रांची: एनटीपीसी के सेफ्टी मैनेजर सागर सिंह मीणा को शनिवार को सीबीआई ने जेल भेज दिया. सागर सिंह मीणा को तीन लाख रुपए के चेक के साथ शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया गया था.
घर पर भी हुई रेड
गिरफ्तारी के बाद सागर सिंह मीणा के एनटीपीसी आवास में भी सीबीआई एसीबी की टीम ने छापेमारी की थी. सागर सिंह मीणा के खिलाफ कोलकाता के मेसर्स जेनेक्स इंटरप्राइजेज के संचालक शमशुद्दीन विश्वास ने एसीबी में शिकायत की थी. शमशुद्दीन के 69.61 लाख की बिल रिलीज करने के एवज में सागर सिंह मीणा ने सात लाख की घूस की मांग की थी.
सीबीआई इंस्पेक्टर ठेकेदार बन कर जांच में गए, फिर दबोचा
सीबीआई एसीबी में शिकायत के बाद सीबीआई के एसीबी ब्रांच हेड विनय कुमार ने जांच के लिए इंस्पेक्टर रवि शंकर प्रसाद को जिम्मा दिया. एनटीपीसी अधिकारी ने घूस के पैसे के संबंध में ठेकेदार शमशुद्दीन को होटल रेडिशन ब्लू के लॉबी में शुक्रवार की दोपहर बुलाया था. शमशुद्दीन के साथ सीबीआई इंस्पेक्टर रविशंकर प्रसाद भी ठेकेदार के सहकर्मी बन कर गए. बातचीत के दौरान शमशुद्दीन ने एनटीपीसी के अधिकारी को बताया कि वह नगद में पैसे नहीं दे पाएंगे, साथ ही सात के बजाय तीन लाख चेक में देने की बात कही. जिसके बाद एनटीपीसी के अधिकारी तीन लाख की घूस चेक में लेने के लिए तैयार हो गए. देर रात चेक की रकम लेने के साथ ही सीबीआई की टीम ने सागर सिंह मीणा को दबोच लिया.
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मास्क-सेनेटाइजर की सप्लाई के बदले मांगा जा रहा था घूस
एनटीपीसी के सेफ्टी मैनेजर सागर सिंह मीणा ने मास्क-सेनेटाइजर की रकम में से कमीशन के तौर पर पैसे की मांग की जा रही थी. अप्रैल 2020 में शमशुद्दीन की कंपनी ने एनटीपीसी में 69.61 लाख की सप्लाई दी थी. इस रकम को जारी करने के बदले सेफ्टी मैनेजर के सात लाख मांगे जा रहे थे. एनटीपीसी ने सीबीआई की ओर से गिरफ्तारी के बाद सागर सिंह मीणा को निलंबित भी कर दिया है.