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हेमंत सरकार के कार्यकाल से नाराज सरयू राय, कहा- हर सवाल के जवाब के लिए क्या लोग हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

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Published : Mar 2, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 4:09 PM IST

सारंडा क्षेत्र में अंधाधुंध हो रही अवैध माइनिंग पर सवाल खड़े करते हुए सरयू राय ने कहा कि इसका जवाब सरकार से नहीं मिलेगा तो क्या हर सवाल का जवाब लेने के लिए लोग हाईकोर्ट का ही दरवाजा खटखटाएंगे. सरयू राय के इस तेवर ने साफ संकेत दे दिया है कि सरकार के कामकाज से वो संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं.

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सरयू राय, विधायक

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे निर्दलीय विधायक सरयू राय का रुख बदला सा दिखा. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद अल्पसूचित प्रश्न के जरिए सदन में सरयू राय ने सारंडा वनक्षेत्र को लेकर सवाल उठाते हुए सरकार से 1968 में सारंडा अभ्यारण्य क्षेत्र घोषित किए जाने संबंधी अधिसूचना की कॉपी की मांग की. इस पर सरकार के मंत्री के गोलमोल जवाब से सरयू राय नाराज हो गए.

सरयू राय, विधायक

इसे भी पढ़ें- रोजगार और नियोजन नीति को लेकर विपक्षी दलों का सदन के बाहर प्रदर्शन, जवाब में बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री जिंदाबाद का लगाया नारा

सरकार के जवाब से असंतुष्ट सरयू राय ने स्पीकर से मुलाकात कर अपनी बातों को रखा. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सरयू राय ने यहां तक कह दिया कि विधानसभा की हालत 10 रुपए के आरटीआई से भी बदतर हो गई है. सरकार के मंत्री तैयारी करके सदन में नहीं आते हैं, जिसके कारण प्रश्नों का जवाब सही से नहीं मिलता है. उन्होंने सारंडा वन क्षेत्र को अभ्यारण्य घोषित करने संबंधी 1968 में जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि 1980 में जब वन संरक्षण अधिनियम आ गया, तो सारंडा में बिना अनुमति के माइनिंग कैसे हो रही है.

सारंडा क्षेत्र में अंधाधुंध हो रही अवैध माइनिंग पर सवाल खड़े करते हुए सरयू राय ने कहा कि इसका जवाब सरकार से नहीं मिलेगा तो क्या हर सवाल का जवाब लेने के लिए लोग हाईकोर्ट का ही दरवाजा खटखटाएंगे. विधायक सरयू राय के इस तेवर ने साफ संकेत दे दिया है कि सरकार के कामकाज से वो इन दिनों संतुष्ट नहीं हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे निर्दलीय विधायक सरयू राय का रुख बदला सा दिखा. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद अल्पसूचित प्रश्न के जरिए सदन में सरयू राय ने सारंडा वनक्षेत्र को लेकर सवाल उठाते हुए सरकार से 1968 में सारंडा अभ्यारण्य क्षेत्र घोषित किए जाने संबंधी अधिसूचना की कॉपी की मांग की. इस पर सरकार के मंत्री के गोलमोल जवाब से सरयू राय नाराज हो गए.

सरयू राय, विधायक

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सरकार के जवाब से असंतुष्ट सरयू राय ने स्पीकर से मुलाकात कर अपनी बातों को रखा. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सरयू राय ने यहां तक कह दिया कि विधानसभा की हालत 10 रुपए के आरटीआई से भी बदतर हो गई है. सरकार के मंत्री तैयारी करके सदन में नहीं आते हैं, जिसके कारण प्रश्नों का जवाब सही से नहीं मिलता है. उन्होंने सारंडा वन क्षेत्र को अभ्यारण्य घोषित करने संबंधी 1968 में जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि 1980 में जब वन संरक्षण अधिनियम आ गया, तो सारंडा में बिना अनुमति के माइनिंग कैसे हो रही है.

सारंडा क्षेत्र में अंधाधुंध हो रही अवैध माइनिंग पर सवाल खड़े करते हुए सरयू राय ने कहा कि इसका जवाब सरकार से नहीं मिलेगा तो क्या हर सवाल का जवाब लेने के लिए लोग हाईकोर्ट का ही दरवाजा खटखटाएंगे. विधायक सरयू राय के इस तेवर ने साफ संकेत दे दिया है कि सरकार के कामकाज से वो इन दिनों संतुष्ट नहीं हैं.

Last Updated : Mar 2, 2021, 4:09 PM IST
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