रांची: पुलिस के द्वारा गिरफ्तार मोस्ट वांटेड भीखन गंझू को रविवार को पुलिस ने मीडिया के पेश किया. भीखन गंझू पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था. भीखन की तलाश एनआईए को भी थी. भीखन गंझू के साथ उसका एक अन्य साथी भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है. भीखन के पास से 12.32 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं.
भीखन के साथ पकड़े गए दूसरे नक्सली का नाम राहुल कुमार मुंडा है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिलने के बाद रांची पुलिस की टीम ने 17 मार्च को सदर थाना क्षेत्र के ढेलाटोली में छापेमारी की. छापेमारी में भीखन गंझू और राहुल मुंडा को लेवी के रुपयों के साथ पकड़ा गया. भीखन गंझू पर चतरा जिला के पिपरवार, टंडवा, लावालौंग और पत्थलगड़ा जबकि रांची जिला के खलारी, बुढ़मू, मैक्लुस्कीगंज और कांके थाना सहित जिले के अन्य थानों में कुल 26 मामले दर्ज हैं. भीखन गंझू टेरर फंडिंग और विदेशी हथियार की तस्करी मामले में झारखंड पुलिस के साथ-साथ एनआईए की भी रडार पर था. एनआईए ने भीखन को मोस्ट वांटेड घोषित कर रखा था.
क्या क्या हुआ बरामद: पुलिस की टीम ने भीखन गंझू के पास से लेवी के 12.32 लाख रुपए, सात मोबाइल, दो राउटर, टीपीसी का लेटर पैड, एक लैपटॉप समेत कई अन्य सामान बरामद किए हैं. भीखन गंझू के खिलाफ हथियार तस्करी का भी बड़ा कांड एनआईए में दर्ज है. नागालैंड के अलगाववादी नेता ए सांगथन के साथ बिहार के अपराधियों की सांठगांठ से हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा भीखन था. उसने टीपीसी उग्रवादियों को म्यांमार आर्मी की हथियार खरीदवाई थी. इस मामले में एनआईए ने भीखन पर चार्जशीट भी दायर किया था. अपराध की कमाई से भीखन ने करोड़ों की संपत्ति जमा की है.
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पूर्व सीसीएल कर्मचारी था भीखन: सीसीएल के कर्मचारी, विस्थापित नेता के तौर पर पहचान रखने वाला भीखन गंझू तृतीप प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) में जोनल कमांडर के पद पर है. भीखन ने चतरा की मगध, आम्रपाली कोल परियोजना में साल 2013 में सरगना ब्रजेश गंझू, मुकेश गंझू, आक्रमण, कोहराम समेत अन्य टीपीसी उगव्रादियों के साथ मिलकर कमिटी तैयार की थी. इस कमिटी के अलावा सीसीएल के विस्थापितों की आठ कमेटियां अलग थीं. इन कमिटियों के द्वारा विस्थापितों के नाम पर ट्रक से वसूली की जाती थी. 2018 में इस मामले में चतरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. बाद में पूरे केस की जांच एनआईए ने की थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि टंडवा की मगध और आम्रपाली परियोजना के अलावा भीखन गंझू ने पिपरवार के अशोक के साथ अन्य प्रोजेक्ट में भी टेरर फंडिंग का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था. एनआईए की जांच शुरू होने के बाद इस मामले में भीखन के पर्याप्त साक्ष्य मिले थे. एनआईए के रडार पर आने के बाद से ही भीखन फरार हो गया था.
कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा की हत्या का मास्टरमाइंड: रांची में साल 2020 में प्रेम सागर मुंडा की हत्या कर दी गई थी. कोयला कारोबारी प्रेम सागर की हत्या के पीछे भी भीखन गंझू को ही मास्टरमाइंड माना जाता है. बीते साल प्रेम सागर के छोटे भाई बबलू सागर मुंडा पर भी कांके के अरसंडे में हमला हुआ था, इस मामले में भी पुलिस को भीखन की तलाश है. जानकारी के मुताबिक, भीखन गंझू की पूर्व में पुलिस के आला अधिकारियों से करीबी भी थी.