ETV Bharat / city

रांची: मनाया गया राष्ट्रीय मत्स्य कृषि दिवस, मत्स्य पालकों को किया गया सम्मानित - झारखंड समाचार,

रांची में राष्ट्रीय मत्स्य दिवस के अवसर पर विभाग के अवसर पर मत्स्य दिवस मनाया गया. इस मौके पर विभाग की ओर से बेहतर काम करनेवाले को सम्मानित किया गया.

मत्स्य पालकों को सम्मानित करते निदेशक
author img

By

Published : Jul 11, 2019, 6:30 AM IST

रांची: राष्ट्रीय मत्स्य दिवस 2019 का शुभारंभ बुधवार को धुर्वा स्थित शालीमार मत्स्य विभाग में किया गया. इस दौरान मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गया, उन्हें परिसंपत्ति भी दी गई.

जानकारी देते मत्स्य विभाग के निदेशक
10 जुलाई 1957 में प्रख्यात मत्स्य वैज्ञानिक डॉ हीरालाल चौधरी को मछलियों को हार्मोन का सुई देकर प्रेरित प्रजनन करने में पहली बार सफलता मिली थी. इसी उपलब्ध के उपलक्ष में भारत सरकार के निर्देश पर सभी राज्य और केंद्र सरकार के मत्स्य विभागों तथा मत्स्य संस्थानों में विशेष रूप से मत्स्य कृषि दिवस का आयोजन किया जाता है.मत्स्य विभाग के निदेशक एसके द्विवेदी ने कहा कि मछली उत्पादन में केज कल्चर रिवेराइन फिश फार्मिंग, मत्स्य मित्र जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं से झारखंड ने देशभर में अपनी पहचान बनाई है. पिछले 5 वर्षों में मछली उत्पादन 104000 मीट्रिक टन से बढ़कर मत्स्य कृषकों के प्रयास से 208000 मेट्रिक टन हो गया है. राज्य के मछली बाजारों एवं ग्रामीण हाट स्थानीय ताजा और जिंदा मछली की उपलब्धता बढ़ी है.

ये भी पढ़ें- शराब के नशे में रहते हैं कमांडेंट, होमगार्ड्स से करते हैं गाली-गलौज, गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा

मत्स्य बीज उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है, राज्य के परंपरागत एवं 8 हजार से ज्यादा प्रशिक्षित मत्स्य बीज उत्पादकों द्वारा 2018-19 में 1036.29 करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन किया गया. उन्होंने कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि पानी है अनमोल खजाना, आज पूरे देश में पानी बचाओ को लेकर आंदोलन चल रहे हैं इस कार्यक्रम से यही कहना चाहते हैं कि पानी बचाएं और मत्स्य पालन करें जहां पानी है वहां पर मत्स्य का पालन जरूर करें.

रांची: राष्ट्रीय मत्स्य दिवस 2019 का शुभारंभ बुधवार को धुर्वा स्थित शालीमार मत्स्य विभाग में किया गया. इस दौरान मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गया, उन्हें परिसंपत्ति भी दी गई.

जानकारी देते मत्स्य विभाग के निदेशक
10 जुलाई 1957 में प्रख्यात मत्स्य वैज्ञानिक डॉ हीरालाल चौधरी को मछलियों को हार्मोन का सुई देकर प्रेरित प्रजनन करने में पहली बार सफलता मिली थी. इसी उपलब्ध के उपलक्ष में भारत सरकार के निर्देश पर सभी राज्य और केंद्र सरकार के मत्स्य विभागों तथा मत्स्य संस्थानों में विशेष रूप से मत्स्य कृषि दिवस का आयोजन किया जाता है.मत्स्य विभाग के निदेशक एसके द्विवेदी ने कहा कि मछली उत्पादन में केज कल्चर रिवेराइन फिश फार्मिंग, मत्स्य मित्र जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं से झारखंड ने देशभर में अपनी पहचान बनाई है. पिछले 5 वर्षों में मछली उत्पादन 104000 मीट्रिक टन से बढ़कर मत्स्य कृषकों के प्रयास से 208000 मेट्रिक टन हो गया है. राज्य के मछली बाजारों एवं ग्रामीण हाट स्थानीय ताजा और जिंदा मछली की उपलब्धता बढ़ी है.

ये भी पढ़ें- शराब के नशे में रहते हैं कमांडेंट, होमगार्ड्स से करते हैं गाली-गलौज, गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा

मत्स्य बीज उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है, राज्य के परंपरागत एवं 8 हजार से ज्यादा प्रशिक्षित मत्स्य बीज उत्पादकों द्वारा 2018-19 में 1036.29 करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन किया गया. उन्होंने कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि पानी है अनमोल खजाना, आज पूरे देश में पानी बचाओ को लेकर आंदोलन चल रहे हैं इस कार्यक्रम से यही कहना चाहते हैं कि पानी बचाएं और मत्स्य पालन करें जहां पानी है वहां पर मत्स्य का पालन जरूर करें.

Intro:रांची
बाइट--- एचके द्विवेदी मत्स्य निदेशक

राष्ट्रीय मत्स्य दिवस 2019 का शुभारंभ धुर्वा स्थित शालीमार मत्स्य विभाग मैं किया गया। इस दौरान मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया गया। और उन्हें परिसंपत्ति दी गई ।आज ही के दिन वर्ष 1957 में प्रख्यात मत्स्य वैज्ञानिक डॉ हीरालाल चौधरी को मछलियों को हार्मोन का सुई देकर प्रेरित प्रजनन(induced breeding) करने में पहली बार सफलता मिली थी इसी उपलब्ध के उपलक्ष में भारत सरकार के निर्देश पर सभी राज्य और केंद्र सरकार के मत्स्य विभागों तथा मत्स्य संस्थानों में विशेष रूप से मत्स्य कृषि दिवस का आयोजन किया जाता है


Body:मत्स्य निदेशक एसके द्विवेदी ने कहा कि मछली उत्पादन में केज कल्चर रिवेराइन फिश फार्मिंग, मत्स्य मित्र जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं से विगत वर्षों से झारखंड ने देश भर में अपनी पहचान बनाई है विगत 5 वर्षों में मछली उत्पादन 104000 मेट्रिक टन से बढ़कर मत्स्य कृषकों के प्रयास से 208000 मेट्रिक टन हो गया है। राज्य के मछली बाजारों एवं ग्रामीण हाट स्थानीय ताजा एवं जिंदा मछली की उपलब्धता बढ़ी है। मत्स्य बीज उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है। राज्य के परंपरागत एवं 8 हजार से ज्यादा प्रशिक्षित मत्स्य बीज उत्पादकों द्वारा 2018-19 में 1036.29 करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन किया गया।


Conclusion:साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि पानी है अनमोल खजाना, आज पूरे देश में पानी बचाओ को लेकर आंदोलन चल रहे हैं इस कार्यक्रम से यही कहना चाहते हैं कि पानी बचाएं और मत्स्य पालन करें जहां पानी है वहां पर मत्स्य का पालन जरूर करें
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.