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शहर की कई बड़ी इमारतों पर सरकार की नजर, क्वॉरेंटाइन के लिए हो सकता है इस्तेमाल

कोरोना वायरस को लेकर सरकार सभी कोशिश कर रही है. डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन ही इस महामारी से बचने का एक मात्र इलाज है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस बाबत तैयारियां की है बावजूद इसके प्रदेश में कई ऐसी इमारतें हैं जो फिलहाल बंद पड़ी है. इन इमारतों को राज्य सरकार क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप कर सकती है.

Many buildings used for quarantine in Ranchi
कोरोना वायरस
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Published : Apr 9, 2020, 6:00 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संकट से निपटने के लिए झारखंड सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में राज्य सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कमजोर है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोविड-19 से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से बड़े पैमाने पर रिक्वायरमेंट भेजी है. वहीं, डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन ही इस महामारी से बचने का एक मात्र इलाज है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस बाबत तैयारियां की है बावजूद इसके प्रदेश में कई ऐसी इमारतें हैं जो फिलहाल बंद पड़ी है. इन इमारतों को राज्य सरकार क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप कर सकती है.

देखिए पूरी खबर

एक दर्जन से अधिक है बड़े एस्टेब्लिशमेंट

हालांकि, आधिकारिक रूप से इस पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस महामारी के खिलाफ लड़ रही ब्यूरोक्रेसी के अंदर इसको लेकर चर्चा है. दरअसल, राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक ऐसी बड़ी इमारतें हैं जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूदा दौर में इस्तेमाल किया जा सकता है. उनमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का पुराना आवास समेत राज्य विधानसभा की पुरानी इमारत और कांके, मोरहाबादी, धुर्वा समेत अन्य इलाकों में खाली पड़ी इमारतें शामिल हैं. बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी का क्रेज लोगों में बना हुआ है और विश्व के अन्य खिलाड़ियों की तरह उनसे भी लोगों की उम्मीदें हैं कि वह अपना दिल बड़ा कर इस अभियान में आगे आएंगे.

इसको लेकर रेल की बोगी तैयार

आधिकारिक सूत्रों का यकीन करें तो जिलों में स्कूल की बिल्डिंग भी आईडेंटिफाई की जा रही है, जहां क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर डेवलप किया जा सकता है. हालांकि, इस बाबत रेलवे ने कदम बढ़ाते हुए अपनी खाली पड़ी गाड़ियों के डिब्बे क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप किए हैं.

ये भी पढे़ं: बेजुबानों पर पड़ रही है लॉकडाउन की दोहरी मार, ईटीवी भारत के सुझाव की मेयर ने की तारीफ

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें

सरकार से प्राप्त आंकड़ों पर यकीन करें तो अभी तक राज्य में 1,31,242 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है, जबकि 15,186 लोग सरकार द्वारा मॉनिटर किए जाने वाले क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. वहीं, राज्य में क्वॉरेंटाइन सेंटर में बेड की संख्या 41,630 है. वहीं, 2891 बेड आइसोलेशन सेंटर में है, जबकि अभी तक मिले आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में 1250 से अधिक लोगों की जांच की गई है, जिनमें आधिकारिक रूप से 13 कोरोना पॉजिटिव के केस सामने आए हैं. प्रदेश में रांची के रिम्स के अलावा एमजीएम जमशेदपुर में कोरोना की जांच की जा रही है.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संकट से निपटने के लिए झारखंड सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में राज्य सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कमजोर है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोविड-19 से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से बड़े पैमाने पर रिक्वायरमेंट भेजी है. वहीं, डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन ही इस महामारी से बचने का एक मात्र इलाज है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस बाबत तैयारियां की है बावजूद इसके प्रदेश में कई ऐसी इमारतें हैं जो फिलहाल बंद पड़ी है. इन इमारतों को राज्य सरकार क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप कर सकती है.

देखिए पूरी खबर

एक दर्जन से अधिक है बड़े एस्टेब्लिशमेंट

हालांकि, आधिकारिक रूप से इस पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस महामारी के खिलाफ लड़ रही ब्यूरोक्रेसी के अंदर इसको लेकर चर्चा है. दरअसल, राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक ऐसी बड़ी इमारतें हैं जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूदा दौर में इस्तेमाल किया जा सकता है. उनमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का पुराना आवास समेत राज्य विधानसभा की पुरानी इमारत और कांके, मोरहाबादी, धुर्वा समेत अन्य इलाकों में खाली पड़ी इमारतें शामिल हैं. बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी का क्रेज लोगों में बना हुआ है और विश्व के अन्य खिलाड़ियों की तरह उनसे भी लोगों की उम्मीदें हैं कि वह अपना दिल बड़ा कर इस अभियान में आगे आएंगे.

इसको लेकर रेल की बोगी तैयार

आधिकारिक सूत्रों का यकीन करें तो जिलों में स्कूल की बिल्डिंग भी आईडेंटिफाई की जा रही है, जहां क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर डेवलप किया जा सकता है. हालांकि, इस बाबत रेलवे ने कदम बढ़ाते हुए अपनी खाली पड़ी गाड़ियों के डिब्बे क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप किए हैं.

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क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें

सरकार से प्राप्त आंकड़ों पर यकीन करें तो अभी तक राज्य में 1,31,242 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है, जबकि 15,186 लोग सरकार द्वारा मॉनिटर किए जाने वाले क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. वहीं, राज्य में क्वॉरेंटाइन सेंटर में बेड की संख्या 41,630 है. वहीं, 2891 बेड आइसोलेशन सेंटर में है, जबकि अभी तक मिले आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में 1250 से अधिक लोगों की जांच की गई है, जिनमें आधिकारिक रूप से 13 कोरोना पॉजिटिव के केस सामने आए हैं. प्रदेश में रांची के रिम्स के अलावा एमजीएम जमशेदपुर में कोरोना की जांच की जा रही है.

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