रांची: कार में सवार चार हैवानों ने एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को नौ महीने पहले अंजाम दिया था. दुष्कर्म पीड़िता युवती ने बीते गुरुवार को गुमला जिले के चैनपुर पुल के पास एक बच्चे को जन्म दिया. सड़क किनारे युवती की प्रसव पीड़ा को देखते हुए राहगीरों की मदद से उसे हॉस्पीटल में भर्ती कराया और अस्पताल में जब बच्चे के पिता की जानकारी ली गयी तब मामले का खुलासा हुआ कि युवती दुष्कर्म पीड़िता है.
रांची में हुआ था दुष्कर्म
गुमला निवासी युवती के साथ राजधानी रांची में ही दुष्कर्म किया गया था. इस मामले की सूचना गुमला पुलिस को भी दी गयी, इधर रांची के लोअर बाजार थाना में युवती के बयान पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. जानकारी के अनुसार युवती रांची के कांटा टोली में किराए के मकान में रहती थी. रांची में रहकर स्नातक की पढ़ाई करने के साथ-साथ घरेलु काम भी करती थी. इसी बीच नवंबर 2019 में मकान मालिक से अनबन होने के कारण युवती अपने गुमला स्थित घर जाने के लिए निकली और कांटा टोली चौक के पास बस का इंतजार करने लगी. इसी दौरान एक काला शीशा लगी गाड़ी में सवार चार युवकों ने उससे पूछा कि कहां जाना है, युवती ने जब बताया कि उसे गुमला जाना है. इसके बाद युवक पीड़िता को अपनी कार में बैठाकर ओरमांझी स्थित जंगल ले गए. जहां दो लड़कों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया और कांटा टोली पहुंचाकर उसे धमकी देते हुए फरार हो गए. युवकों की धमकी के बाद पीड़िता ने डर से किसी को इस मामले की जानकारी नहीं दी.
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प्रसव पीड़ा के बाद पहुंची गुमला
मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता रांची में पढ़ाई के साथ-साथ घरेलु काम भी करती थी. लेकिन कुछ माह बाद काम के दौरान पेट में दर्द होने के वजह से रांची छोड़कर गुमला चली गयी. इसी बीच जब उसके परिजनों और रिश्तेदारों को उसके गर्भ के बारे जानकारी मिली तो वे उसे ताना देने लगे. बताया जाता है कि युवती आदिम जनजाति के कोरबा जाति से संबंध रखती है और इस जनजाति में शादी से पहले गर्भ ठहरने वाले से कोई बात नहीं करना चाहता. इसी वजह से तंग आकर युवती बीते गुरुवार को घर से निकली. लेकिन रास्ते में चैनपुर पुल के नजदीक प्रसव पीड़ा होने के बाद बच्चे को जन्म दिया.