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ये IAS हैं कुछ खास, प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ लिखी बेस्ट सेलिंग किताबें

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Published : Sep 28, 2021, 4:36 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 1:22 PM IST

IAS यानी भारत का सर्वोच्च प्रशासनिक पद. ट्रेनिंग के दौरान इनको योग: कर्मसु कौशलम्’ बताया जाता है. गीता के इस सूत्र का मतलब है- एक्शन में एक्सिलेंस ही योग है . लोक सेवक का उद्देश्य होता है - पिछड़े और वंचित व्यक्ति की सेवा. लेकिन बहुत कम ऐसे IAS होते हैं जो अपनी जिम्मेदारियों के बीच आने वाली पीढ़ी के लिए भी रास्ता तैयार करते हैं. आज बात करेंगे झारखंड कैडर के IAS मनीष रंजन और राजीव रंजन की.

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आईएएस अधिकारी

रांचीः झारखंड में भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी है. इसकी वजह से एक आईएएस अधिकारी के जिम्मे कई विभाग का भार होता है. इन अधिकारियों पर राज्य के विकास के लिए सरकार की नीतियों को धरातल पर उतारने का भार इतना अधिक है कि कब सुबह से शाम हो जाए, यह पता ही नहीं चलता. व्यस्तता में भी अपने काम से अलग कुछ नया करने के जुनून ने कई आईएएस अधिकारियों को खास बना दिया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के IAS ने किया देश का नाम रोशन, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हासिल किये 100 में से 107 अंक



डॉ. मनीष रंजन की किताब राज्य में बेस्ट सेलिंग
डॉ. मनीष रंजन फिलहाल ग्रामीण विकास विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं. ऐसे में भी उन्होंने झारखंड प्रशासनिक सेवा की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के लिए सामान्य ज्ञान से लेकर कई विषयों की पूरी सीरीज लिख दी है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन की ये किताबें राज्य में बेस्ट सेलिंग साबित हो रही हैं.

देखें पूरी खबर

राजीव रंजन लिख रहे हैं झारखंड के भूगोल पर किताब

योजना एवं विकास विभाग में अपर सचिव का काम देख रहे युवा आईएएस अधिकारी राजीव रंजन इन दिनों प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए झारखंड के भूगोल पर किताब लिख रहे हैं. झारखंड का भूगोल विद्यार्थी मैप के जरिये समझ पाए, इसके के लिए राजीव रंजन जियोग्राफी इन मैप भी तैयार कर रहे हैं.

राजीव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि झारखंड का भूगोल पूरे भारतीय उप महाद्वीप के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. छोटानागपुर का पठार से लेकर सिमडेगा, चाईबासा, राजमहल सभी अलग कालखंडों का प्रतिनिधित्व करते हैं. झारखंड के भूगोल पर स्टैंडर्ड किताब की कमी के चलते वह भूगोल पर किताब लिख रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के एक IAS के मुरीद बन गये अमेरिकी प्रेसिडेंट के सलाहकार, जानें क्यों

क्या कहते हैं डॉ. मनीष रंजन
ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन कहते हैं कि जब वह विद्यार्थी जीवन में थे तब उन्होंने महसूस किया कि हर बच्चे में क्षमता होती है कि वह अपने सपने पूरा कर सके. लेकिन कई बार उन्हें अच्छी पुस्तकें नहीं मिलती. उन्होंने ये भी कहा कि हर प्रतियोगी परीक्षार्थियों को अच्छी पुस्तकें मिले तो वह बेहतर कर सकते हैं. इसीलिए उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और कुछ विषयों पर रिसर्च कर रहे हैं.

और भी कई आईएएस हैं खास
राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के डॉ. मनीष रंजन और राजीव रंजन अकेले नहीं है. अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल फिजिक्स में महारथ हासिल किए हुए हैं. विषय के एक्सपर्ट आईएएस अधिकारियों की लिस्ट लंबी है. इन सबका लक्ष्य यही है कि झारखंड के बच्चों को बेहतर ज्ञान मिले ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें.

रांचीः झारखंड में भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी है. इसकी वजह से एक आईएएस अधिकारी के जिम्मे कई विभाग का भार होता है. इन अधिकारियों पर राज्य के विकास के लिए सरकार की नीतियों को धरातल पर उतारने का भार इतना अधिक है कि कब सुबह से शाम हो जाए, यह पता ही नहीं चलता. व्यस्तता में भी अपने काम से अलग कुछ नया करने के जुनून ने कई आईएएस अधिकारियों को खास बना दिया है.

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डॉ. मनीष रंजन की किताब राज्य में बेस्ट सेलिंग
डॉ. मनीष रंजन फिलहाल ग्रामीण विकास विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं. ऐसे में भी उन्होंने झारखंड प्रशासनिक सेवा की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के लिए सामान्य ज्ञान से लेकर कई विषयों की पूरी सीरीज लिख दी है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन की ये किताबें राज्य में बेस्ट सेलिंग साबित हो रही हैं.

देखें पूरी खबर

राजीव रंजन लिख रहे हैं झारखंड के भूगोल पर किताब

योजना एवं विकास विभाग में अपर सचिव का काम देख रहे युवा आईएएस अधिकारी राजीव रंजन इन दिनों प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए झारखंड के भूगोल पर किताब लिख रहे हैं. झारखंड का भूगोल विद्यार्थी मैप के जरिये समझ पाए, इसके के लिए राजीव रंजन जियोग्राफी इन मैप भी तैयार कर रहे हैं.

राजीव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि झारखंड का भूगोल पूरे भारतीय उप महाद्वीप के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. छोटानागपुर का पठार से लेकर सिमडेगा, चाईबासा, राजमहल सभी अलग कालखंडों का प्रतिनिधित्व करते हैं. झारखंड के भूगोल पर स्टैंडर्ड किताब की कमी के चलते वह भूगोल पर किताब लिख रहे हैं.

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क्या कहते हैं डॉ. मनीष रंजन
ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन कहते हैं कि जब वह विद्यार्थी जीवन में थे तब उन्होंने महसूस किया कि हर बच्चे में क्षमता होती है कि वह अपने सपने पूरा कर सके. लेकिन कई बार उन्हें अच्छी पुस्तकें नहीं मिलती. उन्होंने ये भी कहा कि हर प्रतियोगी परीक्षार्थियों को अच्छी पुस्तकें मिले तो वह बेहतर कर सकते हैं. इसीलिए उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और कुछ विषयों पर रिसर्च कर रहे हैं.

और भी कई आईएएस हैं खास
राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के डॉ. मनीष रंजन और राजीव रंजन अकेले नहीं है. अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल फिजिक्स में महारथ हासिल किए हुए हैं. विषय के एक्सपर्ट आईएएस अधिकारियों की लिस्ट लंबी है. इन सबका लक्ष्य यही है कि झारखंड के बच्चों को बेहतर ज्ञान मिले ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें.

Last Updated : Sep 29, 2021, 1:22 PM IST

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