रांची: कोरोना काल में सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायकों ने लगातार फंड की कमी का मुद्दा उठाया है. फंड नहीं होने की वजह से विधायकों की शिकायत रही है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में इस महामारी काल में सभी सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहे हैं. सरकार की तरफ से भी फंड की समस्या को दूर करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है.
इसको लेकर राज्य सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि सभी विधायकों को यह पता है कि वर्तमान कोविड-19 संक्रमण काल में सरकार का खजाना खाली है. कई मदों में रेवेन्यू कलेक्शन नहीं होने की वजह से सरकार के पास पैसे नहीं है. हालांकि, सभी विधायकों को एलॉटमेंट हो चुका है, लेकिन डेढ़ से दो महीनों में फंड की समस्या भी खत्म हो जाएगी और सभी विधायकों को खर्च करने के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा.
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बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का लगातार झारखंड में वापसी का सिलसिला शुरू हुआ और वर्तमान समय में भी प्रवासी मजदूर अपने गांव घर में हैं. वह काम की तलाश कर रहे हैं. इसको लेकर सरकार की ओर से मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन वह भी नाकाफी है. ऐसे में विधायक चाहते हैं कि उन्हें फंड मिले ताकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसे प्रवासी मजदूरों समेत अन्य जरूरतमंदों की सहायता कर सकें. इसके साथ ही इस बार विधानसभा में 22 नए विधायक चुनकर आए हैं, उन्हें सबसे ज्यादा फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है.