रांची: आधुनिक जीवन में तनाव एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. तनाव बच्चों पर भी हावी होता दिख रहा है. कई बार अपनी समस्या से बचने के लिए बच्चे गलत कदम भी उठा लेते हैं. इसी को देखते हुए झारखंड में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों को परीक्षा के प्रति होने वाले डर से बचने के कई टिप्स दिए गए हैं.
झारखंड सरकार और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से आजोयित कार्यक्रम में राज्यभर के बच्चों को आमंत्रित किया गया था. इसके अलावा कई स्कूलों के शिक्षक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, ताकि बच्चों के भविष्य को कैसे मजबूत किया जाए इसकी जानकारी भी दी जाए. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस कार्यक्रम में बच्चों से रूबरू हुए और अनुभवों को साझा किया. उन्होंने झारखंड के बच्चों और शिक्षकों को यौन दुराचार के साथ मानसिक तनाव से बचने के कई सुझाव भी दिए.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि शनिवार की सुबह उन्होंने एक बाल गृह का निरीक्षण किया था जहां पर उन्होंने कई अनियमितता पाई. उन्होंने बताया कि पिछले साल इसी बाल गृह के संचालक के बेटे ने एक बच्ची के साथ शारीरिक शोषण करने की कोशिश की थी. उसके बावजूद भी उस बालगृह में बच्चों को रखा जा रहा है जबकि उस बालगृह का लाइसेंस भी सही तरीके से निर्गत नहीं कराया गया है.
प्रियंक कानूनगो ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके अधिकारियों को भी राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए मजबूती से ठोस कदम उठाने की जरूरत है. अगर इसी तरह झारखंड में लापरवाही बरती गई तो आने वाले समय में झारखंड का भविष्य कहीं से भी बेहतर नहीं बन सकता है. वहीं उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा झारखंड के बच्चों के लिए विशेष और ठोस कदम उठाएगा, ताकि वन क्षेत्रों एवं सुदूर इलाकों में रहने वाले बच्चे का भी संपूर्ण विकास हो सके.
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सभी बच्चों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी गई किताब एग्जाम वारियर्स सभी बच्चों के बीच वितरित की गई. ताकि बच्चे इसे पढ़कर अपनी परीक्षा और जीवन में आने वाली समस्या से लड़ने के गुर सीख सकें.