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सांसद सुदर्शन भगत ने मास्क नहीं लगाने पर एक लाख के जुर्माने को बताया 'अत्याचार', कहा-सरकार करे पुनर्विचार - लोहरदगा सांसद ने झारखंड में जुर्माना राशि को अत्याचार बताया

झारखंड में कोरोना नियमों की अनदेखी और मास्क न पहनने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है. वहीं, इसको लेकर लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

mp sudarshan bhagat
सांसद सुर्दशन भगत
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Published : Jul 24, 2020, 10:13 PM IST

रांची: पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सह लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुदर्शन भगत ने कोरोना वायरस संक्रमण विश्व महामारी के दौरान झारखंड राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में अधिक जुर्माना राशि को जनता पर अत्याचार बताया. उन्होंने मांडर विधानसभा क्षेत्र के बेड़ो में पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह समझते हैं कि यह झारखंड की जनता के लिए अत्याचार है, जिस निर्ममता से दंड राशि तय की गई है. गरीब जनता के लिए एक लाख रुपये बहुत बड़ी राशि है. खासकर कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी में कठोरता की अनिवार्यता तो है ही, लेकिन जो जुर्माना तय किया गया है. झारखंड जैसे गरीब राज्य पर बहुत ज्यादा है. इस पर राज्य सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. इस दौरान मांडर विधानसभा सांसद प्रतिनिधि राकेश भगत, बेड़ो मंडल सांसद प्रतिनिधि सुदर्शन महतो साथ में थे.

ये भी पढ़ें: रांचीः 10 IAS अधिकारियों का तबादला, पति पहले बने डीसी अब पत्नी बनीं गोड्डा डीडीसी

बुधवार को पारित हुआ था अध्यादेश

बता दें कि झारखंड में कोरोना नियमों की अनदेखी और मास्क न पहनने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है. झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को पारित कर दिया था. इसमें कहा गया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले और मास्क न पहनने वालों को 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही नए नियम के तहत अगर कोई नियमों का उल्लंघन या मास्क नहीं पहनता है तो उसे 2 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है. हालांकि, आज उल्लंघनकर्ताओं को रोकने के लिए सड़कों पर कोई चेकिंग नहीं देखी गई. राजधानी रांची की सड़क पर कई लोग बिना मास्क के देखे गए. अनुमान जताया जा रहा है कि मास्‍क न पहनने और शारीरिक दूरी का पालन न करने को लेकर झारखंड सरकार द्वारा तय की गई यह सजा देश में सबसे बड़ी है.

रांची: पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सह लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुदर्शन भगत ने कोरोना वायरस संक्रमण विश्व महामारी के दौरान झारखंड राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में अधिक जुर्माना राशि को जनता पर अत्याचार बताया. उन्होंने मांडर विधानसभा क्षेत्र के बेड़ो में पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह समझते हैं कि यह झारखंड की जनता के लिए अत्याचार है, जिस निर्ममता से दंड राशि तय की गई है. गरीब जनता के लिए एक लाख रुपये बहुत बड़ी राशि है. खासकर कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी में कठोरता की अनिवार्यता तो है ही, लेकिन जो जुर्माना तय किया गया है. झारखंड जैसे गरीब राज्य पर बहुत ज्यादा है. इस पर राज्य सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. इस दौरान मांडर विधानसभा सांसद प्रतिनिधि राकेश भगत, बेड़ो मंडल सांसद प्रतिनिधि सुदर्शन महतो साथ में थे.

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बुधवार को पारित हुआ था अध्यादेश

बता दें कि झारखंड में कोरोना नियमों की अनदेखी और मास्क न पहनने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है. झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को पारित कर दिया था. इसमें कहा गया है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले और मास्क न पहनने वालों को 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही नए नियम के तहत अगर कोई नियमों का उल्लंघन या मास्क नहीं पहनता है तो उसे 2 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है. हालांकि, आज उल्लंघनकर्ताओं को रोकने के लिए सड़कों पर कोई चेकिंग नहीं देखी गई. राजधानी रांची की सड़क पर कई लोग बिना मास्क के देखे गए. अनुमान जताया जा रहा है कि मास्‍क न पहनने और शारीरिक दूरी का पालन न करने को लेकर झारखंड सरकार द्वारा तय की गई यह सजा देश में सबसे बड़ी है.

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