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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, खनिज विकास निगम में अनियमितता की जानकारी दी - सांसद दीपक प्रकाश ने सीएम हेमंत को लिखा पत्र

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. पत्र के जरिए दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन को खनिज विकास निगम में बरती जा रही अनियमितता पर ध्यान आकृष्ट कराया है.

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सांसद दीपक प्रकाश
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Published : Jan 31, 2021, 7:56 AM IST

रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड राज्य खनिज विकास निगम में बरती जा रही अनियमितता पर ध्यान आकृष्ट कराया है. उन्होंने कहा कि निगम में उसके नियमों और उद्देश्यों के घोर उल्लंघन हो रहा है.

रोजगार बुरी तरह से प्रभावित

उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के उद्देश्य की अनदेखी स्थानीय उद्योग जगत के विकास और स्थानीय उद्योग पर आश्रित जन साधारण के मूलभूत विकास और उनके रोजगार की उपेक्षा है. उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि निगम में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई ऑक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है लेकिन निगम के संचालित सिकनी कोलियरी का कोयला उद्देश्य से समझौता करके गणपति कोल निर्यात कंपनी को दे दिया गया. जिससे इस खदान पर आश्रित जनसाधारण का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

ये भी पढ़े- 70 साल बाद मांग पूरी होने की सुगबुगाहट, साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा पुल का निर्माण कार्य शुरू

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार की गुणवत्ता वाले कोयलों का एक ही मूल्य रखना भी नियम सम्मत नहीं है. आरओएम और स्टील कोयले का एक ही दाम रखने से राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराते हुए स्थानीय उद्योग और जन साधारण के विकास की दिशा में गति देने के लिए उपर्युक्त फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है.

रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड राज्य खनिज विकास निगम में बरती जा रही अनियमितता पर ध्यान आकृष्ट कराया है. उन्होंने कहा कि निगम में उसके नियमों और उद्देश्यों के घोर उल्लंघन हो रहा है.

रोजगार बुरी तरह से प्रभावित

उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के उद्देश्य की अनदेखी स्थानीय उद्योग जगत के विकास और स्थानीय उद्योग पर आश्रित जन साधारण के मूलभूत विकास और उनके रोजगार की उपेक्षा है. उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि निगम में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई ऑक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है लेकिन निगम के संचालित सिकनी कोलियरी का कोयला उद्देश्य से समझौता करके गणपति कोल निर्यात कंपनी को दे दिया गया. जिससे इस खदान पर आश्रित जनसाधारण का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

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उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार की गुणवत्ता वाले कोयलों का एक ही मूल्य रखना भी नियम सम्मत नहीं है. आरओएम और स्टील कोयले का एक ही दाम रखने से राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराते हुए स्थानीय उद्योग और जन साधारण के विकास की दिशा में गति देने के लिए उपर्युक्त फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है.

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