रांची: एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है तो दूसरी तरफ लॉकडाउन के बीच झारखंड में कई जगह अनियमितता दिख रही है. झारखंड की राजधानी रांची में मौजूद है पूरे राज्य की सबसे बड़ी थोक मंडी पंडरा बाजार समिति. यहां हर दिन करोड़ों का कारोबार होता है. इस मंडी में अलग-अलग राज्यों से खाद्य पदार्थ लेकर गाड़ियां पहुंचती हैं. लेकिन कोरोना के बचाव के बाबत यहां किसी तरह की कोई तैयारी नहीं दिख रही है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब पंडरा बाजार समिति का मुआयना किया तो कई तरह की अनियमितताएं साफ नजर आईं. दूसरे राज्यों से आई गाड़ियां खड़ी थी, लेकिन गाड़ियों को सैनिटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं थी. यहां बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूर बड़ी संख्या में काम करते हैं, जो कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. लिहाजा इस बाजार समिति में सुरक्षा के विशेष कदम उठाए जाने चाहिए थे.
पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई कि जितनी संख्या में खाद्य पदार्थ लेकर यहां गाड़ियां हर दिन आया करती थी, उसमें भारी कमी आ गई है. इसकी वजह से खाद्य पदार्थों की कमी साफ नजर आई. इसी बाजार से रांची के तमाम रिटेलर अपनी छोटी गाड़ियों से चावल, आटा, दाल, तेल और मसाला जैसे खाद्य पदार्थ ले जाते हैं. बाद में रिटेलर के भरोसे मोहल्ला स्तर पर राशन की बिक्री होती है.
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लेकिन पंडरा बाजार समिति के कुछ व्यापारियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से माल का आवक कम हो गया है. अगर व्यवस्था को नहीं सुधारा गया तो आने वाले समय में चुनौती बढ़ सकती है. खास बात है कि लॉक डाउन के दूसरे दिन रांची के अलग-अलग इलाकों से आए रिटेलर सामान लेते देखे गए. दूसरी तरफ यह भी बात सामने आई कि कई थोक व्यापारी कोरोना के खतरे को देखते हुए अपने गोदाम नहीं खोल रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि अगर प्रशासन ने इस ओर गंभीरता से कदम नहीं उठाया तो खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी भी शुरू हो जाएगी.