रांची: राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित दुर्गा बाड़ी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी पूरे विधि-विधान के साथ मां अंबे की पूजा-अर्चना की गई. नवरात्र के पहले दिन से ही पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मां की आराधना की गई. मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर मंदिर में कई अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. इसमें सिंदूर खेला भी एक खास परंपरा है. इसमें विवाहिता मां दुर्गे को सिंदूर लगाने के बाद एक दूसरे के साथ सिंदूर खेलती हैं.
दुर्गाबाड़ी के नाम से प्रसिद्ध अल्बर्ट एक्का चौक स्थित मंदिर में बंगला रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होती है. षष्ठी पूजन के बाद सप्तमी में ही नव पत्रिका प्रवेश हो जाती है. इसके बाद शुरू होती है पूरे विधि विधान के साथ मां की आराधना. विजयादशमी के दिन सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है.
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इसके बाद मां दुर्गे को विवाहिता सिंदूर लगाकर मंदिर परिसर में ही एक दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेलकर अगले बरस फिर से मां आएंगी इस कामना के साथ मां को विदाई दी गई. इस दौरान बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय की महिलाओं के साथ ही अन्य समुदाय की महिलाएं भी शामिल रहीं.