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राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन, ढाई हजार से अधिक केस का हुआ निपटारा - रांची में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

रांची में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई. इसमें ढाई हजार से अधिक केस का निपटारा किया गया. इसके लिए 48 बेंच गठित की गई थी. न्यायाधीश पीयूष कुमार ने लोगों को लोक अदालत का महत्व भी बताया.

national lok adalat organized in ranchi
राष्ट्रीय लोक अदालत
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Published : Dec 13, 2020, 2:04 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट न्यायाधीश सह झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष एचसी मिश्रा के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई. इस दौरान कुल 2,797 वादों का निष्पादन किया गया. इसके साथ ही 6 करोड़ से अधिक रुपयों का सेटलमेंट विभिन्न केस में हुआ.


न्यायाधीश पीूयष कुमार ने कहा कि लोक अदालत दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होता है. इससे न्यायालय पर मामलों का बोझ भी कम होता है. लोक अदालत एक पर्व की तरह आयोजित किया जाता है और कोरोना काल में भी पक्षकार वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने मामलों को निस्तारित करा रहे हैं. एजेसी दिवाकर पांडेय ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को यह सुनहरा अवसर मिलता है कि अपने वाद का निस्तारण करा सकते हैं. लोक अदालत के माध्यम से कई मामलों का निष्पादन होता आया है.

वर्चुअल माध्यम से व्यवहार न्यायालय रांची में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कुल 46 बेंच का गठन किया गया था. जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के लिए कुल 28 और एक्जेक्यूटिव ऑफिसर के लिए कुल 18 बेंच थीं. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2,797 वादों का निष्पादन किया गया और 62,453,603 रुपयों का सेटलमेंट विभिन्न केस में हुआ. बिजली के मामलों का निष्पादन बेंच नंबर - 2 ने किया. जिसमें कुल 32 वाद निष्पादित हुए. प्री-लिटिगेशन के कुल 519 मामले और 2,252 लंबित मामलों का निस्तारण भी किया गया.

ये भी पढ़े-जमशेदपुरः विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने की बैठक, निकाय पदाधिकारियों को दिए निर्देश

राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन पीयूष कुमार, प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय, दिवाकर पांडेय, अनिल मिश्रा, सुधांष शेखर, मनीष कुमार, एस.एन. मिश्रा एवं डी. के. मलिक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट न्यायाधीश सह झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष एचसी मिश्रा के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई. इस दौरान कुल 2,797 वादों का निष्पादन किया गया. इसके साथ ही 6 करोड़ से अधिक रुपयों का सेटलमेंट विभिन्न केस में हुआ.


न्यायाधीश पीूयष कुमार ने कहा कि लोक अदालत दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होता है. इससे न्यायालय पर मामलों का बोझ भी कम होता है. लोक अदालत एक पर्व की तरह आयोजित किया जाता है और कोरोना काल में भी पक्षकार वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने मामलों को निस्तारित करा रहे हैं. एजेसी दिवाकर पांडेय ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को यह सुनहरा अवसर मिलता है कि अपने वाद का निस्तारण करा सकते हैं. लोक अदालत के माध्यम से कई मामलों का निष्पादन होता आया है.

वर्चुअल माध्यम से व्यवहार न्यायालय रांची में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कुल 46 बेंच का गठन किया गया था. जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के लिए कुल 28 और एक्जेक्यूटिव ऑफिसर के लिए कुल 18 बेंच थीं. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2,797 वादों का निष्पादन किया गया और 62,453,603 रुपयों का सेटलमेंट विभिन्न केस में हुआ. बिजली के मामलों का निष्पादन बेंच नंबर - 2 ने किया. जिसमें कुल 32 वाद निष्पादित हुए. प्री-लिटिगेशन के कुल 519 मामले और 2,252 लंबित मामलों का निस्तारण भी किया गया.

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राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन पीयूष कुमार, प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय, दिवाकर पांडेय, अनिल मिश्रा, सुधांष शेखर, मनीष कुमार, एस.एन. मिश्रा एवं डी. के. मलिक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया.

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