रांची: चतुर्थ विधानसभा का अंतिम सत्र 22 जुलाई से मॉनसून सत्र के रूप में शुरू होना है. संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सत्र से पहले झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव ने विधानसभा स्थित अपने कक्ष में विधायक दल के नेताओं की बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक में सिर्फ नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा पहुंचे.
हेमंत और नीलकंठ के साथ हुई बैठक
बैठक का समय 11:30 रखा गया था. समय का ख्याल सिर्फ संसदीय कार्य मंत्री ने रखा. विपक्ष की ओर से सिर्फ हेमंत सोरेन पहुंचे. वह भी 12 बजकर 20 पर, कुछ देर इंतजार करने के बाद स्पीकर ने अपने कक्ष में इन्हीं दोनों नेताओं के साथ मानसून सत्र के संचालन को लेकर चर्चा की. बैठक संपन्न होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री से पूछा गया कि आखिर क्या वजह है कि इतने महत्वपूर्ण बैठक में अन्य पार्टियों के विधायक दल के नेता क्यों नहीं पहुंचे?
अनुपस्थिति पर नीलकंठ मुंडा ने दिया जवाब
जवाब में नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि कांग्रेस के आलमगीर आलम ने नहीं आने की सूचना दी थी. आजसू की तरफ से भी अनुपस्थित रहने का कारण बताया गया था. गीता कोड़ा सांसद बन चुकी है लिहाजा उनको नहीं आना था. भाकपा माले, मासस, और बसपा के प्रतिनिधि के इस बैठक में नहीं आने के सवाल को टालते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष आ गए, तो सब आ गए.
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अधिकारियों के साथ भी हुई बैठक
विधायक दल की बैठक के बाद स्पीकर ने अधिकारियों के साथ भी सदन के संचालन को लेकर बैठक की. इसमें झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी, डीजीपी केएन चौबे समेत कई विभागों के सचिव मौजूद थे. बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि इस बार ज्यादा से ज्यादा सवालों के जवाब ऑनलाइन मुहैया कराने की कोशिश होगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सत्र के दौरान सवालों से जुड़े तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद रहेंगे.