रांची: रांची नगर निगम परिषद की बैठक में बिना मेयर से अनुमति लिए पांच विषयों को रखे जाने पर मेयर ने नाराजगी जाहिर की है. इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को नगर निगम परिषद की बैठक के पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार राजनीतिक व्यक्ति की तरह काम कर रहे हैं, जबकि इससे पहले वर्ष 2017 में तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने परिषद की बैठक को लेकर कानून का सम्मान किया था. स्थायी समिति और निगम परिषद की बैठक में उपस्थित किए जाने वाले कार्यावली पर मेयर से अंतिम निर्णय लेने के बाद ही उसे परिषद की बैठक में सदस्यों के समक्ष रखा था.
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मेयर ने कहा कि जेएमएम कांग्रेस गठबंधन की सरकार में नगर आयुक्त खुद को सर्वोपरि मान रहे हैं. नगर आयुक्त के इस आचरण से रांची नगर निगम में किसी बड़े घोटाले की बू आ रही है. रांची नगर निगम में जब-जब कानून को ताक पर रखकर अधिकारियों ने अपना हित साधने की कोशिश की है. उन विषयों पर आवाज उठाई गई है. मेयर ने कहा कि पूर्व में रांची नगर निगम के अधिकारियों की ओर से की गई गलतियों से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं. आने वाले समय में भी रांची नगर निगम के अधिकारियों की ओर से गलत तरीके से कार्य करने पर आवाज उठाई जाती रहेगी.
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने एक राजनीतिक व्यक्ति की तरह जवाब दिया है, जिस पर फिर से जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार के आचरण से यही लगता है कि वह नगर आयुक्त के पद पर रह कर मेयर के पत्र का जवाब राजनीतिक व्यक्ति की तरह दे रहे हैं और मेयर की ओर से उन्हें एक अधिकारी की तरह निर्देश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद की बैठक में लाए गए नए विषयों पर चर्चा नहीं किया जाएगा.