रांची: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. ऐसे में राज्य के किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों की बिक्री के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. ऐसे में मांडर विधायक बंधु तिर्की ने शनिवार को मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें किसानों को प्रति एकड़ आकस्मिक सहायता राशि के रूप में 10,000 रुपए सीधे उनके खाते में देने का आग्रह किया है.
मांडर विधायक बंधु तिर्की ने पत्र के माध्यम से कहा है कि वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना महामारी से पूरा देश प्रभावित है. इसे देखते हुए सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया है, जो एक लंबा समय है. ऐसे में झारखंड राज्य के किसानों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रदेश के किसान कुछ दिनों पूर्व हुए ओलावृष्टि की मार झेल रहे थे, जिसकी वजह से आर्थिक भार उन पर पड़ा है और अब लॉकडाउन की बंदी ने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है.
बंधु तिर्की ने कहा है कि सब्जियों के उत्पादन के लिए सही समय है पर सब्जियां खेतों में तैयार पड़ी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों द्वारा उगाई सब्जियों की बिक्री के लिए बाजार नहीं मिल रहा है और सब्जियां खेतों में ही नष्ट हो जा रही हैं. उन्होंने लिखा है कि ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार के कृषि पदाधिकारियों की टीम गठित कर किसानों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट का आकलन कराकर उनके खाते में सीधे अनुदान राशि उपलब्ध कराए जाने से उनके आर्थिक बोझ में कमी लाई जा सकती है.
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बता दें कि किसानों द्वारा उत्पादित सब्जी लॉकडाउन की वजह से बाजारों तक नहीं पहुंच पा रही है, जो कुछ सब्जियां बाजार तक आ रही है. वह सब्जियां महंगी भी हो गई है. इससे पहले भी मांडर विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि किसानों द्वारा उपजाई सब्जियों के लिए बाजार मुहैया कराई जाएं ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया सके, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसकी वजह से किसानों की सब्जियां खेतों में ही बर्बाद हो रही है.