई नहीं है. कई महीनों से लगातार ऐसे कुछ लोग हैं जो अपनी जमीन का म्यूटेशन करवाने, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर आते हैं लेकिन इस ब्लॉक के अधिकारी इस दफ्तर में नदारद रहते हैं.

देखें पूरी खबर

वहीं, इस ब्लॉक में वृद्धा पेंशन संबंधित कई सरकारी योजनाओं से ग्रामीण वंचित रह जाते हैं. नामकुम सीओ मिनट से 2 मिनट के लिए इस दफ्तर में आती हैं और चली जाती हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने नामकुम सीओ से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ बोलने से इंकार कर दिया.

ये भी पढ़ें-कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से संत की मौत, सुसाइड नोट बरामद

ज्यादातर, नामकुम सीओ बगल के दफ्तर में अंचल कंप्यूटर कार्यालय में ही अपना समय बिताती हैं. सीओ से हस्ताक्षर के लिए भी किसी को मिलने तक नहीं दिया जाता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को हस्ताक्षर के लिए भी हफ्ता दो हफ्ता चक्कर काटना पड़ता है. एक भुक्तभोगी जो पिछले 4 महीनों से अपने जमीन के म्यूटेशन संबंधी काम को लेकर प्रतिदिन ब्लॉक में आता है और वापस अपने घर चला जाता है. सीओ जिनके पास इनका कागज जमा है वह न तो बात करती हैं और न ही कोई रिस्पॉन्स देती हैं. ऐसे में अपने काम के लिए आने वाले लोगों को नामकुम ब्लॉक से मायूस होकर ही प्रतिदिन लौटना पड़ता है. अधिकारी के कार्यालय में महीनों पड़े कागज पर हस्ताक्षर करने वाले तक उपलब्ध नहीं है.

रांची: जमीन संबंधित काम को लेकर नामकुम ब्लॉक में 50 लोग नामकुम सीओ और बीडीओ से मिलने के लिए दफ्तर के इर्द-गिर्द घूमते नजर आए लेकिन इन लोगों की सुनने वाला इस दफ्तर में कोई नहीं है. कई महीनों से लगातार ऐसे कुछ लोग हैं जो अपनी जमीन का म्यूटेशन करवाने, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर आते हैं लेकिन इस ब्लॉक के अधिकारी इस दफ्तर में नदारद रहते हैं.

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वहीं, इस ब्लॉक में वृद्धा पेंशन संबंधित कई सरकारी योजनाओं से ग्रामीण वंचित रह जाते हैं. नामकुम सीओ मिनट से 2 मिनट के लिए इस दफ्तर में आती हैं और चली जाती हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने नामकुम सीओ से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ बोलने से इंकार कर दिया.

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ज्यादातर, नामकुम सीओ बगल के दफ्तर में अंचल कंप्यूटर कार्यालय में ही अपना समय बिताती हैं. सीओ से हस्ताक्षर के लिए भी किसी को मिलने तक नहीं दिया जाता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को हस्ताक्षर के लिए भी हफ्ता दो हफ्ता चक्कर काटना पड़ता है. एक भुक्तभोगी जो पिछले 4 महीनों से अपने जमीन के म्यूटेशन संबंधी काम को लेकर प्रतिदिन ब्लॉक में आता है और वापस अपने घर चला जाता है. सीओ जिनके पास इनका कागज जमा है वह न तो बात करती हैं और न ही कोई रिस्पॉन्स देती हैं. ऐसे में अपने काम के लिए आने वाले लोगों को नामकुम ब्लॉक से मायूस होकर ही प्रतिदिन लौटना पड़ता है. अधिकारी के कार्यालय में महीनों पड़े कागज पर हस्ताक्षर करने वाले तक उपलब्ध नहीं है.

Last Updated : Dec 17, 2020, 12:44 PM IST
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