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अवैध उत्खनन पर विधायक सरयू राय के निशाने पर शाह ब्रदर्सः कहा- सरकार कुछ नहीं करेगी तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

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Published : Jun 29, 2021, 8:16 PM IST

विधायक सरयू राय लगातार मुद्दे उठाते रहे हैं और सरकार का ध्यान उनकी ओर आकृष्ट कराते रहे हैं. एक बार फिर से विधायक ने झारखंड में अवैध उत्खनन का मामला जोर-शोर से उठाया है. इसको लेकर उन्होंने शाह ब्रदर्स को निशाने पर लिया है.

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विधायक सरयू राय

रांचीः जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय की पुस्तक 'रहबर की राहजनी' में उठाए गए मुद्दे चर्चा में है. इस किताब के माध्यम से पूर्व मंत्री झारखंड में अवैध उत्खनन के मामले को उठाया है. उन्होंने शाह बंधुओं को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को भी अवैध उत्खनन के मामले से अवगत कराया है. अगर सरकार इस पर संज्ञान नहीं लेती है तो वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.

इसे भी पढ़ें- सरयू राय ने खान सचिव पर उठाए सवाल, CM को लिखा पत्र, पूछा- शाह ब्रदर्स पर मेहरबानी क्यों ?

मंगलवार को विधायक सरयू राय ने अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने बताया कि झारखंड में लौह अयस्क का खनन, उसके व्यापार के मामले में जो अनियमितताएं हुई हैं और जो लोग इसमें सहभागी रहे हैं. प्रमाण के साथ उन बातों को पुस्तक में रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि शाह ब्रदर्स की ओर से अपने खदान से लौह अयस्क की ढुलाई करके बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा है. लेकिन खान विभाग और वन विभाग के लोग चुप हैं.

जानकारी देते विधायक सरयू राय

'हर किसी को अंधेरे में रखा गया, तथ्य छुपाए गए'

ऐसे में यह सवाल उठता है कि किस नियम के तहत शाह ब्रदर्स को ऐसा करने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खासकर सारंडा के फॉरेस्ट ऑफिसर और चाईबासा के डिप्टी माइनिंग ऑफिसर को किसने आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का भी दुरुपयोग किया जा रहा है और न्यायमूर्तियों को अंधेरे में रखकर हाई कोर्ट की बेंच को गुमराह करते हुए तथ्यों को छुपाया जा रहा है, सरकार के अधिकारी अवैध खनन में संलिप्त हैं.

इसे भी पढ़ें- चर्चित शाह ब्रदर्स माइनिंग लीज मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

'आखिर जुर्माने की राशि क्यों घटाई गई'

साथ ही उन्होंने कहा कि जिला माइनिंग ऑफिसर ने 2015 और 2017 में शाह ब्रदर्स के खिलाफ 605 करोड़ रुपया का जुर्माना लगाया था. लेकिन उनके नए अधिकारी के ट्रांसफर होकर आने के बाद इस जुर्माने को घटाकर 205 करोड़ कर दिया गया, यह कैसे हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही लौह अयस्क की चोरी के मामले में मुकदमे हुए, पर वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा और उस चोरी का आज तक हिसाब भी नहीं मिल पाया. इस मामले की जांच विधानसभा की समिति की ओर से भी किया गया. ऐसे में अब तक इस मामले में कोई कार्य नहीं हुए हैं, इस पर सरकार को जांच करनी चाहिए.

MLA Saryu Rai targeted Shah Brothers regarding Illegal Mining in Jharkhand
विधायक सरयू राय की पुस्तक 'रहबर की राहजनी'

इसे भी पढ़ें- बंद पड़े मेसर्स शाह ब्रदर्स खदान से लौह अयस्क उठाव की अनुमति, DMO की निगरानी में होंगे सारे काम

'मेरा फर्ज है मैं खुद को सही साबित करूं'

विधायक सरयू राय ने कहा कि शाह ब्रदर्स ने उनके उठाए गए मामले को गलत कहा है, ऐसे में मेरा दायित्व बनता है कि मैं खुद को सही साबित करूं. इसके लिए अगर भारत सरकार के पास जाना पड़े तो जाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के सचिव और वन विभाग के अधिकारी गलत हैं, शाह ब्रदर्स गलत है, यह साबित करने के लिए वो कोई भी फोरम अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सभी बातों की जानकारी दी है. अगर उन्हें संज्ञान लेने में परेशानी होगी तो दूसरा वैकल्पिक रास्ता न्याय के लिए अपनाएंगे.

रांचीः जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय की पुस्तक 'रहबर की राहजनी' में उठाए गए मुद्दे चर्चा में है. इस किताब के माध्यम से पूर्व मंत्री झारखंड में अवैध उत्खनन के मामले को उठाया है. उन्होंने शाह बंधुओं को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को भी अवैध उत्खनन के मामले से अवगत कराया है. अगर सरकार इस पर संज्ञान नहीं लेती है तो वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.

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मंगलवार को विधायक सरयू राय ने अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने बताया कि झारखंड में लौह अयस्क का खनन, उसके व्यापार के मामले में जो अनियमितताएं हुई हैं और जो लोग इसमें सहभागी रहे हैं. प्रमाण के साथ उन बातों को पुस्तक में रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि शाह ब्रदर्स की ओर से अपने खदान से लौह अयस्क की ढुलाई करके बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा है. लेकिन खान विभाग और वन विभाग के लोग चुप हैं.

जानकारी देते विधायक सरयू राय

'हर किसी को अंधेरे में रखा गया, तथ्य छुपाए गए'

ऐसे में यह सवाल उठता है कि किस नियम के तहत शाह ब्रदर्स को ऐसा करने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खासकर सारंडा के फॉरेस्ट ऑफिसर और चाईबासा के डिप्टी माइनिंग ऑफिसर को किसने आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का भी दुरुपयोग किया जा रहा है और न्यायमूर्तियों को अंधेरे में रखकर हाई कोर्ट की बेंच को गुमराह करते हुए तथ्यों को छुपाया जा रहा है, सरकार के अधिकारी अवैध खनन में संलिप्त हैं.

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'आखिर जुर्माने की राशि क्यों घटाई गई'

साथ ही उन्होंने कहा कि जिला माइनिंग ऑफिसर ने 2015 और 2017 में शाह ब्रदर्स के खिलाफ 605 करोड़ रुपया का जुर्माना लगाया था. लेकिन उनके नए अधिकारी के ट्रांसफर होकर आने के बाद इस जुर्माने को घटाकर 205 करोड़ कर दिया गया, यह कैसे हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही लौह अयस्क की चोरी के मामले में मुकदमे हुए, पर वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा और उस चोरी का आज तक हिसाब भी नहीं मिल पाया. इस मामले की जांच विधानसभा की समिति की ओर से भी किया गया. ऐसे में अब तक इस मामले में कोई कार्य नहीं हुए हैं, इस पर सरकार को जांच करनी चाहिए.

MLA Saryu Rai targeted Shah Brothers regarding Illegal Mining in Jharkhand
विधायक सरयू राय की पुस्तक 'रहबर की राहजनी'

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'मेरा फर्ज है मैं खुद को सही साबित करूं'

विधायक सरयू राय ने कहा कि शाह ब्रदर्स ने उनके उठाए गए मामले को गलत कहा है, ऐसे में मेरा दायित्व बनता है कि मैं खुद को सही साबित करूं. इसके लिए अगर भारत सरकार के पास जाना पड़े तो जाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के सचिव और वन विभाग के अधिकारी गलत हैं, शाह ब्रदर्स गलत है, यह साबित करने के लिए वो कोई भी फोरम अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सभी बातों की जानकारी दी है. अगर उन्हें संज्ञान लेने में परेशानी होगी तो दूसरा वैकल्पिक रास्ता न्याय के लिए अपनाएंगे.

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