रांची: राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में कोरोना जांच की गति तेज करने की जरूरत है. इसे देखते हुए एचएलएल लाइफ केयर इंडिया लिमिटेड से रैपिड टेस्टिंग किट क्रय किया जाए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अनुमति और विशेष ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध कराया गया. जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर, छात्र, मरीज और यात्रियों का झारखंड में आगमन शुरू हो गया है. एक तरफ यह हमारे लिए सुखद अनुभव है तो दूसरी तरफ यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती भी है.
लॉकडाउन में छूट नहीं देने के निर्णय का स्वागत
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने दी गई गतिविधियों में छूट को फिलहाल झारखंड में लागू न करने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है. कोरोना संक्रमण के खतरे से झारखंड को सुरक्षित रखने के लिए यह काफी नहीं होगा. इससे सरकार भी सहमत होगी. ऐसे समय में जरूरी है कि राज्य में तीव्र गति से लोगों की जांच हो.
उन्होंने कहा है कि उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर के जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के क्रम में रांची के सांसद संजय सेठ ने मेरे हवाले से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एचएलएल लाइफ केयर इंडिया लिमिटेड के विकसित रैपिड टेस्टिंग किट के बारे में बताया था. इस रैपिड टेस्टिंग किट को झारखंड के बीआईटी सिंदरी के पूर्व छात्र डॉ नीरज मदान ने तैयार किया है. इनकी पैकेजिंग की समस्या को दूर करने में उनकी भी भूमिका थी. देश के करीब 12 राज्य एचएलएल को रैपिड टेस्टिंग किट खरीदने के लिए ऑर्डर दे चुके हैं और उत्तराखंड से ही 2 राज्यों को रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति की जा चुकी है.
एक-दो दिन में आईसीएमआर से मिल जाएगी अनुमति
उन्होंने कहा है कि यह सही है कि चीन ने आपूर्ति की गई टेस्टिंग किट की गुणवत्ता खराब पाए जाने के बाद आईसीएमआर ने एचएलएल को रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति के लिए दी गई है अनुमति फिलहाल स्थगित कर दी है. रविवार को डॉ नीरज मदान ने आश्वस्त किया है कि किट की दुबारा जांच के बाद एचएलएल को एक-दो दिन के अंदर आईसीएमआर के अनुमति प्राप्त हो जाएगी.
रैपिड टेस्टिंग किट है सस्ती
उन्होंने कहा है कि यह भी जानकारी मिली है कि आकस्मिक जरूरत की वजह से बिहार ने एचएलएल से 50 हजार टेस्टिंग किट खरीदे हैं. अगर झारखंड में भी इमरजेंसी हो तो आईसीएमआर से अनुमति मिलने पर एचएलएल से किट खरीदे जा सकते हैं. उनके पास पर्याप्त स्टॉक है और किट की कीमत मात्र 380 रुपये प्रति किट है, जो सस्ती है. इसके माध्यम से गांव-गांव जाकर घर घर जांच की जा सकती है. इसके लिए किसी अस्पताल या प्रयोगशाला की जरूरत नहीं है.
50 लाख की राशि से क्रय करें टेस्टिंग किट
ऐसे में सांसद निधि से प्रधानमंत्री राहत कोष में दी गई राशि के अतिरिक्त रिम्स और सदर अस्पताल को 25- 25 लाख रुपए सुरक्षा और जांच उपकरणों के खरीद के लिए दिए गए हैं. फिलहाल जांच की गति बढ़ाने की आवश्यकता को देखते हुए जिले के उपायुक्त से आग्रह किया है कि 50 लाख की राशि से रैपिड टेस्टिंग किट की क्रय कर लें. इसके साथ ही कई सांसद और विधायकों ने भी राशि उपलब्ध कराई है. जिसका प्रयोग इस मद में किया जा सकता है.
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सुझाव पर सकारात्मक दृष्टि से करें विचार
ऐसे में आग्रह है कि सुझाव पर सकारात्मक दृष्टि से विचार करते हुए झारखंड में कोरोना जांच की प्रक्रिया को गति दें और उपयुक्त हो तो एचएलएल से रैपिड टेस्टिंग किट के क्रय के लिए कोरोना नियंत्रण के लिए बनी टीम को पूरी तत्परता से जानकारी लेकर निर्णय लेने के लिए निर्देशित करें. इसके साथ ही जरूरत हो तो हर प्रकार की सहायता की जाएगी और जरूरी हो तो एचएलएल के प्रबंध निदेशक सुब्रमण्यम से उनके मोबाइल नंबर 99612 39358 पर संपर्क किया जा सकता है.