रांची: झारखंड में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर रोकथाम के लिए अब सीआईडी और साइबर थानों में दर्ज कांड के अनसुंधान की प्रत्येक सप्ताह मॉनिटरिंग होगी. साइबर कांड के अनुसंधानकर्ता किस शैली में काम कर रहे हैं, इस पर नजर बनाए रखने के लिए सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह है इस संबंध में आदेश जारी किया है.
हर हाल में देना होगा अपडेट
सीआईडी और साइबर क्राइम थानों में पदस्थापित सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर और सहायक अनुसंधान पदाधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि प्रत्येक शुक्रवार की दोपहर तक वे सभी अनुसंधान संबंधी इंडेक्स भरकर, प्रत्येक केस की केस डायरी जमा करेंगे. अगर सप्ताह के अंत में अनुसंधानकर्ता ने केस डायरी समर्पित नहीं किया तो इसका कारण एडीजी सीआईडी को लिखित तौर पर बताना होगा. एडीजी ने अपने आदेश में कहा है कि अगर जांच पदाधिकारी अनुसंधान संबंधी केस डायरी समर्पित नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वह केस के अनुसंधान में रूचि नहीं ले रहे हैं. इस संबंध में सभी को बकायदा पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी गई है.
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क्या क्या देनी होगी जानकारी
प्रत्येक जांच पदाधिकारी को अपना नाम, अनुसंधान के लिए लंबित कांडों की संख्या, चालू सप्ताह में समर्पित केस डायरी की सूची, अगर किसी परिस्थिति में केस डायरी समर्पित नहीं किया गया तो इसका कारण एक प्रपत्र में भर कर देना होगा. एडीजी प्रशांत सिंह ने आदेश दिया है कि सीआईडी से संबंधित तमाम डाटा सीआईडी के डाटा प्रभारी के द्वारा जबकि साइबर थाना से संबंधित डाटा, सीआईडी के डाटा प्रभारी साइबर सेल के द्वारा एडीजी सीआईडी को दिया जाएगा.
प्रत्येक केस की होगी निगरानी
प्रत्येक सप्ताह केस डायरी मिलने से सीआईडी में चल रहे कांड और साइबर थानों में साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जांच में तेजी आएगी साथ ही निगरानी भी होगी. प्रत्येक केस की सप्ताहवार प्रगति की जानकारी भी केस डायरी से मिल पाएगी.