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केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई 21वीं बैठक, मेयर ने दिए कई सुझाव

केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया. बता दें कि इस बैठक में रांची की मेयर आशा लकड़ा ने झारखंड की ओर से नेतृत्व किया.

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मेयर आशा लकड़ा
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Published : Jun 2, 2020, 6:11 PM IST

रांची: केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक का आयोजन मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में रांची की मेयर आशा लकड़ा ने झारखंड की ओर से नेतृत्व किया. इसमें मनरेगा के कार्यान्वयन की स्थिति और आगे की कार्यों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई.

मनरेगा के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा
बता दें कि इस दौरान मेयर आशा लकड़ा ने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां कोविड-19 के दौरान राज्य में अब तक लगभग साढ़े सात लाख मजदूर राज्य से बाहर काम करने गए हुए थे, जो अब अपने घर वापस आ रहे हैं. ऐसे में सभी मजदूरों को जिलावार सूची तैयार कर स्थानीय बेरोजगारों को कौशल विकास से जोड़कर और मजदूरों को मनरेगा से जोड़ा जाए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.

ये भी पढ़ें- जूनियर से दुष्कर्म के आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर ने किया सरेंडर

कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था पर जोर

वहीं, किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर वृहद बाजार और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि गांव से शहर तक यातायात सुगम होने से किसानों को अनाज बिक्री करने में सुविधा के साथ बिचौलिए से भी मुक्ति मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मनरेगा के जॉब कार्डधारी मजदूरों को राज्य सरकार से रोजगार भत्ता दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों पर झारखंड के 'बैड एलिमेंट्स' की नजर, पुलिस सतर्क



छोटी-छोटी नदियों में बांध बनाकर लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई
पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीणों को 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर पीने का पानी लाने जाना पड़ता है. इसके लिए सरकार गांव में वर्षा जल का संचयन पर जोर दे. साथ ही गांव के छोटी-छोटी नदियों में बांध बनाकर लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई का साधन सुगम कराना चाहिए. इसके साथ ही बोराबांध के माध्यम से जल संचय निर्माण किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जंगल को संरक्षित कर वन उपयोगी सामग्री के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार में बढ़ावा दिया जा सकता है.

रांची: केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक का आयोजन मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में रांची की मेयर आशा लकड़ा ने झारखंड की ओर से नेतृत्व किया. इसमें मनरेगा के कार्यान्वयन की स्थिति और आगे की कार्यों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई.

मनरेगा के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा
बता दें कि इस दौरान मेयर आशा लकड़ा ने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां कोविड-19 के दौरान राज्य में अब तक लगभग साढ़े सात लाख मजदूर राज्य से बाहर काम करने गए हुए थे, जो अब अपने घर वापस आ रहे हैं. ऐसे में सभी मजदूरों को जिलावार सूची तैयार कर स्थानीय बेरोजगारों को कौशल विकास से जोड़कर और मजदूरों को मनरेगा से जोड़ा जाए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.

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कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था पर जोर

वहीं, किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर वृहद बाजार और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि गांव से शहर तक यातायात सुगम होने से किसानों को अनाज बिक्री करने में सुविधा के साथ बिचौलिए से भी मुक्ति मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मनरेगा के जॉब कार्डधारी मजदूरों को राज्य सरकार से रोजगार भत्ता दिया जाना चाहिए.

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छोटी-छोटी नदियों में बांध बनाकर लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई
पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीणों को 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर पीने का पानी लाने जाना पड़ता है. इसके लिए सरकार गांव में वर्षा जल का संचयन पर जोर दे. साथ ही गांव के छोटी-छोटी नदियों में बांध बनाकर लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई का साधन सुगम कराना चाहिए. इसके साथ ही बोराबांध के माध्यम से जल संचय निर्माण किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जंगल को संरक्षित कर वन उपयोगी सामग्री के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार में बढ़ावा दिया जा सकता है.

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