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राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा- केंद्र सरकार नहीं चाहती सदन चलाना - राज्यसभा सांसद धीरज साहू

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पारित हो गया. हालांकि कांग्रेस की मांग थी कि बिल पारित करने से पहले इस पर चर्चा हो. राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि विपक्ष हर तरफ से सहयोग को तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया सहयोगात्मक नहीं है.

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राज्यसभा सांसद धीरज साहू का बयान
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Published : Nov 29, 2021, 2:59 PM IST

नई दिल्लीः झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता धीरज साहू ने कहा कि कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पारित हो गया लेकिन केंद्र सरकार ने बिना चर्चा के इसको पारित करा दिया. इसको पर चर्चा होनी चाहिए थी. केंद्र सरकार को इस बिल पर चर्चा जरूर कराना चाहिए था. विपक्ष अपनी बात रखना चाहता है.

ये भी पढ़ेंः संसद शीतकालीन सत्र : कृषि कानूनों के निरस्त होने का रास्ता साफ, दोनों सदनों से विधेयक पारित, कार्यवाही स्थगित

राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि महंगाई, सीमा पर चीन की आक्रमकता, एमएसपी पर कानूनी गारंटी, लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी, पेगासस विवाद इत्यादि पर संसद के शीतकालीन सत्र में हम लोग चर्चा चाहते हैं. केंद्र सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए. विपक्ष सहयोग करने को तैयार है. केंद्र सरकार को विपक्ष के साथ तालमेल बैठाना चाहिए.

देखें वीडियो
वहीं विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने आज विपक्षी दलों की बैठक संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बुलाई थी. इस बैठक से विपक्ष की एकजुटता पर सवाल उठा. इस बैठक में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, शिवसेना शामिल नहीं हुई. इस पर धीरज साहू ने कहा कि विपक्ष एकजुट है. जहां तक मेरी जानकारी है TMC के लोग बैठक में आए थे. अगर नहीं भी आए होंगे तो उनको साथ करने की कोशिश हम लोग करेंगे.राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट रहेगा. सरकार की तानाशाही नहीं चलने देंगे. व्यापक चर्चा कराने की मांग हम लोग करेंगे. अब देखना है कि सरकार हर चर्चा पर तैयार है या नहीं. सरकार खुद ही सदन नहीं चलने देना चाहती और ठीकरा फोड़ती है कि विपक्ष संसद नहीं चलने देता.

नई दिल्लीः झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता धीरज साहू ने कहा कि कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पारित हो गया लेकिन केंद्र सरकार ने बिना चर्चा के इसको पारित करा दिया. इसको पर चर्चा होनी चाहिए थी. केंद्र सरकार को इस बिल पर चर्चा जरूर कराना चाहिए था. विपक्ष अपनी बात रखना चाहता है.

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राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि महंगाई, सीमा पर चीन की आक्रमकता, एमएसपी पर कानूनी गारंटी, लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी, पेगासस विवाद इत्यादि पर संसद के शीतकालीन सत्र में हम लोग चर्चा चाहते हैं. केंद्र सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए. विपक्ष सहयोग करने को तैयार है. केंद्र सरकार को विपक्ष के साथ तालमेल बैठाना चाहिए.

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वहीं विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने आज विपक्षी दलों की बैठक संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बुलाई थी. इस बैठक से विपक्ष की एकजुटता पर सवाल उठा. इस बैठक में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, शिवसेना शामिल नहीं हुई. इस पर धीरज साहू ने कहा कि विपक्ष एकजुट है. जहां तक मेरी जानकारी है TMC के लोग बैठक में आए थे. अगर नहीं भी आए होंगे तो उनको साथ करने की कोशिश हम लोग करेंगे.राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट रहेगा. सरकार की तानाशाही नहीं चलने देंगे. व्यापक चर्चा कराने की मांग हम लोग करेंगे. अब देखना है कि सरकार हर चर्चा पर तैयार है या नहीं. सरकार खुद ही सदन नहीं चलने देना चाहती और ठीकरा फोड़ती है कि विपक्ष संसद नहीं चलने देता.
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