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रांचीः 9 साल की बच्ची मिली कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में नहीं लिया गया भर्ती - रांची में 9 साल की बच्ची मिली कोरोना पॉजिटिव

रांची में 9 साल की बच्ची कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है. इसके मद्देनजर बच्ची को जब कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया तो किसी अस्पताल में उसे भर्ती नहीं किया गया. जिसके बाद मरीज को वापस उसके घर छोड़ दिया गया.

Nine-year-old girl found Corona positive
9 साल की बच्ची कोरोना पॉजिटिव
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Published : Jul 21, 2020, 6:59 AM IST

रांची: जिले के नामकुम में 9 साल की बच्ची को कोविड वार्ड में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस लगातार चक्कर काटती रही. 8 घंटे इधर-उधर भटकने के बाद एंबुलेंस ने बच्ची को रात 9:30 बजे नामकुम स्थित उसके घर में वापस छोड़ दिया.

बता दें कि 9 साल की बच्ची थैलेसीमिया से पीड़ित है. प्रत्येक सप्ताह इस बच्ची को ब्लड जांच के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है. कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद सरकारी हॉस्पिटल से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल ने इस बच्ची को एडमिट लेने से मना कर दिया. अंततः 8 घंटे बीतने के बाद एंबुलेंस ने उनके परिजनों के साथ बच्ची के घर नामकुम पहुंचा दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि पहले से बीमार मरीज अगर कोरोना पॉजिटिव निकलता है उनके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्या व्यवस्था की गई है.

ये भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ में फंसे जमशेदपुर के पांच मजदूरों की आज होगी घर वापसी, कुणाल षाड़ंगी ने की थी मामले में पहल

थैलेसीमिया से पीड़ित बच्ची के परिजनों ने बताया कि 8 घंटे से हॉस्पिटल का चक्कर लगाने के बाद भी बच्ची को एडमिट नहीं लिया गया तो उसकी जान भी जा सकती है. फिलहाल इनके परिजनों ने बताया कि वे अपने घर पर होम क्वॉरेंटाइन कर कोरोना के बचने का काम करेंगे लेकिन स्वास्थ्य विभाग और हॉस्पिटल में ऐसे चक्कर लगाने से कितने मरीज की स्थिति दयनीय हो सकती है.

रांची: जिले के नामकुम में 9 साल की बच्ची को कोविड वार्ड में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस लगातार चक्कर काटती रही. 8 घंटे इधर-उधर भटकने के बाद एंबुलेंस ने बच्ची को रात 9:30 बजे नामकुम स्थित उसके घर में वापस छोड़ दिया.

बता दें कि 9 साल की बच्ची थैलेसीमिया से पीड़ित है. प्रत्येक सप्ताह इस बच्ची को ब्लड जांच के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है. कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद सरकारी हॉस्पिटल से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल ने इस बच्ची को एडमिट लेने से मना कर दिया. अंततः 8 घंटे बीतने के बाद एंबुलेंस ने उनके परिजनों के साथ बच्ची के घर नामकुम पहुंचा दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि पहले से बीमार मरीज अगर कोरोना पॉजिटिव निकलता है उनके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्या व्यवस्था की गई है.

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थैलेसीमिया से पीड़ित बच्ची के परिजनों ने बताया कि 8 घंटे से हॉस्पिटल का चक्कर लगाने के बाद भी बच्ची को एडमिट नहीं लिया गया तो उसकी जान भी जा सकती है. फिलहाल इनके परिजनों ने बताया कि वे अपने घर पर होम क्वॉरेंटाइन कर कोरोना के बचने का काम करेंगे लेकिन स्वास्थ्य विभाग और हॉस्पिटल में ऐसे चक्कर लगाने से कितने मरीज की स्थिति दयनीय हो सकती है.

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