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सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने मां दुर्गा को दी विदाई, सिंदूर लगाकर दी विजयादशमी की बधाई - Vijayadashami

रांची के दुर्गा बाड़ी मंदिर में बांग्ला रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होती है. विजयादशमी के दिन सुबह से ही मां की पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है. महिलाएं सिंदूर लगाकर एक-दूसरे को विजयादशमी की बधाई देती हैं.

विवाहिताओं ने मां अम्बे की दी अंतिम विदाई
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Published : Oct 8, 2019, 11:17 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 11:45 AM IST

रांची: राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित दुर्गा बाड़ी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी पूरे विधि-विधान के साथ मां अंबे की पूजा-अर्चना की गई. नवरात्र के पहले दिन से ही पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मां की आराधना की गई. मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर मंदिर में कई अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. इसमें सिंदूर खेला भी एक खास परंपरा है. इसमें विवाहिता मां दुर्गे को सिंदूर लगाने के बाद एक दूसरे के साथ सिंदूर खेलती हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दुर्गाबाड़ी के नाम से प्रसिद्ध अल्बर्ट एक्का चौक स्थित मंदिर में बंगला रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होती है. षष्ठी पूजन के बाद सप्तमी में ही नव पत्रिका प्रवेश हो जाती है. इसके बाद शुरू होती है पूरे विधि विधान के साथ मां की आराधना. विजयादशमी के दिन सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है.

थिरकती महिलाएं

ये भी पढ़ें- शारदीय नवरात्र: मां बिंदुवासिनी भरती हैं भक्तों की झोलियां, देश विदेश से मन्नत मांगने आते हैं श्रद्धालु

इसके बाद मां दुर्गे को विवाहिता सिंदूर लगाकर मंदिर परिसर में ही एक दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेलकर अगले बरस फिर से मां आएंगी इस कामना के साथ मां को विदाई दी गई. इस दौरान बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय की महिलाओं के साथ ही अन्य समुदाय की महिलाएं भी शामिल रहीं.

रांची: राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित दुर्गा बाड़ी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी पूरे विधि-विधान के साथ मां अंबे की पूजा-अर्चना की गई. नवरात्र के पहले दिन से ही पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मां की आराधना की गई. मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर मंदिर में कई अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. इसमें सिंदूर खेला भी एक खास परंपरा है. इसमें विवाहिता मां दुर्गे को सिंदूर लगाने के बाद एक दूसरे के साथ सिंदूर खेलती हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दुर्गाबाड़ी के नाम से प्रसिद्ध अल्बर्ट एक्का चौक स्थित मंदिर में बंगला रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होती है. षष्ठी पूजन के बाद सप्तमी में ही नव पत्रिका प्रवेश हो जाती है. इसके बाद शुरू होती है पूरे विधि विधान के साथ मां की आराधना. विजयादशमी के दिन सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है.

थिरकती महिलाएं

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इसके बाद मां दुर्गे को विवाहिता सिंदूर लगाकर मंदिर परिसर में ही एक दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेलकर अगले बरस फिर से मां आएंगी इस कामना के साथ मां को विदाई दी गई. इस दौरान बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय की महिलाओं के साथ ही अन्य समुदाय की महिलाएं भी शामिल रहीं.

Intro:रांची।


राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित दुर्गा बाटी मंदिर में प्रत्येक वर्ष पूरे विधि-विधान के साथ मां अंबे की पूजा अर्चना की जाती है .इस वर्ष भी नवरात्रा के पहले दिन से ही पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ लगातार मां की आराधना की गई .आज विजयादशमी है .विजयादशमी के अवसर पर इस मंदिर परिसर में कई अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे है.जिसमें सिंदूर खेला भी एक खास परंपरा है .नव विवाहित महिलाएं और विवाहित महिलाएं मां दुर्गे को सिंदूर लगाने के बाद एक दूसरे के साथ सिंदूर खेलती नजर आई......


Body:दुर्गा बाटी या फिर दुर्गाबाड़ी के नाम से प्रसिद्ध अल्बर्ट एक्का चौक स्थित इस मंदिर में बंगला रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होती है. षष्टि पूजन के बाद सप्तमी में ही नव पत्रिका प्रवेश हो जाता है और फिर शुरू होती है पूरे विधि विधान के साथ मां की आराधना. विजयादशमी के दिन सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर शुरू थी.फिर मां दुर्गे को नवविवाहिता और विवाहित महिलाएं ने सिंदूर लगाकर मंदिर परिसर में ही एक दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेल और अगले बरस फिर से मां आएगी इसी कामना के साथ मां को विदा दी गई .इस दौरान बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय के महिलाओं के साथ-साथ अन्य समुदाय की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर शामिल हुई .मौके पर गजब का भक्तिमय माहौल देखा गया और मां अंबे के समक्ष नतमस्तक होकर श्रद्धालुओं ने मां से मनोवांछित फल की कामना भी की.....


Conclusion:इस मौके पर महिलाओं ने ढाकी की थाप पर जमकर थिरके.
Last Updated : Oct 8, 2019, 11:45 AM IST
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