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अब छुट्टी के दिनों में भी मिलेगा स्कूली बच्चों को भोजन, शिक्षा विभाग ने की है पहल

झारखंड के सूखा प्रभावित जिलों में छुट्टी के दिनों में भी स्कूली बच्चों को मिड-डे मील देने की तैयारी की जा रही है. शिक्षा विभाग ने एक नई पहल करने की कोशिश की है जिससे स्कूली बच्चों को मिड-डे मील का लाभ मिल सके.

भोजन करते बच्चें
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Published : Jul 13, 2019, 5:28 PM IST

रांची: झारखंड मिड-डे मील प्राधिकरण की ओर से केंद्र सरकार से सूखे प्रभावित जिलों में छुट्टी के दौरान मिड-डे मील खिलाने को लेकर रुपयों की मांग की गई थी. केंद्र सरकार ने इसे लेकर सहमति दे दी है. मिड-डे मील के लिए 715 करोड़ रुपए की बजट की स्वीकृति दे दी गई है.

देखें पूरी खबर


राज्य की ओर से 32 लाख स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के लिए राशि की मांग केंद्र सरकार से की गई थी. केंद्र सरकार ने पहले 28 लाख बच्चों के लिए ही राशि देने की सहमति दी थी. हालांकि राज्य सरकार की ओर से पोषक आहार के रूप में अंडा, दूध और फल दिया जा रहा है. पोषक आहार पर आने वाला खर्च पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर से ही वहन की जाती है. राज्य सरकार की ओर से रखे गए पक्ष के बाद केंद्र ने 32 लाख बच्चों के लिए राशि देने को अपनी स्वीकृति दे दी है.


मिड-डे मील के लिए 60 फीसदी राशी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशी राज्य सरकार की ओर से दी जाती है. वहीं सूखा प्रभावित जिलों में छुट्टी में मिड-डे मील खिलाने का पैसा भी केंद्र सरकार ने दे दिया है. अब राज्य सरकार को इस ओर कदम बढ़ाना है और सूखा प्रभावित जिलों को चिन्हित कर मिड-डे मील की व्यवस्था करना है. इसे लेकर राज्य सरकार की शिक्षा विभाग पहल करने जा रही है.

ये भी देखें- RJD में जारी है मनमुटाव, पार्टी लाइन से विपरीत जा कर काम कर रहे हैं कुछ लोग


शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि छुट्टी के दौरान इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने में थोड़ी परेशानी जरूर आएगी. लेकिन इस दिशा में पहल की जा रही है. बारिश की कम संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है.

रांची: झारखंड मिड-डे मील प्राधिकरण की ओर से केंद्र सरकार से सूखे प्रभावित जिलों में छुट्टी के दौरान मिड-डे मील खिलाने को लेकर रुपयों की मांग की गई थी. केंद्र सरकार ने इसे लेकर सहमति दे दी है. मिड-डे मील के लिए 715 करोड़ रुपए की बजट की स्वीकृति दे दी गई है.

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राज्य की ओर से 32 लाख स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के लिए राशि की मांग केंद्र सरकार से की गई थी. केंद्र सरकार ने पहले 28 लाख बच्चों के लिए ही राशि देने की सहमति दी थी. हालांकि राज्य सरकार की ओर से पोषक आहार के रूप में अंडा, दूध और फल दिया जा रहा है. पोषक आहार पर आने वाला खर्च पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर से ही वहन की जाती है. राज्य सरकार की ओर से रखे गए पक्ष के बाद केंद्र ने 32 लाख बच्चों के लिए राशि देने को अपनी स्वीकृति दे दी है.


मिड-डे मील के लिए 60 फीसदी राशी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशी राज्य सरकार की ओर से दी जाती है. वहीं सूखा प्रभावित जिलों में छुट्टी में मिड-डे मील खिलाने का पैसा भी केंद्र सरकार ने दे दिया है. अब राज्य सरकार को इस ओर कदम बढ़ाना है और सूखा प्रभावित जिलों को चिन्हित कर मिड-डे मील की व्यवस्था करना है. इसे लेकर राज्य सरकार की शिक्षा विभाग पहल करने जा रही है.

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शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि छुट्टी के दौरान इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने में थोड़ी परेशानी जरूर आएगी. लेकिन इस दिशा में पहल की जा रही है. बारिश की कम संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है.

Intro:डे प्लान।

रांची।

सूखा प्रभावित जिलों में छुट्टी के दिनों में भी स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने की तैयारी की जा रही है. झारखंड राज्य मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से इसकी तैयारी के लिए केंद्र सरकार से राशि की मांग की गई थी.केंद्र सरकार ने यह कहते हुए राशि उपलब्ध कराने को अपनी सहमति दी है कि अगर राज्य द्वारा छुट्टी में बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है तो केंद्र सरकार इसके लिए केंद्र सरकार राशि राज्य सरकार को देगी. शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि सूखा प्रभावित जिलों में सर्वप्रथम इसकी व्यवस्था की जाएगी.


Body:झारखंड मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से केंद्र सरकार से सुखा प्रभावित जिलों में छुट्टी के दौरान मध्यान भोजन खिलाने को लेकर रुपयों की मांग की गई थी. केंद्र सरकार इसे लेकर सहमति दे दी है .मध्यान भोजन के लिए 715 करोड रुपए की बजट की स्वीकृति दे दी गई है .राज्य की ओर से 32 लाख स्कूली बच्चों के लिए मध्यान भोजन के लिए राशि की मांग केंद्र सरकार से की गई थी .केंद्र सरकार ने पहले 28 लाख बच्चों के लिए ही राशि देने की सहमति दी थी .हालांकि राज्य सरकार की ओर से पोषक आहार के रूप में अंडा दूध और फल दिया जा रहा है. पोषक आहार पर आने वाला खर्च पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर से ही वहन किया जाती है .राज्य सरकार की ओर से रखे गए पक्ष के बाद केंद्र ने 32 लाख बच्चों के लिए राशि देने को अपनी स्वीकृति दे दी है. मध्यान भोजन के लिए 60 फीसदी राशी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशी राज्य सरकार की ओर से दी जाती है.वहीं सूखा प्रभावित जिलों में छुट्टी में मध्यान भोजन खिलाने का पैसा भी केंद्र सरकार ने दे दिया है .अब राज्य सरकार को इस ओर कदम बढ़ाना है और सूखा प्रभावित जिलों को चिन्हित कर मध्यान भोजन की व्यवस्था करना है .इसे लेकर राज्य सरकार की शिक्षा विभाग पहल करने जा रही है .शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि छुट्टी के दौरान इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने में थोड़ी परेशानी जरूर आएगी .लेकिन इस दिशा में पहल की जा रही है.


बाइट-नीरा यादव,शिक्षा मंत्री.झारखंड सरकार


Conclusion:बारिश की कम संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है .अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में इस योजना को किस हद तक अमलीजामा पहनाने में विभाग सफल हो पाती है.
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