रांचीः बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे को सफर नहीं करने देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि मामले में संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि वह स्वयं इंडिगो एयरलाइंस की कथित घटना की जांच करेंगे.
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क्या है पूरा मामला: मनीषा गुप्ता नामक महिला ने अपने पोस्ट में बताया कि उस बच्चे की स्थिति खराब जरूर थी लेकिन उनके अभिभावक अपने बच्चे को शांत कराने में जुटे थे. ताकि वह आराम से सफर कर सके.अभिभावक अपने बच्चे को ठीक करने के बाद सफर करने को तैयार थे. कई यात्री भी उनकी मदद करने आगे आए. लेकिन एयरपोर्ट और इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों के द्वारा उस बच्चे के अभिभावक के साथ सख्ती की गई. मनीषा गुप्ता ने अपने पोस्ट पर लिखते हुए बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने अभिभावक और बच्चे को सफर करने से सख्त मना कर दिया. एयरपोर्ट पर मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि बच्चे के सफर करने से अन्य पैसेंजर को समस्या हो सकती है.
दिव्यांग के सफर पर रोक : पोस्ट के मुताबिक बच्चे के अभिभावक एयरपोर्ट पर तैनात कर्मचारी और इंडिगो के मैनेजर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि उन्हें सफर करने दिया जाए. बच्चे की मां ने कहा कि एक मां होने के नाते वह कभी भी यह नहीं चाहेगी कि उनका बच्चा खुद को या किसी को कोई हानि पहुंचाए, लेकिन एयरपोर्ट प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और उस बच्चे के अभिभावक को सफर करने से साफ मना कर दिया. आखिर तक एयरपोर्ट प्रबंधन और इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर ने बच्चे और उनके अभिभावक को फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया और इस प्रकार उनकी हैदराबाद की फ्लाइट छूट गई.
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एयरपोर्ट निदेशक की सफाई: पूरे मामले पर एयरपोर्ट के निदेशक केएल अग्रवाल ने बताया कि जो भी जानकारी दी गई है वह सही नहीं है बच्चे की स्थिति काफी खराब थी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को संभालने के लिए जब उनकी मां ने जब बच्चे को डांट लगाई तो बच्चा और भी असंतुलित हो गया जिसे देखकर यह लग रहा था कि इस हालत में बच्चे को सफर करने देना उचित नहीं है. इसलिए इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर ने बच्चे और उनके अभिभावक को सफर करने से रोक दिया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एयरलाइंस की तरफ से बच्चे और अभिभावक को रहने के लिए होटल की व्यवस्था कराई गई और दूसरी सुबह जब बच्चे की स्थिति सामान्य हुई तो रविवार को उन्हें दूसरी विमान से भेज दिया गया.