रांचीः झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ कांग्रेस महागठबंधन की सरकार में शामिल है. ऐसे में वर्ष 2021 कांग्रेस के लिए मिलाजुला ही रहा. कांग्रेस के लिए संगठन विस्तार और सरकार में सामंजस्य बैठाने में ही ये साल निकल गया.
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कांग्रेस संगठन में बदलाव का वर्ष रहा 2021
झारखंड में 2019 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में लड़ा था. चुनाव के बाद रामेश्वर उरांव मंत्री बन गए. वर्ष 2021 में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Committee) अध्यक्ष से लेकर सभी कार्यकारी अध्यक्ष बदल दिए गए. इसके अलावा राज्य की कमान जमीनी कार्यकर्ता राजेश ठाकुर को सौंप दी गयी. वहीं सांसद गीता कोड़ा को सहित चार लोगों को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया. नए प्रदेश अध्यक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर राज्य भर में कांग्रेस का जागरुकता अभियान चला. संगठन को और सशक्त बनाने के लिए सदस्यता अभियान को गति दी गयी.
झामुमो-राजद से कभी तकरार... कभी प्यार...
राज्य में कांग्रेस झामुमो और राजद के साथ सरकार में है. लेकिन भाषा विवाद सहित कई मुद्दे ऐसे आए जब कांग्रेस ने आंखे लाल भी कीं. अभी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाई गयी सत्ताधारी दलों के सर्वदलीय बैठक को नजरअंदाज कर कांग्रेस विधायक दल के आवास पर बैठक होती रही. इसको लेकर कई कयास भी लगने लगे, फिर वरीय नेताओं ने सबकुछ सामान्य करने में अपनी भूमिका निभाई.