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RU-DSPMU ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सराहा, कहा- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में होगा बेहतर काम - नई शिक्षा नीति

रांची विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति कामिनी कुमार और डीएसपीएमयू के वीसी एसएन मुंडा ने नई शिक्षा नीति को बेहतर बताया है. इन वरीय पदाधिकारियों ने कहा कि यह शिक्षा नीति भारत के लिए बेहतर साबित होगा.

new education policy appreciated ,RU-DSPMU ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सराहा
बैठक में शामिल आरयू प्रो वीसी
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Published : Sep 7, 2020, 5:29 PM IST

रांचीः डीएसपीएमयू के वीसी एसएन मुंडा और रांची विश्वविद्यालय के प्रोवीसी कामिनी कुमार ने नई शिक्षा नीति को बेहतर बताया. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में कही गई बातों का और निर्देशों का पालन होगा. इन दोनों विश्वविद्यालयों के इन वरीय पदाधिकारियों ने कहा कि यह शिक्षा नीति भारत के लिए बेहतर साबित होगा.

देखें पूरी खबर

उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आएगी

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के तमाम राज्यपालों के साथ-साथ तमाम राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का एक सम्मेलन वेबिनार के जरिए आयोजित किया गया. सम्मेलन के बाद कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति को बेहतर बताया, साथ ही यह नीति पूरी तरह लागू हो जाने के बाद उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आएगी. इस संबंध में विशेष रूप से विचार रखा. रांची स्थित आरयू और डीएसपीएमयू के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन और प्रधानमंत्री की ओर से कही गई बातों पर अमल करने की बात कही. साथ ही राज्यपाल सह कुलाधिपति की ओर से बताए गए तमाम निर्देशों का अक्षरस पालन करने पर सहमति भी जताई गई. सम्मेलन के बाद ईटीवी भारत की टीम ने रांची विश्वविद्यालय के प्रोवीसी कामिनी कुमार और डीएसपीएमयू के वीसी एसएन मुंडा से बातचीत की.

new education policy appreciated ,RU-DSPMU ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सराहा
बैठक में शामिल डीएसपीएमयू वीसी

और पढ़ें- IPL 2020 का शेड्यूल हुआ जारी, CSK और MI के बीच होगा पहला मुकाबला

मील का पत्थर साबित होगी शिक्षा नीति

मौके पर आरयू की प्रोवीसी ने कहा कि यह शिक्षा नीति आगे जाकर मील का पत्थर साबित होगा. भारत के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास होगा जो विद्यार्थी विदेशों में जाकर पढ़ते थे, अब उन्हें विदेशों में जाना नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में ही ऐसे कई बाहर के और अन्य देशों के विश्वविद्यालय है जो यहां बेहतर शिक्षा देंगे. यहां के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर कदम उठाएंगे. इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं, जो देश के विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद होगा. लगभग 34 वर्ष बाद इस तरीके का बैलेंस शिक्षा नीति बनाई गई है, इसमें कई शिक्षाविदों का मेहनत झलक रहा है.

रांचीः डीएसपीएमयू के वीसी एसएन मुंडा और रांची विश्वविद्यालय के प्रोवीसी कामिनी कुमार ने नई शिक्षा नीति को बेहतर बताया. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में कही गई बातों का और निर्देशों का पालन होगा. इन दोनों विश्वविद्यालयों के इन वरीय पदाधिकारियों ने कहा कि यह शिक्षा नीति भारत के लिए बेहतर साबित होगा.

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उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आएगी

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के तमाम राज्यपालों के साथ-साथ तमाम राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का एक सम्मेलन वेबिनार के जरिए आयोजित किया गया. सम्मेलन के बाद कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति को बेहतर बताया, साथ ही यह नीति पूरी तरह लागू हो जाने के बाद उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आएगी. इस संबंध में विशेष रूप से विचार रखा. रांची स्थित आरयू और डीएसपीएमयू के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन और प्रधानमंत्री की ओर से कही गई बातों पर अमल करने की बात कही. साथ ही राज्यपाल सह कुलाधिपति की ओर से बताए गए तमाम निर्देशों का अक्षरस पालन करने पर सहमति भी जताई गई. सम्मेलन के बाद ईटीवी भारत की टीम ने रांची विश्वविद्यालय के प्रोवीसी कामिनी कुमार और डीएसपीएमयू के वीसी एसएन मुंडा से बातचीत की.

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बैठक में शामिल डीएसपीएमयू वीसी

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मील का पत्थर साबित होगी शिक्षा नीति

मौके पर आरयू की प्रोवीसी ने कहा कि यह शिक्षा नीति आगे जाकर मील का पत्थर साबित होगा. भारत के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास होगा जो विद्यार्थी विदेशों में जाकर पढ़ते थे, अब उन्हें विदेशों में जाना नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में ही ऐसे कई बाहर के और अन्य देशों के विश्वविद्यालय है जो यहां बेहतर शिक्षा देंगे. यहां के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर कदम उठाएंगे. इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं, जो देश के विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद होगा. लगभग 34 वर्ष बाद इस तरीके का बैलेंस शिक्षा नीति बनाई गई है, इसमें कई शिक्षाविदों का मेहनत झलक रहा है.

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