रांची: राज्य में बालू का खेल चरम पर है. सालाना करीब 300 करोड़ राजस्व देने वाले इस सेक्टर में माफिया सक्रिय हैं. अब तक राज्यभर में मात्र 32 बालू घाट वैध रुप से चल रहे हैं जबकि राज्य में अनाधिकृत रुप से इनकी संख्या 400 से ज्यादा है.
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प्रदेश में अनाधिकृत रुप से हो रहे बालू खनन में दलाल और माफिया की मिलीभगत का खामियाजा आम जनता उठा रही है. ऐसे में 10 से 12 हजार में एक हाइवा मिलनेवाला बालू अभी 16 से 17 हजार तक में बिक रहा है. जिसपर राजनीति हावी है और बालू का अवैध खेल धड़ल्ले से जारी है. ऐसे में 09 से 10 हजार में 350 cft बालू मिल रहा है. झारखंड में बालू की ऑनलाइन बुकिंग हवा हवाई साबित हो रही है.
ऑनलाइन बुकिंग में कई तरह की खामियां होने के कारण राज्य में बालू का अवैध कारोबार एक बार फिर जोरों पर चल रहा है. बालू घाट से लेकर बाजारों तक बालू माफिया सक्रिय हैं और इस काम में पुलिस प्रशासन के अलावा कई सफेदपोश भी शामिल हैं. जिसके कारण बालू घाटों से अवैध खनन कर बालू माफिया मनमाने दामों में बाजारों में बालू बेचे जा रहे हैं. पुलिस प्रशासन और बालू माफिया के मिलीभगत से चल रहे इस धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल हैं. जिनकी पहुंच सत्ता की गलियारों तक है जिसके कारण सरकार की सारी व्यवस्थाएं धरी-की-धरी रह जाती है.
रियल स्टेट सेक्टर से जुड़े संजय जैन की मानें तो ऑनलाइन व्यवस्था सरकार की कारगर नहीं है. इसके कारण लोग ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सप्लायर के माध्यम से उपलब्ध बालू कुछ घंटों में घर तक पहुंच जाता है हालांकि इसमें दाम जरूर अधिक देनी होती है. दाम ज्यादा होने के पीछे चोरी-छिपे और थाना तक पैसा देकर बालू का व्यापार होना है.
बजट सत्र में बालू को लेकर हुआ था हंगामा, मुख्यमंत्री की घोषणा हवा-हवाई
झारखंड में बजट सत्र के दौरान बालू उठाव को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ था. बालू घाटों से हो रहे अवैध खनन रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन ऐप के जरिए बालू की बुकिंग कर लोगों को घर बैठे 785 रुपया में 100 सीएफटी और परिवहन शुल्क के साथ बालू उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद जेएसएमडीसी ने SAND TAXI ऐप भी तैयार किया है. jsmdcsandtaxi.com के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बालू खरीदने की व्यवस्था की गई है मगर सरकार की यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है.
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होती रही है बालू पर राजनीति
बालू को लेकर सदन से लेकर सड़क तक में आवाज उठती रही है. वर्तमान समय में एक बार बालू की हो रही जमकर कालाबाजारी पर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य सरकार के संरक्षण में सुनियोजित रुप से बालू माफिया कालाबजारी में जुटे हैं, जो मनमाने दामों पर बालू बेच रहे हैं. बीजेपी नेता प्रदीप वर्मा ने ऑनलाइन व्यवस्था सरकार की ऑईवास बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा हवा हवाई हो चुकी है.
इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है बालू का खेल बीजेपी राज में किस कदर होता रहा है वह बताने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था में लोग बुकिंग नहीं कर रहे हैं, इसके लिए सरकार कैसे दोषी हो सकती है.
बहरहाल बालू को लेकर खेल जारी है. माफिया सक्रिय है और जनता त्रस्त है. ऐसे में सरकारी स्तर पर जबतक ईमानदारी से पहल नहीं की जाएगी. तबतक बालू माफिया का राज बालू घाटों पर बनी रहेगी और जनता महंगे दरों पर बालू खरीदने को विवश होती रहेगी.