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मेयर आशा लकड़ा की एजेंसियों को चेतावनी, पाइपलाइन बिछाने के बाद खोदाई की जगहों पर तत्काल करें मरम्मत वरना रोकेंगे 20 फीसदी राशि

मेयर आशा लकड़ा ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जुडको और रांची निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पाइपलाइन बिछाने के लिए पूर्व में जिन स्थानों पर खोदाई की गई, उन जगहों पर मरम्मत जल्द से जल्द पूरा कराएं. जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक नए स्थल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं दी जाएगी.

Mayor Asha Lakra reviewed the ongoing schemes under NNURM in ranchi
मेयर आशा लकड़ा
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Published : Mar 10, 2021, 4:54 AM IST

रांची: मेयर आशा लकड़ा ने एनएनयूआरएम के तहत चल रहे मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना फेज-1 और 2 के तहत की जा रही शहरी जलापूर्ति योजना की मंगलवार को समीक्षा की. जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान मेयर ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना के तहत जिन वार्डों में राइजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने के लिए की गई खोदाई की मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है.

आशा लकड़ा, मेयर

ये भी पढ़ें-झारखंड में कैसे बहेगी विकास की बयार, निवेश की नीति पर विपक्ष ने उठाया सवाल

उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जुडको और रांची निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पाइपलाइन बिछाने के लिए पूर्व में जिन स्थानों पर खोदाई की गई, उन जगहों पर मरम्मत जल्द से जल्द पूरा कराएं. जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक नए स्थल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं दी जाएगी. इसके अलावा अगर संबंधित एजेंसी रेस्टोरेशन के कार्य मे लापरवाही बरतेगी, तो रांची नगर निगम के माध्यम से भुगतान की जाने वाली 20 फीसदी राशि पर रोक लगाई जाएगी. मेयर ने कहा कि संबंधित एजेंसियों के रेस्टोरेशन कार्य में लापरवाही पाए जाने पर रांची नगर निगम अपने स्तर से संबंधित जगहों पर रेस्टोरेशन का कार्य पूरा कराएगा. एजेंसी को किए जाने वाले भुगतान की राशि में कटौती कर रेस्टोरेशन कार्य पर किए गए खर्च की भरपाई करेगा.

शहरी जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान मेयर को जानकारी दी गई कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत राइजिंग पाइपलाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जबकि विभिन्न वार्डों के गली-मोहल्लों में बिछाए जा रहे डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन का काम महज 30-35 फीसदी ही पूरा हुआ है. इसके अलावा अमृत योजना फेज-1 के तहत अब तक मात्र 4 जलमीनार का निर्माण कार्य पूरा किया गया है. अन्य 4 जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है. जबकि शेष 6 जलमीनार के निर्माण के लिए अब तक स्थल चिन्हित नहीं किया गया है. मेयर ने बताया कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत कुल 36 जोन में राइजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाना है, लेकिन अबतक महज 30-35 फीसदी पाइपलाइन ही बिछाए गए हैं. उन्होंने बताया कि एलएंडटी का कार्य कुछ हद तक संतोषजनक है, जबकि जिंदल कंपनी का कार्य शून्य है.

उन्होंने कहा कि संबंधित एजेंसी की लापरवाही के कारण इस वर्ष भी गर्मी के मौसम में राजधानी वासियों को पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल पाएगी. उन्होंने बताया कि मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना फेज-1 के तहत संबंधित एजेंसियों को अब तक 110 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने रांची नगर निगम के जलापूर्ति शाखा के अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि हरमू क्षेत्र में नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन के लिए 13 मार्च को कैम्प लगाएं और अधिक से अधिक लोगों को नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने के लिए मोटिवेट करें.

उन्होंने बताया कि अमृत योजना फेज-2 के तहत जलमीनार और पाइपलाइन बिछाने का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है. समीक्षा के दौरान मेयर ने संबंधित एजेंसियों से यह भी पूछा कि स्थानीय लोगों से मिली शिकायत के अनुसार वार्डों में बिछाए गए डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन डीपीआर में दिए गए साइज के अनुरूप नहीं हैं. हालांकि एलएंडटी और जिंदल के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाने के कार्य में डीपीआर के तकनीकी बिंदुओं का अनुपालन किया गया है. मेयर ने संबंधित एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही स्थल निरीक्षण कर डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन के आकार की जांच की जाएगी.

रांची: मेयर आशा लकड़ा ने एनएनयूआरएम के तहत चल रहे मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना फेज-1 और 2 के तहत की जा रही शहरी जलापूर्ति योजना की मंगलवार को समीक्षा की. जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान मेयर ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना के तहत जिन वार्डों में राइजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने के लिए की गई खोदाई की मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है.

आशा लकड़ा, मेयर

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उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जुडको और रांची निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पाइपलाइन बिछाने के लिए पूर्व में जिन स्थानों पर खोदाई की गई, उन जगहों पर मरम्मत जल्द से जल्द पूरा कराएं. जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक नए स्थल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं दी जाएगी. इसके अलावा अगर संबंधित एजेंसी रेस्टोरेशन के कार्य मे लापरवाही बरतेगी, तो रांची नगर निगम के माध्यम से भुगतान की जाने वाली 20 फीसदी राशि पर रोक लगाई जाएगी. मेयर ने कहा कि संबंधित एजेंसियों के रेस्टोरेशन कार्य में लापरवाही पाए जाने पर रांची नगर निगम अपने स्तर से संबंधित जगहों पर रेस्टोरेशन का कार्य पूरा कराएगा. एजेंसी को किए जाने वाले भुगतान की राशि में कटौती कर रेस्टोरेशन कार्य पर किए गए खर्च की भरपाई करेगा.

शहरी जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान मेयर को जानकारी दी गई कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत राइजिंग पाइपलाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जबकि विभिन्न वार्डों के गली-मोहल्लों में बिछाए जा रहे डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन का काम महज 30-35 फीसदी ही पूरा हुआ है. इसके अलावा अमृत योजना फेज-1 के तहत अब तक मात्र 4 जलमीनार का निर्माण कार्य पूरा किया गया है. अन्य 4 जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है. जबकि शेष 6 जलमीनार के निर्माण के लिए अब तक स्थल चिन्हित नहीं किया गया है. मेयर ने बताया कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत कुल 36 जोन में राइजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाना है, लेकिन अबतक महज 30-35 फीसदी पाइपलाइन ही बिछाए गए हैं. उन्होंने बताया कि एलएंडटी का कार्य कुछ हद तक संतोषजनक है, जबकि जिंदल कंपनी का कार्य शून्य है.

उन्होंने कहा कि संबंधित एजेंसी की लापरवाही के कारण इस वर्ष भी गर्मी के मौसम में राजधानी वासियों को पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल पाएगी. उन्होंने बताया कि मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना फेज-1 के तहत संबंधित एजेंसियों को अब तक 110 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने रांची नगर निगम के जलापूर्ति शाखा के अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि हरमू क्षेत्र में नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन के लिए 13 मार्च को कैम्प लगाएं और अधिक से अधिक लोगों को नए पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने के लिए मोटिवेट करें.

उन्होंने बताया कि अमृत योजना फेज-2 के तहत जलमीनार और पाइपलाइन बिछाने का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है. समीक्षा के दौरान मेयर ने संबंधित एजेंसियों से यह भी पूछा कि स्थानीय लोगों से मिली शिकायत के अनुसार वार्डों में बिछाए गए डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन डीपीआर में दिए गए साइज के अनुरूप नहीं हैं. हालांकि एलएंडटी और जिंदल के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाने के कार्य में डीपीआर के तकनीकी बिंदुओं का अनुपालन किया गया है. मेयर ने संबंधित एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही स्थल निरीक्षण कर डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन के आकार की जांच की जाएगी.

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