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जैक बोर्ड का पूर्ण गठन नहीं होने से वित्त रहित विद्यालयों की बढ़ी परेशानी, वित्तीय अनुदान से हो सकते हैं वंचित

रांची में वित्त रहित शिक्षण संस्थानों की परेशानी बढ़ी गई है. ऐसे स्कूल वित्तीय वर्ष 2020-21 में अनुदान से वंचित रह जाएंगे. इसे लेकर अब विरोध शुरू हो गया है और सरकार से समय देने की मांग कर रहे हैं.

non finance schools problem increased in ranchi
झारखंड एकेडमिक काउंसिल
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Published : Dec 2, 2020, 1:10 PM IST

रांची: जैक बोर्ड का पूर्ण गठन नहीं होने से कई परेशानियां अब आ रही हैं. वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को वित्तीय साल 2020-21 के तहत मिलने वाले अनुदान से वंचित रहना पड़ सकता है. इसे लेकर विरोध भी तेज हो गया है. वित्त रहित संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार को मामले से अवगत कराया है और सरकार से ऐसे विद्यालयों को 2 सालों का समय देने की मांग की है.


राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को वित्तीय साल 2020- 21 के तहत अनुदान के लिए आवेदन देने का समय निर्धारित किया गया था. लेकिन वह समय अब समाप्त हो चुका है. जिस वजह से झारखंड से स्थापना अनुमति प्राप्त लगभग 212 विद्यालय अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. हालांकि ऐसे विद्यालयों ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को प्रस्ताव और आवेदन दिया था, लेकिन बोर्ड के पूर्ण गठन नहीं होने के कारण जैक से प्रस्वीकृति पत्र सरकार के पास नहीं भेजी जा सकी है. इस वजह से इस वित्तीय साल में ऐसे स्कूल अनुदान से वंचित रह जाएंगे, लेकिन इसे लेकर अब विरोध शुरू हो गया है. झारखंड वित्त रहित संयुक्त मोर्चा की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है.

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राज्य सरकार को कराया अवगत
इस मामले को लेकर राज्य सरकार को भी अवगत कराया गया है. वहीं, सरकार से विद्यालयों को 2 सालों का समय देने की मांग भी की गई है. मोर्चा ने सरकार से आवेदन की तारीख बढ़ाने की मांग भी की है. मोर्चा की माने तो अगर समय नहीं दिया जाता है तो मोर्चा आंदोलन करने को विवश होगा. इस दिशा में राज्य सरकार को फैसला लेना है और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेकर तारीख बढ़ाने पर विचार करना है.

रांची: जैक बोर्ड का पूर्ण गठन नहीं होने से कई परेशानियां अब आ रही हैं. वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को वित्तीय साल 2020-21 के तहत मिलने वाले अनुदान से वंचित रहना पड़ सकता है. इसे लेकर विरोध भी तेज हो गया है. वित्त रहित संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार को मामले से अवगत कराया है और सरकार से ऐसे विद्यालयों को 2 सालों का समय देने की मांग की है.


राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को वित्तीय साल 2020- 21 के तहत अनुदान के लिए आवेदन देने का समय निर्धारित किया गया था. लेकिन वह समय अब समाप्त हो चुका है. जिस वजह से झारखंड से स्थापना अनुमति प्राप्त लगभग 212 विद्यालय अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. हालांकि ऐसे विद्यालयों ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को प्रस्ताव और आवेदन दिया था, लेकिन बोर्ड के पूर्ण गठन नहीं होने के कारण जैक से प्रस्वीकृति पत्र सरकार के पास नहीं भेजी जा सकी है. इस वजह से इस वित्तीय साल में ऐसे स्कूल अनुदान से वंचित रह जाएंगे, लेकिन इसे लेकर अब विरोध शुरू हो गया है. झारखंड वित्त रहित संयुक्त मोर्चा की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है.

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राज्य सरकार को कराया अवगत
इस मामले को लेकर राज्य सरकार को भी अवगत कराया गया है. वहीं, सरकार से विद्यालयों को 2 सालों का समय देने की मांग भी की गई है. मोर्चा ने सरकार से आवेदन की तारीख बढ़ाने की मांग भी की है. मोर्चा की माने तो अगर समय नहीं दिया जाता है तो मोर्चा आंदोलन करने को विवश होगा. इस दिशा में राज्य सरकार को फैसला लेना है और विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेकर तारीख बढ़ाने पर विचार करना है.

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