ETV Bharat / city

माओवादियों का एक साल तक पीएलजीए वर्ष मनाने का ऐलान, अलर्ट पर झारखंड पुलिस

राज्य में भाकपा माओवादियों का पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी ने अपने साथियों की याद में और संगठन के नवनिर्माण के लिए एक वर्ष तक पीएलजीए वर्ष मानने का ऐलान किया है. इसे लेकर झारखंड पुलिस अलर्ट पर है. पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिसकर्मियों को एहतियान निर्देश दिए जा रहे हैं.

PLGA year started of Maoists
माओवादियों का पीएलजीए वर्ष शुरू
author img

By

Published : Dec 25, 2020, 2:49 PM IST

रांची: भाकपा माओवादियों का पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) स्थापना काल के बाद पहली बार एक साल तक अपने साथियों की याद में और संगठन के नवनिर्माण के लिए एक वर्ष तक पीएलजीए वर्ष मानने का एलान किया है. पहले पीएलजीए सप्ताह आठ दिसंबर तक मनाया जाता है, लेकिन इस बार जो सूचना मिली है उसके मुताबिक माओवादी संगठन की ओर से इस बार पीएलजीए वर्ष भर मनाया जा रहा है. दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक पीएलजीए वर्ष मनाए जाने से संबंधित पत्र खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं.

PLGA year started of Maoists
माओवादियों का ऐलान पत्र

पुलिस की बढ़ी चुनौती

हालांकि साल 2020 में झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलताएं हासिल की हैं लेकिन झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी हर वर्ष अपने मृत साथियों की याद में 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाया करता है. भाकपा माओवादी पुलिस के हाथों मारे गए अपने साथियों को भी शहीद का दर्जा देता है. हालांकि इस बार एक साल तक पीएलजीए वर्ष मनाने का निर्णय कर माओवादियों ने पुलिस को बड़ी चुनौती दे दी है.

ये भी पढ़ें-बाबूलाल मरांडी ने मुंबई की मॉडल के आरोपों को आधारहीन बताया, कहा-दबाव में दे रही बयान

पीएलजीए वर्ष मनाए जाने की सूचना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट किया है. साथ ही संभावित माओवादी हमले से बचने के लिए उपाय भी मुख्यालय ने बताए हैं. पुलिस को खुफिया सूचना मिली है कि अलग-अलग तरीकों से माओवादियों की ओर से सुरक्षाबलों को टारगेट किया जा सकता है.

कैसे हमले की रची है माओवादियों ने साजिश

पुलिस मुख्यालय के ने जारी अलर्ट में बताया है कि पीएलजीए वर्ष के दौरान सीपीआई माओवादी पोस्टर, बैनर लगाकर या काला झंडा फहराकर पुलिस बलों को उत्तेजित कर सकते हैं. ऐसी सूचना पर मौके पर जाने वाली सुरक्षाबलों को आईइडी प्लांट कर या एंटी हैंडलिंग मैकेनिज्म की आईइडी के जरिए टारगेट किया जा सकता है. ऐसे में सुरक्षाबलों की टीम जल्दबाजी न करें. वारदात की पूरी जानकारी लेने के बाद ही निकलें.

बेस कैंप के रास्ते में भी आईइडी लगाने की आशंका

पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि बेस कैंप के रास्तों में भी आईइडी प्लांट किए जाने की संभावना है. ऐसे में बेस कैंप से कभी भी वाहन से मूवमेंट न करें. माओवादी अपने प्रभाव वाले इलाकों में छोटे मोटे ब्लास्ट कर या बिल्डिंग उड़ाकर भी सुरक्षाबलों को मौके पर आने को निमंत्रित कर सकते हैं लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी पूरी योजना बनाकर जाएं. माओवादियों की ओर से भय का माहौल बनाने के लिए भी सुरक्षाबलों पर दूर से फायरिंग की जा सकती है. सुरक्षाबलों को कच्चे रोड, पगडंडी के रास्तों पर चलने से भी परहेज की सलाह दी गई है.

माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम पर कर सकती है वार

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को बताया है कि माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम भी पुलिस बलों को मारकर हथियार लूटने की वारदात को अंजाम दे सकती है. ऐसे में बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. माओवादी चाकू या दूसरे हथियार से ग्रामीणों के वेश में हमला कर सकते हैं. माओवादी इलाके में कार्यरत पुलिसकर्मियों को सलाह दी गई है कि वह राशन समेत अन्य रोजमर्रा की जरूरी चीजें स्टॉक कर रख लें.

वहीं, झारखंड पुलिस के प्रवक्ता व आईजी अभियान साकेत सिंह ने बताया कि पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि माओवादी 2 सप्ताह का पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं उसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया था. हालांकि एक वर्ष तक यह बढ़ाया गया है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है. वहीं, ईटीवी से बात करते हुए आईजी साकेत सिंह ने कहा कि साल 2020 में झारखंड पुलिस लगातार अपना दबदबा कायम रखे हुए हैं चाहे वह माओवादी हो या फिर दूसरे उग्रवादी संगठन सभी के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

रांची: भाकपा माओवादियों का पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) स्थापना काल के बाद पहली बार एक साल तक अपने साथियों की याद में और संगठन के नवनिर्माण के लिए एक वर्ष तक पीएलजीए वर्ष मानने का एलान किया है. पहले पीएलजीए सप्ताह आठ दिसंबर तक मनाया जाता है, लेकिन इस बार जो सूचना मिली है उसके मुताबिक माओवादी संगठन की ओर से इस बार पीएलजीए वर्ष भर मनाया जा रहा है. दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक पीएलजीए वर्ष मनाए जाने से संबंधित पत्र खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं.

PLGA year started of Maoists
माओवादियों का ऐलान पत्र

पुलिस की बढ़ी चुनौती

हालांकि साल 2020 में झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलताएं हासिल की हैं लेकिन झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी हर वर्ष अपने मृत साथियों की याद में 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाया करता है. भाकपा माओवादी पुलिस के हाथों मारे गए अपने साथियों को भी शहीद का दर्जा देता है. हालांकि इस बार एक साल तक पीएलजीए वर्ष मनाने का निर्णय कर माओवादियों ने पुलिस को बड़ी चुनौती दे दी है.

ये भी पढ़ें-बाबूलाल मरांडी ने मुंबई की मॉडल के आरोपों को आधारहीन बताया, कहा-दबाव में दे रही बयान

पीएलजीए वर्ष मनाए जाने की सूचना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट किया है. साथ ही संभावित माओवादी हमले से बचने के लिए उपाय भी मुख्यालय ने बताए हैं. पुलिस को खुफिया सूचना मिली है कि अलग-अलग तरीकों से माओवादियों की ओर से सुरक्षाबलों को टारगेट किया जा सकता है.

कैसे हमले की रची है माओवादियों ने साजिश

पुलिस मुख्यालय के ने जारी अलर्ट में बताया है कि पीएलजीए वर्ष के दौरान सीपीआई माओवादी पोस्टर, बैनर लगाकर या काला झंडा फहराकर पुलिस बलों को उत्तेजित कर सकते हैं. ऐसी सूचना पर मौके पर जाने वाली सुरक्षाबलों को आईइडी प्लांट कर या एंटी हैंडलिंग मैकेनिज्म की आईइडी के जरिए टारगेट किया जा सकता है. ऐसे में सुरक्षाबलों की टीम जल्दबाजी न करें. वारदात की पूरी जानकारी लेने के बाद ही निकलें.

बेस कैंप के रास्ते में भी आईइडी लगाने की आशंका

पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि बेस कैंप के रास्तों में भी आईइडी प्लांट किए जाने की संभावना है. ऐसे में बेस कैंप से कभी भी वाहन से मूवमेंट न करें. माओवादी अपने प्रभाव वाले इलाकों में छोटे मोटे ब्लास्ट कर या बिल्डिंग उड़ाकर भी सुरक्षाबलों को मौके पर आने को निमंत्रित कर सकते हैं लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी पूरी योजना बनाकर जाएं. माओवादियों की ओर से भय का माहौल बनाने के लिए भी सुरक्षाबलों पर दूर से फायरिंग की जा सकती है. सुरक्षाबलों को कच्चे रोड, पगडंडी के रास्तों पर चलने से भी परहेज की सलाह दी गई है.

माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम पर कर सकती है वार

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को बताया है कि माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम भी पुलिस बलों को मारकर हथियार लूटने की वारदात को अंजाम दे सकती है. ऐसे में बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. माओवादी चाकू या दूसरे हथियार से ग्रामीणों के वेश में हमला कर सकते हैं. माओवादी इलाके में कार्यरत पुलिसकर्मियों को सलाह दी गई है कि वह राशन समेत अन्य रोजमर्रा की जरूरी चीजें स्टॉक कर रख लें.

वहीं, झारखंड पुलिस के प्रवक्ता व आईजी अभियान साकेत सिंह ने बताया कि पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि माओवादी 2 सप्ताह का पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं उसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया था. हालांकि एक वर्ष तक यह बढ़ाया गया है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है. वहीं, ईटीवी से बात करते हुए आईजी साकेत सिंह ने कहा कि साल 2020 में झारखंड पुलिस लगातार अपना दबदबा कायम रखे हुए हैं चाहे वह माओवादी हो या फिर दूसरे उग्रवादी संगठन सभी के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.