नई दिल्लीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई. इस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष बीजेपी की ओर से समय की मांग की गई. बीजेपी की ओर से बहस कर रहे वकील अधिवक्ता कुमार हर्ष ने कहा कि हमें कुछ एडिशनल सबमिशन इस मामले में करना है इसलिए हमने समय की मांग की है और अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता मेंद्री दत्ता ने कहा कि बहस शुरू भी नहीं हुई थी कि तारीख दे दी गई.
28 जून को हुई थी पिछली सुनवाईः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले में बीते 28 जून को सुनवाई हुई थी. जिस दौरान मुख्यमंत्री की ओर से समय की मांग की गई थी. जिसे आयोग ने ठुकरा दिया था. जिसके बाद आंशिक सुनवाई हुई थी. समय अभाव के कारण आयोग ने अगली सुनवाई 14 जुलाई निर्धारित की थी. गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी. जिसके बाद राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत पत्र को भेजा था. निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब करने के बाद इसकी सुनवाई शुरू की है.
पूर्व सीएम रघुवर दास ने लगाया था आरोपः पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा नेताओं के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था.