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निंदा प्रस्ताव वापस लेने को लेकर बार काउंसिल कर रही टालमटोल, मंत्री सरयू राय ने 10 दिन का दिया अल्टीमेटम

खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सरयू राय ने झारखंड राज्य बार काउंसिल को निंदा प्रस्ताव को वापस करने को लेकर 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. मंत्री ने कहा है कि अगर कार्रवाई समय पर नहीं की गई तो कोर्ट का सहारा लेंगे.

अधिकारियों से बातचीत करते मंत्री सरयू राय
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Published : Sep 6, 2019, 11:37 PM IST

रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सरयू राय के खिलाफ झारखंड राज्य बार काउंसिल द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव को वापस करने में किए जा रहे टालमटोल को लेकर मंत्री ने काउंसिल को पत्र के माध्यम से 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर 10 दिनों के अंदर काउंसिल बैठक कर निंदा प्रस्ताव वापस नहीं लेती है, तो वह कोर्ट की शरण में जाएंगे.

ये भी पढ़ें-IPS की पत्नी के खिलाफ सीएम जनसंवाद में शिकायत, प्रताड़ना का लगाया आरोप

उन्होंने झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष सह महाधिवक्ता अजीत कुमार को पत्र में लिखा है कि नवंबर 2018 में उनके विरुद्ध प्रस्ताव पारित होने के बाद से बार काउंसिल की दो बैठक हो चुकी है. लेकिन उन बैठकों में इस प्रस्ताव को वापस लेने पर विचार नहीं किया गया है. इसलिए उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर बार काउंसिल अगली बैठक की तिथि घोषित करे नहीं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

बार काउंसिल की कार्रवाई को बताया एकतरफा

दरअसल, 23 नवंबर 2018 को झारखंड राज्य बार काउंसिल की आपातकालीन बैठक में सरयू राय के खिलाफ निंदा का प्रस्ताव पारित किया गया था. यह प्रस्ताव सरयू राय ने खनन पट्टा और अन्य मामले में महाधिवक्ता पर आरोप लगाने के कारण पारित किया था. इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए सरयू राय ने बार काउंसिल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें काउंसिल के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखने का मौका दिया जाए और प्रस्ताव वापस लिया जाए.

वहीं, पिछले महीने 29 अगस्त को बार काउंसिल के सचिव के माध्यम से सरयू राय को पत्र भेजा गया. जिसमें कहा गया कि बार काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्ताव वापस ले लिया जाएगा.

रांची: खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सरयू राय के खिलाफ झारखंड राज्य बार काउंसिल द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव को वापस करने में किए जा रहे टालमटोल को लेकर मंत्री ने काउंसिल को पत्र के माध्यम से 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर 10 दिनों के अंदर काउंसिल बैठक कर निंदा प्रस्ताव वापस नहीं लेती है, तो वह कोर्ट की शरण में जाएंगे.

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उन्होंने झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष सह महाधिवक्ता अजीत कुमार को पत्र में लिखा है कि नवंबर 2018 में उनके विरुद्ध प्रस्ताव पारित होने के बाद से बार काउंसिल की दो बैठक हो चुकी है. लेकिन उन बैठकों में इस प्रस्ताव को वापस लेने पर विचार नहीं किया गया है. इसलिए उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर बार काउंसिल अगली बैठक की तिथि घोषित करे नहीं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

बार काउंसिल की कार्रवाई को बताया एकतरफा

दरअसल, 23 नवंबर 2018 को झारखंड राज्य बार काउंसिल की आपातकालीन बैठक में सरयू राय के खिलाफ निंदा का प्रस्ताव पारित किया गया था. यह प्रस्ताव सरयू राय ने खनन पट्टा और अन्य मामले में महाधिवक्ता पर आरोप लगाने के कारण पारित किया था. इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए सरयू राय ने बार काउंसिल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें काउंसिल के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखने का मौका दिया जाए और प्रस्ताव वापस लिया जाए.

वहीं, पिछले महीने 29 अगस्त को बार काउंसिल के सचिव के माध्यम से सरयू राय को पत्र भेजा गया. जिसमें कहा गया कि बार काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्ताव वापस ले लिया जाएगा.

Intro:रांची. खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सरयू राय के खिलाफ झारखंड राज्य बार काउंसिल द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव को वापस करने में किए जा रहे टालमटोल को लेकर उन्होंने काउंसिल को पत्र के माध्यम से शुक्रवार को 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर 10 दिनों के अंदर काउंसिल बैठक कर निंदा प्रस्ताव वापस नहीं लेती है।तो वह कोर्ट की शरण में जाएंगे।







Body:उन्होंने झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष सह महाधिवक्ता अजीत कुमार को पत्र में लिखा है कि नवंबर 2018 में उनके विरुद्ध प्रस्ताव पारित होने के बाद से बार काउंसिल की दो बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन उन बैठकों में इस प्रस्ताव को वापस लेने पर विचार नहीं किया गया है। इसलिए 10 दिनों के अंदर बार काउंसिल के अगली बैठक की तिथि घोषित करें। नहीं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।Conclusion:दरअसल 23 नवंबर 2018 को झारखंड राज्य बार काउंसिल की आपातकालीन बैठक में सरयू राय के खिलाफ निंदा का प्रस्ताव पारित किया गया था। यह प्रस्ताव सरयू राय द्वारा खनन पट्टा और अन्य मामले में महाधिवक्ता पर आरोप लगाने के कारण पारित किया गया था। जिसे लेकर सरयू राय ने बार काउंसिल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा था और इस कार्यवाही में एकतरफा बताते हुए कहा था कि उन्हें बार काउंसिल के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखने का मौका दिया जाए और प्रस्ताव वापस लिया जाए। वंही पिछले महीने 29 अगस्त को बार काउंसिल के सचिव के माध्यम से सरयू राय को पत्र भेजा गया। जिसमें कहा गया कि बार काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्ताव वापस ले लिया जाएगा।
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