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राष्ट्रीय OBC मोर्चा ने राज्यपाल रमेश बैस से की मुलाकात, आरक्षण सीमा बढ़ाने की रखी मांग

जाति आधारित जनगणना और पिछड़ों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की.

National OBC Morcha meets Governor Ramesh Bais
राज्यपाल रमेश बैस
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Published : Aug 27, 2021, 10:40 AM IST

रांची: राज्य में जाति आधारित जनगणना और पिछड़ों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. मोर्चा के मुताबिक राज्य में 52 फीसदी जनसंख्या पिछड़ों की है लेकिन आरक्षण का लाभ मात्र 14 फीसदी ही मिल रहा है. जिससे पिछड़ा वर्ग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. पिछड़ा वर्ग का सर्वांगीण विकास तभी संभव होगा, जब जनसंख्या के आधार पर भागीदारी सुनिश्चित होगी. पिछड़ों के आरक्षण बढ़ाए बिना राज्य में कई नियुक्तियां निकाली गई हैं, उन नियुक्तियों में आरक्षण की वजह से पिछड़े वर्ग भागीदारी कम रह जाएगी.

ये भी पढ़ें- जातिगत जनगणना और इसके नफा-नुकसान के बारे में जानिये


प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने देश और राज्य के ज्वलंत मुद्दे से राज्यपाल को अवगत कराया. जिसमें जाति आधारित जनगणना करने, ओबीसी समुदाय को जनसंख्या अनुपात में 52% आरक्षण देने, झारखंड में किसी भी नियुक्ति में ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने की मांग शामिल है. उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय का डाटा नहीं रहने से ओबीसी समुदाय को होने वाले नुकसान से अवगत कराया और आग्रह किया कि देश में जाति आधारित जनगणना हो.

देखें पूरी खबर

प्रदेश अध्यक्ष ने महामहिम को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के संघर्षों, आंदोलन से अवगत करते हुए बीपी मंडल द्वारा मंडल आयोग के 40 अनुशंसा का एक कैलेंडर भेंट किया. इसके साथ ही देश और राज्य में स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय गठन की मांग की और राज्य में शिक्षण संस्थाओं द्वारा ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव करने की भी चर्चा की और उस पर रोक लगाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में सुनील जायसवाल सुग्रीव यादव धनंजय कुमार अधिवक्ता अंकित वर्मा शामिल थे.

रांची: राज्य में जाति आधारित जनगणना और पिछड़ों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. मोर्चा के मुताबिक राज्य में 52 फीसदी जनसंख्या पिछड़ों की है लेकिन आरक्षण का लाभ मात्र 14 फीसदी ही मिल रहा है. जिससे पिछड़ा वर्ग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. पिछड़ा वर्ग का सर्वांगीण विकास तभी संभव होगा, जब जनसंख्या के आधार पर भागीदारी सुनिश्चित होगी. पिछड़ों के आरक्षण बढ़ाए बिना राज्य में कई नियुक्तियां निकाली गई हैं, उन नियुक्तियों में आरक्षण की वजह से पिछड़े वर्ग भागीदारी कम रह जाएगी.

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प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने देश और राज्य के ज्वलंत मुद्दे से राज्यपाल को अवगत कराया. जिसमें जाति आधारित जनगणना करने, ओबीसी समुदाय को जनसंख्या अनुपात में 52% आरक्षण देने, झारखंड में किसी भी नियुक्ति में ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने की मांग शामिल है. उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय का डाटा नहीं रहने से ओबीसी समुदाय को होने वाले नुकसान से अवगत कराया और आग्रह किया कि देश में जाति आधारित जनगणना हो.

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प्रदेश अध्यक्ष ने महामहिम को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के संघर्षों, आंदोलन से अवगत करते हुए बीपी मंडल द्वारा मंडल आयोग के 40 अनुशंसा का एक कैलेंडर भेंट किया. इसके साथ ही देश और राज्य में स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय गठन की मांग की और राज्य में शिक्षण संस्थाओं द्वारा ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव करने की भी चर्चा की और उस पर रोक लगाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में सुनील जायसवाल सुग्रीव यादव धनंजय कुमार अधिवक्ता अंकित वर्मा शामिल थे.

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