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12 साल बाद नए रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ, पुरी के कारीगरों ने दिया अंतिम रूप

रांची में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की तैयारी धूमधाम से की जा रही है. पिछले दो साल से कोरोना की वजह से यात्रा नहीं निकाली गई थी. इसलिए इसबार श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है. भगवान जगन्नाथ का रथ भव्य और आकर्षक बनाया गया है.

Lord Jagannath
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Published : Jun 30, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 1:49 PM IST

रांचीः राजधानी में रथ यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए 12 साल बाद एक नए भव्य रथ का निर्माण किया गया है. रथ को खींचने के लिए 101 फीट की रस्सी भी तैयार की गई है. इसी रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ यात्रा पर निकलेंगे.

40 फीट का रथः रांची के जगन्नाथपुर में एक जुलाई को शुरू होने वाली रथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. पूरे 12 साल के बाद भगवान जगन्नाथ नए रथ में बैठकर यात्रा पर निकलेंगे. पिछले दो महीने से ओडिशा के पुरी से आए 10 कारीगर दिन रात मेहनत कर रथ का निर्माण कर रहे थे. रथ अब बिल्कुल तैयार है. पुरी के कारीगरों ने बताया कि इस बार भगवान जगन्नाथ के लिए एक भव्य रथ तैयार किया गया है. जिसकी हाइट 40 फीट है और चौड़ाई 26 फीट है. रथ को खींचने के लिए कम से कम 100 लोगों की जरूरत होगी.

40 लाख की आई है लागतः पूरे दो साल के बाद रांची के जगन्नाथपुर में रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है. इससे पहले 2 साल कोविड संक्रमण की वजह से रथयात्रा नहीं निकाली गई थी. लेकिन इस बार रथ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं. जगन्नाथपुर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि सागवान की लकड़ी से भगवान जगन्नाथ का रथ बनाया गया है. निर्माण में 40 लाख रुपये की लागत आई है. रथ के बाहरी हिस्सों में भव्य तरीके से कलाकृतियों का निर्माण किया गया है. वहीं रंग रोगन इतने बेहतरीन तरीके से किया गया है कि दूर से देखने पर ही रथ बेहद मनमोहन दिखता है. क्या है मान्यताः मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने उनसे द्वारिका के दर्शन कराने की इच्छा व्यक्त की थी. तब भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन की इच्छा पूर्ति के लिए उन्हें रथ में बिठाकर पूरे नगर का भ्रमण करवाया था. इसके बाद से ही रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी.

रांचीः राजधानी में रथ यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए 12 साल बाद एक नए भव्य रथ का निर्माण किया गया है. रथ को खींचने के लिए 101 फीट की रस्सी भी तैयार की गई है. इसी रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ यात्रा पर निकलेंगे.

40 फीट का रथः रांची के जगन्नाथपुर में एक जुलाई को शुरू होने वाली रथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. पूरे 12 साल के बाद भगवान जगन्नाथ नए रथ में बैठकर यात्रा पर निकलेंगे. पिछले दो महीने से ओडिशा के पुरी से आए 10 कारीगर दिन रात मेहनत कर रथ का निर्माण कर रहे थे. रथ अब बिल्कुल तैयार है. पुरी के कारीगरों ने बताया कि इस बार भगवान जगन्नाथ के लिए एक भव्य रथ तैयार किया गया है. जिसकी हाइट 40 फीट है और चौड़ाई 26 फीट है. रथ को खींचने के लिए कम से कम 100 लोगों की जरूरत होगी.

40 लाख की आई है लागतः पूरे दो साल के बाद रांची के जगन्नाथपुर में रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है. इससे पहले 2 साल कोविड संक्रमण की वजह से रथयात्रा नहीं निकाली गई थी. लेकिन इस बार रथ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं. जगन्नाथपुर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि सागवान की लकड़ी से भगवान जगन्नाथ का रथ बनाया गया है. निर्माण में 40 लाख रुपये की लागत आई है. रथ के बाहरी हिस्सों में भव्य तरीके से कलाकृतियों का निर्माण किया गया है. वहीं रंग रोगन इतने बेहतरीन तरीके से किया गया है कि दूर से देखने पर ही रथ बेहद मनमोहन दिखता है. क्या है मान्यताः मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने उनसे द्वारिका के दर्शन कराने की इच्छा व्यक्त की थी. तब भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन की इच्छा पूर्ति के लिए उन्हें रथ में बिठाकर पूरे नगर का भ्रमण करवाया था. इसके बाद से ही रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी.
Last Updated : Jun 30, 2022, 1:49 PM IST
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