रांची: राजधानी रांची में एक स्कूल टीचर से नक्सलियों के नाम पर रंगदारी मांगने के आरोप में स्कूल टीचर के बहनोई को ही गिरफ्तार किया गया है. मामला रांची के कांके थाना क्षेत्र का है, जहां एक स्थानीय स्कूल में शिक्षक चंद्र भूषण दास से नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 4 लाख की रंगदारी मांगी गई थी.
क्या है पूरा मामला
रांची के कांके थाना क्षेत्र के सुकुरहुटु के रहने वाले शिक्षक चंद्र भूषण दास पिछले दो दिनों से काफी परेशान चल रहे थे. उनकी परेशानी की वजह थी एक गुमनाम शख्स का फोन कॉल. फोन करने वाले शख्स ने अपना परिचय नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के रूप में दी और शिक्षक से कहा कि वे उन्हें रंगदारी के तौर पर 4 लाख दे दे नहीं तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा. चंद्र भूषण दास ने फोन करने वाले शख्स से कहा कि आखिर वे क्यों उसे रंगदारी दे, लेकिन दूसरी तरफ से सिर्फ यही आवाज आई कि अगर जल्द ही पैसे उपलब्ध नहीं करवाए गए तो उन्हें गोली मार दी जाएगी.
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पुलिस को दी मामले की जानकारी
डरे सहमे शिक्षक चंद्र भूषण दास आनन-फानन में कांके थाना पहुंचे और थाना प्रभारी विनय कुमार को फोन से मिली धमकी के बारे में बताया. पुलिस ने भी बिना समय गवाएं तुरंत जिस नंबर से शिक्षक को धमकी भरा फोन आया था उसे सर्विलांस में डाल दिया. शुरुआती जांच से यह पता चला कि फोन झारखंड के गुमला जिले से किया जा रहा है. टेक्निकल सेल की मदद से यह जानकारी मिली कि फोन का फिलहाल लोकेशन भी गुमला में ही है.
गुमला से आया था कॉल
कांके थाना प्रभारी विनय कुमार ने तुरंत मामले की जानकारी अपने वरीय अधिकारियों को दिया और फोन करने वाले शख्स की गिरफ्तारी के लिए एक टीम के साथ गुमला रवाना हो गए. टेक्निकल सेल की ओर से दिए गए लोकेशन के आधार पर पुलिस की टीम ने जिस नंबर से शिक्षक को धमकी भरा कॉल आ रहा था उस नंबर पर कॉल किया.
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बहनोई ने ही मांगी रंगदारी
वहीं, पास में ही खड़े एक शख्स की फोन की घंटी बजी जिसके बाद उसे खदेड़ कर पकड़ लिया गया. पुलिस ने जब रंगदारी मांगने वाले शख्स को शिक्षक के सामने लाया तो वे चौंक गए. दरअसल, रंगदारी मांगने वाला उनका अपना सगा बहनोई सुदामा दास था. इस क्रम में सुदामा के एक दोस्त पंकज सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों ने मिलकर नक्सलियों के नाम पर शिक्षक से रंगदारी मांगी थी.
मन में आया लालच
पूछताछ के दौरान सुदामा दास ने बताया कि हाल में ही उनके पत्नी के भाई शिक्षक चंद्र भूषण दास कि एक पुश्तैनी जमीन बिकी थी. जमीन के एवज में उन्हें 40 लाख रुपए मिले थे. पत्नी के भाई के पास 40 लाख रुपए होने की सूचना मिलने पर उसे लालच आ गया. सुदामा दास यह जानता था कि उसके पत्नी का भाई एक सीधा साधा इंसान है और अगर उसे नक्सलियों के नाम पर रंगदारी मांगी जाए तो वह डर कर बड़े आराम से पैसे दे देगा.
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रंगदारी मांगने की साजिश
यह सोच सुदामा दास ने अपने एक दोस्त के साथ रंगदारी मांगने की साजिश रच डाली. लेकिन रंगदारी मांगे जाने से डरे सहमे शिक्षक ने पुलिस के पास जाकर अपनी बात रख दी और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे कांड का ही पटाक्षेप करते हुए सुदामा और पंकज सिंह को धर दबोचा.