रांची: झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. संघ के सचिव जॉन पीटर बागे ने कहा कि उनकी मांगों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. इसलिए हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान मंत्री ने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहायता देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन इसमें किसी तरह की स्पष्टता नहीं थी.
आगे भी जारी रहेगी हड़ताल
मानदेय बढ़ोतरी पर भी सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला. जॉन पीटर बागे ने यह भी कहा कि वार्ता में संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे को शामिल नहीं किए जाना कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने जैसा था. लिहाजा, 27 जुलाई से शुरू हुई मनरेगा कर्मियों की हड़ताल अब आगे भी जारी रहेगी. इससे पहले दोपहर 12:30 बजे ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, विभागीय सचिव आराधना पटनायक और मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी की मौजूदगी में संघ के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रोजेक्ट भवन में करीब 45 मिनट तक वार्ता हुई.
किसी भी कर्मचारी की नहीं होगी बर्खास्तगी
वार्ता के बाद मीडिया से मुखातिब ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मुख्य रूप से 5 बिंदुओं पर चर्चा हुई. इनमें से मनरेगा कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने और सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सहायता देने पर सहमति बनी. इसके साथ ही बिना जांच पड़ताल के किसी भी कर्मचारी की बर्खास्तगी नहीं होगी. इसका भी भरोसा दिलाया गया. स्थायीकरण के मसले पर कहा गया कि यह फैसला सरकार को लेना है. क्योंकि यह मामला कई विभागों के अनुबंध कर्मियों से जुड़ा है. इसलिए कोरोना महामारी को देखते हुए मनरेगा कर्मियों को काम पर लौटना चाहिए.
तीन बिंदुओं पर बनी सहमति
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जिन तीन बिंदुओं पर सहमति बनी है उन्हें एक माह के भीतर स्पष्ट कर दिया जाएगा. वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल संघ के पदाधिकारियों ने प्रोजेक्ट भवन के बाहर मौजूद अन्य कर्मचारियों के साथ चर्चा की. करीब 40 मिनट तक चली चर्चा के बाद संघ के सचिव जॉन पीटर बागे ने कहा कि हमेशा से कर्मचारियों को छला जाता रहा है. किसी तरह का लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है. ऐसे में काम पर लौटना मुश्किल होगा.