रांची: पंचम झारखंड विधानसभा का तृतीय मानसून सत्र 18 से 22 सितंबर के दौरान आहूत होगा इसको लेकर विधानसभा में तैयारियां जो मुकम्मल कर ली गई है. माननीय के द्वारा विभाग से जो प्रश्न पूछे जाते हैं उन सभी प्रश्न का जवाब भी तैयार के जा रही है. हालांकि मानसून सत्र 2 दिन का भी होना है ऐसे में जनता की कई मुद्दे ऐसे होंगे जो विधानसभा में उठेगी चाहे वह विभाग से संबंधित हो या फिर लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण की.
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा मानसून सत्र सारस सत्र छोटा ही होता है ये सत्र सिर्फ 2 दिन से सत्र चलेगा ऐसे में ऐसे में जनता की कई मुद्दे, विभागीय से जुड़े मुद्दे खासकर कोरोना महामारी की बात करें तो इस समय कोविड का काल है इसलिए सुझाव भी दिया गया था कि 1 दिन इसे और बढ़ा दिया जाए या फिर इसी 2 दिन के बीच में जो आधी है उसे 4:00 बजे से 6:00 बजे तक कर दिया जाए. क्योंकि यह आवश्यक है कि कोविड के बारे में जिन जिन क्षेत्रों में सूचनाएं हैं कि विभाग किस तरीके से कार्य कर रहा है इसकी जानकारी पूरी तरह से आनी चाहिए साथी स्वास्थ्य मंत्री को एक विशेष वक्तव्य देना चाहिए. केंद्र की लापरवाही के कारण महामारी फैलने के स्वास्थ्य मंत्री के बयान को लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि जब सदन बैठने वाली है तो ऐसे भी सदन के अंदर ही जवाब देना उचित होता है. या फिर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसका क्या आधार है साथ ही उन्होंने कहा कि सदन के अंदर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को लेकर बातें उठेगी की स्वास्थ्य को लेकर केंद्र और राज्य कितना प्रभावी है.
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बैठक में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री पर किसी भी प्रकार का टिप्पणी उचित नहीं होता है. उनके द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सूचना दे दी गई थी और इस बैठक में सिर्फ सुझाव देना होता है. कोरोना का प्रभाव सब पर है ऐसे में कोई सरकार को भी अधिक परेशान करना नहीं चाहता है. प्रधानमंत्री ने पहले ही कोरोना काल को युद्ध काल कहा है, ऐसे में केंद्र और राज्य पर टिप्पणी करना उचित नहीं होता है लेकिन इन लोगों को सदन बताना तो चाहिए क्या परेशानियां है. इसलिए सदन के अंदर दो 2 घंटे बहस को लेकर हो जाए ताकि स्पष्ट हो जाएगा कि जनता को क्या-क्या परेशानियां है. उसका समाधान कैसे होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना हर दिन ऐसे कई घटनाएं सामने आती है. जिसमें कहा जाता है कि इमरजेंसी में भी अस्पताल भर्ती नहीं कर रहा है और अगर एजेंसी में चला गया दूसरे वेट नहीं मिलता बेड मिलने पर आए क्यों नहीं मिलता है इसको लेकर भी मैंने मुख्यमंत्री को लिखा था और ट्वीट भी किया था कि सरकार को ऑनलाइन व्यवस्था करनी चाहिए कि किस अस्पताल में कितने सीट है और कितने भर्ती हैं ताकि लोगों को जमशेदपुर में और रांची में दौड़ना ना पड़े और हर जिले में जो विशेष बेड बनाने थे इसको लेकर क्या हुआ है ताकि जनता को भी स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार हमारे लिए क्या कुछ कर रही है.